Find the Best भोर Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutभोर का समानार्थी शब्द, भोर और बरखा कविता व्याख्या, 3 बजे भोर, भीनी भीनी भोर आई, जाग मुसाफिर भोर भई,
puja udeshi
White भोर कितनी सुहानी है दिन मे तो गर्मी मे जान जानी है, रात क़ो चन्द्रमा की चांदनी मे ही राहत पानी है, कितना अदभुद ये प्रकृति का नियम है दिन और रात का मनुष्य क़ो यही रह कर आजीवन यही दिनचर्या निभानी है जब तक प्राण है अपनी और सब वन पशु पक्षी और इस प्रकृति सम्पदा की रक्षा करनी है नहीं करेंगे तो आपदा आनी और जान गवानी है, ये पृथ्वी हमारा घर है इस सुरक्षा हमे ही करनी है ये बात सदियों से सब ने जानी है...... ©puja udeshi #GoodMorning #pujaudeshi #Nature #Earn #SunSet #भोर Praveen Jain "पल्लव" Sethi Ji VEER SOLANKI Nitish Tiwary Deep_26Nt
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read moreबेजुबान शायर shivkumar
Ghumnam Gautam
White ख़ूबसूरत है जो वो नज़ारा हूँ भोर का तारा हूँ,तुम्हारा हूँ ©Ghumnam Gautam #Sad_Status #ghumnamgautam #भोर #नज़ारा
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read moreRajnish Shrivastava
रवि गगन से अपनी छवि जल में निहार रहा । धरती को अपनी स्वर्णिम छटा से निखार रहा । बड़ा मनमोहक है प्रभात का खूबसूरत नजारा हर कोई अद्भुत सौन्दर्य को दिल मे उतार रहा । ©Rajnish Shrivastava #भोर का नजारा
#भोर का नजारा
read moreRakesh frnds4ever
धुंधली शाम के मानिंद आंखें भी धुंधला चुकी हैं ओर इस धुंधलेपन में मंजिल भी शायद धूमिल हो चुकी है संध्या का सूरज जिस तरह डूब रहा है,, जैसे जैसे श्यामलता घटती जा रही है, वैसे वैसे ही जिंदगी में शामिल ये तिमिर ये अंधकार भी मुझमें और मैं इसमें डूबता जा रहा हूं,, क्या पता किसी रोज इस संध्या की अंधेरी रात के पश्चात का भोर रूपी सवेरा होने ही ना पाए,, क्या पता कब वो क्षण आए जब ये सांझ ढलते ढलते जीवन की भी संध्या बेला को भी साथ में ढाल ले जाए,,,... ©Rakesh frnds4ever #Shajar #धुंधली #शाम के मानिंद आंखें भी धुंधला चुकी हैं ओर इस धुंधलेपन में मंजिल भी शायद #धूमिल हो चुकी है #संध्या का सूरज जिस तरह डूब रहा है,, जैसे जैसे श्यामलता घटती जा रही है, वैसे वैसे ही जिंदगी में शामिल ये तिमिर ये #अंधकार भी मुझमें और मैं इसमें डूबता जा रहा हूं,,
Rakesh frnds4ever
वो रातें जो जाग कर निकलती है जिसमें हर इक पल में अंधेरा आपके मन रूपी भवनों/इमारतों/मकानों की भावनाओं/जज्बातों/ख्वाबों खयालातों रूपी कंद्राओं ओर शिलाओं ओर द्वंद एवम कुंठाओ रूपी खिड़कियों / रोशनदानों से आर पार होता हुआ किसी अनजान अनंत अगमय जगह पर घर करता हुआ बैठता चला जाता है उन रातों की भोर होने में ओर सुबह होने काफी बरसो का असीमित समय लग जाता है,,,... ©Rakesh frnds4ever #WoRaat वो #रातें जो जाग कर निकलती है जिसमें हर इक पल में #अंधेरा आपके #मन रूपी भवनों/इमारतों/मकानों की #भावनाओं /जज्बातों/ख्वाबों खयालातों रूपी #कंद्राओं ओर शिलाओं ओर द्वंद एवम #कुंठाओ रूपी खिड़कियों / रोशनदानों से
Sita Prasad
भोर हुई है अब जिस तरह सूरज की किरणें, अलग- अलग समय पर रोशन करती हैं धरा की सतह को, सबके जीवन सफल होते अपने बलबूते पर। भोर हुई है अब यहाँ, उठ खड़े हुए हैं हम, दे रहे नई ज़िन्दगी भावी पीढ़ी को, अब भी अँधियारी है झोंपड़ियों में कहीं। आज आज़ाद है देश हमारा, जश्न के बज रहे है डंके दोस्त, कितने ही नौजवान नये पथ पर अग्रसर होंगे, न जाने कितनों को संग अपने कर देंगे व्यस्त। भोर हुई है अब यहाँ, नए सपने सज रहे हैं दुल्हनों की आँखों में रोज़, कहीं शहीद हो रहीं वे रिवाजों की आड़ में। आज हम सब सीख रहे लड़ना, यहाँ नहीं जगह अंधविश्वासों की, नई सोच के संग समय भी बदले, बदले इस ज़मीन पर फसल की उपज।। #rztask495 #restzone #rzलेखकसमूह #भोर
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