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Sonal Panwar
पतझड़ के मौसम में , तेज़ हवा के झोंकों से , वृक्ष से पत्ते छूट जाते हैं , गिरते है वो धरा पे , अपनी ही शाख से टूट जाते हैं ! अपनी पहचान खोकर , लाचार और बेबस होकर , वीरान कर देते है उस वृक्ष को , और खुद मिट्टी में मिल जाते हैं ! पीले पत्ते पहचान खोकर भी , खाद बन वृक्ष को बढ़ाते हैं , एक बार फिर नवकोंपलों से , वृक्ष को हरा-भरा बनाते हैं ! जीवन में भी कई मौसम आते हैं , कभी पतझड़ तो कभी बसंत आते हैं , फिर भी कभी जीवन रुकता नहीं , तूफान के बाद भी कश्ती को किनारे मिल जाते हैं ! जीवन का भी यही नियम है , विनाश के बाद सृजन के रास्ते खुल जाते हैं ! ©Sonal Panwar #Pattiyan #पत्तियां #leaves #पतझड़ #Hindi #hindi_poetry #Poetry #Shayari #Quotes #Nojoto
Pushpa Rai...
ना जाने क्यों पत्तों सी हो गई है जिंदगी कभी यहां कभी वहां सुकून न जाने कहां खो गया है ©Pushpa Rai... #पत्तियां #सुकून_की_तलाश #नोजोटो #नोजोटोहिंदी #हिंदी_कोट्स_शायरी
@hardik Mahajan
#पत्तियां पत्तियां पतझड़ में मिल जाती है जब हरे भरे वृक्षों को पानी ना मिले, जिंदगी भी कुछ इस तरह से पतझड़ बनकर फिरती इधर उधर, जब तब जिंदगी को खुद से रास्ता ना मिलें, हरे भरे वृक्षों की तरह, हो जाता अधूरा है,पतझड बनकर रह जाता जीवन फिर एक अकेला! ©Hardik Mahajan #Pattiyan #Nojoto #hindi #motivational_quotes #Merikalamse✍️ #hardikmahajan 1_07_2023
Ramkishor Azad
चेहरा है जिनका सूर्य की प्यारी लालिमा, आंखें हैं उनकी कोहिनूर सी चमकती आईना! होंठ हैं जिनके गुलाब की खिलती पंखुड़ियां, बदन हैं जिसका छुई-मुई की कोमल पत्तियां!! डीयर आर एस आज़ाद.... ©Ramkishor Azad #SunSet #प्यारी #RSS #कोहिनूर #आंखें #अंग #पत्तियां #Shayar #loV€fOR€v€R #Trading Sethi Ji Classical gautam manjeet Mittal g....Aligarh Gunjan mahant
अनिता कुमावत
पेड़ो की झड़ती पत्तियाँ बन कर खाद पेड़ो को पोषण दे बड़ा करती हैं ...!!! फूलों पे मंडराती तितलियाँ काँटो में उलझ जाती कभी फिर भी परागकण से नए पौधे उगने में सहायता करती हैं ...!!! नदियाँ बहा ले जाती अपने साथ किनारों की गंदगी और मैल सारा और जल को निर्मल कर देती हैं ...!!! ये पत्तियाँ , तितलियाँ , नदियाँ अपने पूर्व जन्म में "स्त्रियाँ " रही होगी ना ...!!! कुछ यूँ ही .... #पत्तियां #तितलियां #नदियाँ #स्त्री #yqdidi #yqhindi
Ramkishor Azad
परछाई भी उनकी खूबसूरत राजकुमारी सी दिखने लगती है, मानो वो प्यार की परी सामने दिल पास ही हमारे खड़ी है! पतियों में लिखीं हवाओं की दास्तां सुनाने जा रही है, मोहब्बत की खुशबू कहानी बनकर सितारों में झिलमिला रही है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad उनकी परझाई हवा में उड़ रही है R #परझाई #उनकी_यादें #प्यार #मोहब्बत #पत्तियां #दस्तां #सितारें #खुशबू #झिलमिल #शायरी Ankita Kumari0000 Barkha Diksha Singh rasmi Anupriya
Kajalife....
ये पत्तियां भीगकर बारिशों में , आज फिर से इतरायी हैं ... रंगत और निखर गई है इनकी , जैसे एक वक्त बाद फिर मुस्कुराई हैं ... देखो तो कितनी खूबसूरत, लग रही है ये हरियाली, जच रही खूब इन पर बूंदों की कलाकारी ... सुकूं ढूड़ों इनमें कभी अपना आज ये फिर हमारें लिए जीना दोहरायी हैं -Kajalife #पत्तियां #बारिश #हरा रंग #Nature#love :)
pandeysatyam999
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
Tanu Vyas
हार के चंद परेशानियो से , निकल चुकी थी घर से... थक कर बैठी इक पेड के नीचे पनाह लिये... सिर झुकाए मैं कोस ही रही थी जिंदगी को... कि कुछ शोर सुना...सिर उठाकर देखा तो... वो नन्ही सी चिडिया आशियाना बना रही थी तिनके बटोर कर... कुछ हिम्मत और खुशी उसे देखकर मिली ही थी कि... तभी पेड से गिरती कुछ पत्तियां... जैसे खो रही थी वो वजूद अपना... फिर वही हताशा इक बार फिर मिली... कुछ चीटियां भी दाने ला रही थी समेटकर... उठाकर वजन भारी चढती जा रही थी वो मिट्टी के ढेरों पर... जैसे कह रही हो मुझसे उठ अब यह निराशा यहीं छोडकर... आसमां की ओर देखा तो फासले अनंत से लगे... लगा जैसे मेरे सपनो की ऊँचाइयां भी इस आसमां जितनी है... सोचा कि यह फासले कैसे पार करूंगी मैं... फिर नजरें क्षितिज पर गयी और जबाव मिल गया... टूटी हुयी पत्तियां भी मुस्कुराकर बोली कि वसंत का आना अभी बाकी है... कि तू चल इन मुश्किलों का कारवां गुजरना अभी बाकी है... इन अंधेरी रातों का सवेरा होना अभी बाकी है... ढलती हुयी शाम का सूरज निकलना अभी बाकी है... जो लोग ताने कस रहे है यूं तो दास्तां-ए-जिंदगी उनकी भी कुछ खास नही... भटके हुए मुसाफिर हैं खुद की मंजिलों का उन्हे भी एहसास नहीं... माना रास्ते तो अंधेरे है...पर मेहनत का जुगनू इन्हे भी चमकाएगा... और जब मंजिलें मिलेंगी तुझको तो वो खुशियों का दौर फिर आयेगा... खुशियों का दौर फिर आयेगा...
govind kumar prajapat
पत्तियां, पेड़ों से हैं खफ़ा पतझड़ की रुत जो हैं आयी इक( पेड़)को सींचा हैं बारिश ने दुजें को (पतियों)हवा ने आग लगाई हैं । #nojoto,#seher,#shayari,#poetry,#nojotohindi,#nojotoenglish,#nojotoaudio,#nojotoofficial,#sad,#love,#पतझड़,#पत्तियां,#पेड़,#बारिश,#हवा,#आग, Pete Wills Vinay Vinayak Nitish Sagar Khushwant Deo Shivam Tiwari (Digvijay)