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kritim maitri:)

suno na , khubsurat itne ban jao tum 
mai hun anpad ki,akchhar mere ban jao tum 
ki kab,kaha,kaise mile the hum
 kaise btaungi is jahan koa mai
ki, hun mai bejuban ....
awaj meri ban jao tum...

©kritim maitri:) #juban#meri#ishq#dard#awaj#nojoto #poetry#thought#motivation

vineetapanchal

#Hawas #awaj #masoom कोट्स इन हिंदी लाइफ कोट्स Aaj Ka Panchang

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White जिसने उसकी आवाज दबाई होगी !

उसने राम की भी तो दुहाई दी होगी !

'सच्चा सनातनी' तो बिल्कुल भी नहीं हैं वह...

जिसने मासूम से हवस बुझाई होगी !

😓😓

©vineetapanchal #Hawas #awaj #masoom  कोट्स इन हिंदी लाइफ कोट्स Aaj Ka Panchang

ADV. Rashmi Gupta

Kalpana Srivastava

#awaj

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मेरी भी ख्वाइशों की उड़ान आसमान 
के तरह ही ऊंची हैं,
करना तो बहुत कुछ है जीवन में
पर वक्त हर वक्त हौसले का इम्तिहान लेती है..
 यकीन है खुद पर मुझे 
मिल जायेगी मंजिल एक दिन मुझे
लगातार प्रयास तू करता चल ऐ राही
मेरी अंतरात्मा की आवाज अब यही कहती है..
⭐

©Kalpana Srivastava #awaj

Shaayriyaan

Er. Prem

ayesha sinha (Ritu)

awaj ka raj #mot nojoto #awaj

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Zindgi_eek_sikh

Golu

#SAD #Broken #awaj

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Sonam kuril

गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी, बेटियां गरजती,अच्छी,लगती क्यों नहीं, चुप रही हर चोट, हर प्रहार पर, वेदनाइये,उसकी व्यथा, क्यों किसी को चुभती नहीं, गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी, बेटियां गरजती,........ रुपरेखा, मापदंड, सीमाएं, मर्यादाएं,

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गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,अच्छी,लगती क्यों नहीं,
चुप रही हर चोट, हर प्रहार पर,
वेदनाइये,उसकी व्यथा, क्यों किसी को चुभती नहीं,
गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,........

रुपरेखा, मापदंड, सीमाएं, मर्यादाएं,
क्यों स्त्रियों पर ही थोपी गयी,
लूट ली जब आबरू एक बेटी की,
चुप रही, ना लड़ सकी,
ना बेटा, ना बाप,
कौन संभाले, कौन बचाएं,
कौन थामेगा हाँथ,
डरकर ज़माने की कुरीत से,
चाहकर भी माँ चुप रह गयी,
पूछती हैं जिज्ञासा...,
बेटियां गरजती,....,

चाहता था एक बाप बेटी बन जाये अफसर,
सीख दी अगर हो गलत चुप रहना नहीं,
बोलना डंके की चोट पर,
रोकेगा जमाना अगर सच के साथ जाएगी,
तिरस्कारेंगे, धिकारेंगे भी तुझे,
जो अगर तू कुरीतियों से लड़कर,
समाज के बेढंग ढांचे के विरुद्ध जाएगी,
पर दहाड़ना तू शेरनी सी,
चाहे कितनी भी हो रास्तों में अटकले,
तू बन पहाड़ बादलों से लड़ना,और गर्जना..|
पर.......
पर खामोश हो गयी वो दहाड़,
फँस कर इस ज़माने की कुरीतियों के  शोर में ,
पुछती हैं जिज्ञासा मेरी......,
बेटियां गरजती,.......

©Sonam kuril गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,अच्छी,लगती क्यों नहीं,
चुप रही हर चोट, हर प्रहार पर,
वेदनाइये,उसकी व्यथा, क्यों किसी को चुभती नहीं,
गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,........

रुपरेखा, मापदंड, सीमाएं, मर्यादाएं,
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