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Deepak "New Fly of Life"
मेरे ख़यालों की हदों से गुजर रहा है कोई ! कि जैसे साँसों के तरानों से धड़कने सुन रहा हो कोई! मुझ में है छिपा, मग़र मुझे ही मालूम नहीं! शायद मुझसे भी ज़्यादा इंतज़ार कर रहा है कोई!! मेरे ख़यालों की हदों से गुजर रहा है कोई !!! ©Deepak Bisht #सुषमा-ए-अदायगी
Rakesh Mahato
भारतीय राजनीति की माँ सुषमा का अंत हो गया एक स्वराज का पहली महिला विदेश मंत्री बनके विश्व में पहचान दिलाया, भारत को हर वक़्त तैयार रहती सहायता करने को असल मायनो मे जनप्रतिनिधि थी भारत की दिल था उसका निर्मल, मन था उसका स्वच्छ पार्टी और पद से ज्यादा प्रेम और समर्पण था देश के प्रति हर वक़्त कोशिश ये करती देश को प्रगति पर लाती पक्ष हो या बिपक्ष हो, सबके लिए बन गई चहेती यही सोच उनकी सबसे अलग कर देती आख़री Tweet भी मन को भा गई शायद इसदिन के लिए हि वो आजतक जी गई भारतीय राजनीति की माँ सुषमा अंत हो गया एक स्वराज का Rakesh Mahato ##सुषमा स्वराज
Birjesh Singh
#EMI... #जरूर_पढ़ें_आपको_झकझोर_देने_वाली_कहानी ला ...बहू...ये सब्जी मैं काट देती हूँ, तू अभी ऑफिस से थकी हारी आई है और आते ही लग गई सब्जी काटने .. मै तो कहती हूँ, तू यह जॉब अब छोड़ ही दे.... सुषमा जी ने अपनी बहू किजंल के हाथ से सब्जी लेते हुए कहा....। "नही माँ जी, जब तक फ्लैट की EMI पूरी नहीं हो जाती....तब तक मे नौकरी छोड़ने का सोचूंगी भी नही.. "लेकिन बेटा.....अब तो राजेश की भी अच्छी जॉब लग गई है.... फिर आधी EMI तू क्यों देती है ...सुषमा जी ने सब्जी काटते हुए कहा.... "क्योकि मैंने उस दिन आपको पर्दे के पीछे बहुत देर तक रोते देखा था..... जब पिता जी ने जरा सी कहा सुनी पर आप से कह दिया, कि निकल जा मेरे घर से....... सुषमा जी अवाक सी नजरों से बहु किजंल को देखने लगी तो किजंल बोली -मां....ये आपके साथ नही बल्कि हर शादीशुदा लडकियों को अक्सर सुनने को मिलता है अक्सर पति गुस्से मे कह देते है की जाओ अपने घर ये मेरा घर है ...और वही मायके मे मां बाप भाई बहन कहते है की अब ससुराल ही तुमहारा घर है ये नही.... तो आखिर हम लडकियों का अपना घर कौन सा है .. मां सच तो ये है हमारे बिना कोई घर ...घर नही होता सिर्फ ईट पत्थरों का ढांचा होता है उसे घर हम बनाती है फिर भी हमें सुनने को मिलता है की ..... इसीलिए मां मे नौकरी करके आधी EMI भरती हूं मुझे हक के लिए नही बल्कि ये सुनने को मिले ये हमारा घर है ...हम सभी का ...कहते किजंल सुषमा जी के गले लग गई वही सुषमा जी भीगी आँखें लिए सोच रही थी बहुत खूब मेरी बच्ची ...बहुत खूब .... सचमुच हर बेटी को आत्मनिर्भर बनकर पति के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ देने से ही एक ईट पत्थरों का ढांचा घर बना सकती है ...अपना घर... #वक्त_है_बदलाव_का Good morning
Ankit Vatsa
था सरदार यदि लौह पुरुष, वह भी तो लौह नारी थी, दुनियां में जिनका डंका बजता , वो स्वराज सबकी प्यारी थी । चली गई वो यूं छोड़कर, सबके नैनों में अश्रु देकर, कोयल सी जिसकी वाणी थी, राष्ट्र संयुक्त की जो रानी थी, वो स्वराज सबकी प्यारी थी । वो नारी शक्ति की परिभाषा थी , वो मेहनत व कुशलता की पराकाष्ठा थी, वजीरे विदेश के कौशल से निहित, वो स्वराज सबकी प्यारी थी । रजिया सी जो रजनैतिज्ञ थी, ज्ञान सरस्वती सा था जिसमे, थी वो पतिवर्ता और जिसने माँ की भी परिभाषा जानी थी, वो स्वराज सबकी प्यारी थी, वो स्वराज सबकी प्यारी थी। #सुषमा #स्वराज पर मेरे द्वारा लिखित कुछ काव्य पंक्तियां। देश की ऐसी बेटी को कोटि कोटि प्रणाम। ऐसी और कविताऐं पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर जाएं, लिंक है । https://vatsa7281.blogspot.com/?m=1
Anita Sudhir
मुक्तक **** पत्तों पर शबनम की बूँदे,मणिक सी सुषमा दिखाती हैं, छनकर आती रवि किरणों से,भोर की सुषमा सुहाती है। खिले कमल जब खोले नयना,करती शीतल ये मस्त पवन, नदियों,झरनों के कलकल में,प्रकृति की सुषमा लुभाती है। #सुबह#मुक्तक
Kavi Kumar Ashok
#OpenPoetry सुषमा दीदी के लिए गीत छोड़ चली हमे छोड़ चली सुषमा दीदी छोड़ चली राखी से पहले बहन हमारी हमसे क्यों मुंह मोड़ चली। छोड़ चली हमे छोड़ चली... जो जनमानस की आशा थी, जो दुखियों की अभिलाषा थी पूरी दुनिया में भारत के गौरव की जो परिभाषा थी वो भारत माँ की राजदुलारी अब जाने कहाँ किस ओर चली छोड़ चली हमे छोड़ चली अश्रुपूर्ण नमन 💐🙏 #OpenPoetry #RIP_SushmaSwaraj_Didi #Poem_for_sushma_di #kavikumarashok #कुमार
||स्वयं लेखन||
RIP Sushma Swaraj संघर्ष भरे इस जीवन में , जो खुद से कभी न हारी । सत् बार नमन उसको मेरा , है धन्य ! धन्य ! वह नारी । है धन्य ! धन्य ! वह नारी । है धन्य ! धन्य ! हर नारी । " संघर्ष भरे इस जीवन में , जो खुद से कभी न हारी । सत् बार नमन उसको मेरा , है धन्य ! धन्य ! वह नारी । है धन्य ! धन्य ! वह नारी । है धन्य ! धन्य ! हर नारी । "