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Best मुख Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rakesh frnds4ever

#मुख से जो शब्द निकलते हैं उनको तो सभी अपने अपने हिसाब से सुन लेते हैं क्योंकि #शब्दोंकेअर्थ हर कोई अपनी अपनी #समझ के हिसाब से लगता है,, किस व्यक्ति ने कहे है किस जगह कहे हैं किस विषय पर कहे हैं किसलिए कहे हैं

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Mukesh Poonia

#guru_purnima #वाणी #शीतल #चन्द्रमा, #मुख-मण्डल #सूर्य समान, #गुरु चरनन #त्रिलोक है, #गुरु अमृत की खान। गुरु #पूर्णिमा की हार्दिक बधाई!” आज शुभ विचार नये अच्छे विचार आज का विचार शुभ प्रभात विचार अच्छे विचार फोटो

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Bindu Sharma

SKgujjarchauhan

Dimple girl

# जिसके #मुख पर श्री राम है उसका सदाकल्याण है

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DR. LAVKESH GANDHI

#sadquotes gaddari # #मुख में है राम नाम, दिल में है गद्दारी#

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Astro Rahul Pandey (Sad writer)

#मुख सजना दा देखन नू

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मुख सजना दा देखन नू 
असी दो घंटे गवाए।

गर्मी विच बैठ
 रज रज के मच्छर लड़ाए।

थक्क गया पैंदी रात देख
 मैं ओथो निकलन लई पैर वधाए।

इको दम हनेरे विच सजन
 बाहर निकल के आए।

हुन की कवा ओहना नू 
जिन्ना ते दो घंटे फूकन तो बाद 
अपने दीदार वी चाज नाल ना करवाए।।

                             -Rahul Pandey #मुख सजना दा देखन नू

निखिल कुमार अंजान

नौ दिन नौ रातें जब रहने माँ मेरे घर आएगी देख जग मे अत्याचार हिंसा कितना वो व्यथित हो जाएगी किस मुख से उसके समक्ष जाऊँगा कैसे उसको दुराचार की कथा सुनाऊँगा कन्या पूजन को लेकर भी मन मे संशय होता है मानवता को कंलकित करने वाला न जाने

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नौ दिन नौ रातें जब 
रहने माँ मेरे घर आएगी
देख जग मे अत्याचार हिंसा
कितना वो व्यथित हो जाएगी
किस मुख से उसके समक्ष जाऊँगा
कैसे उसको दुराचार की कथा सुनाऊँगा
कन्या पूजन को लेकर भी मन मे संशय होता है
मानवता को कंलकित करने वाला न जाने
किन भावों से उन नन्हे नन्हें चरणों को धोता है
पहन संत का चोला अंदर से हवस के वश मे होता है
आजकल छोटी छोटी बच्चियों का भी शोषण होता है
कैसे माँ के आने की खुशी मनाऊँ अंदर से हृदय रोता है
रिश्तों की गरिमा को भूलकर अपनों ने बलात्कार किया है
नातेदारों ने बहन बेटी की अस्मत को तार तार किया है
नग्नता नित्त दिन अपना परचम लहरा रही है
क्यों भला समाज के ठेकेदारों की आवाज नही आ रही है
ऐसे कैसे नवरात्रि का पर्व मै बना पाऊँगा 
कोई भेजेगा भला क्यों अपनी बिटिया को ऐसे माहौल मे
कँहा से मै कन्या पूजन के लिए कन्या लाऊँगा
रोज अखबार के पन्ने इन खबरों से पटे मिल जाते हैं
आम बात हो गई है रेप होना मन मे न कोई भाव आते हैं
ज्यादा हो तो मोमबत्ती ले सड़क पर उतर आते हैं
कौन भला मुझको ये विश्वास दिलाएगा नौ दिन ही सही
मेरे शहर मे ही किसी बहन बेटी बच्ची स्त्री 
की अस्मत को नही लूटा जाएगा 
नौ दिन नौ राते जब रहने माँ मेरे घर आएगी
देख इन हालातों को क्या प्रसन्न हो जाएगी
अंजान किस मुख से उनके समक्ष जाएगा
कैसे कलयुग के राक्षसों की कथा सुनाएगा........

#अंजान....... नौ दिन नौ रातें जब 
रहने माँ मेरे घर आएगी
देख जग मे अत्याचार हिंसा
कितना वो व्यथित हो जाएगी
किस मुख से उसके समक्ष जाऊँगा
कैसे उसको दुराचार की कथा सुनाऊँगा
कन्या पूजन को लेकर भी मन मे संशय होता है
मानवता को कंलकित करने वाला न जाने

Ankita Saxena

#sakhi..

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एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद,
श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।

दूध ज्यदा गरम होने के कारण 
श्री कृष्ण के हृदय में लगा
और
उनके श्रीमुख से निकला-
" हे राधे ! "

सुनते ही रुक्मणी बोली-
प्रभु !
ऐसा क्या है राधा जी में,
जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है ?

मैं भी तो आपसे अपार प्रेम करती हूँ...
फिर भी,
आप हमें नहीं पुकारते !!

श्री कृष्ण ने कहा -देवी !
आप कभी राधा से मिली हैं ?
और मंद मंद मुस्काने लगे...

अगले दिन रुक्मणी राधाजी से मिलने उनके महल में पहुंची ।

राधाजी के कक्ष के बाहर अत्यंत खूबसूरत स्त्री को देखा...
और,
उनके मुख पर तेज होने कारण उसने सोचा कि-
ये ही राधाजी है और उनके चरण छुने लगी !

तभी वो बोली -आप कौन हैं ?

तब रुक्मणी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया...

तब वो बोली-
मैं तो राधा जी की दासी हूँ।

राधाजी तो सात द्वार के बाद आपको मिलेंगी !!

रुक्मणी ने सातो द्वार पार किये...
और,
हर द्वार पर एक से एक सुन्दर और तेजवान दासी को देख सोच रही थी क़ि-
अगर उनकी दासियाँ इतनी रूपवान हैं...
तो,
राधारानी स्वयं कैसी होंगी ?

सोचते हुए राधाजी के कक्ष में पहुंची...

कक्ष में राधा जी को देखा-
अत्यंत रूपवान तेजस्वी जिसका मुख सूर्य से भी तेज चमक रहा था।
रुक्मणी सहसा ही उनके चरणों में गिर पड़ी...

पर,
ये क्या राधा जी के पुरे शरीर पर तो छाले पड़े हुए है !

रुक्मणी ने पूछा-
देवी आपके  शरीर पे ये छाले कैसे ?

तब राधा जी ने कहा-
देवी !
कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया...
वो ज्यदा गरम था !

जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए...
और,
उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है..!!

इसलिए कहा जाता है-

बसना हो तो...
'ह्रदय' में बसो किसी के..!

'दिमाग' में तो..
लोग खुद ही बसा लेते है!!! #sakhi..

Viju..Kadale

कुछ लोग अपनी प्रशंसा स्वयं करने पे मजबूर हो जाते हैं 
अपने मुख से बोलते हैं इशारे करते हैं ,
कुछ लोग अपनी प्रशंसा स्वयं न करने पे आतुर रहते हैं 
न इशारों न मुख से कुछ भी बोलते हैं ,
गूँज स्वरों की हर जगह सुनाई देती है 
जो स्वयं न बोलें , अक्सर ज्यादा गूंजती है ……
       Viju...... #प्रशंसा...!
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