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Ajay Kumar Dwivedi

23 मार्च बलिदान दिवस को, यारों भूल न जाना तुम।
राजगुरु  सुखदेव भगत को हृदय से नहीं मिटाना तुम।

स्वतंत्रता  के  लिए उन्होंने, खुद किया न्यौछावर है।
सम्पूर्ण विश्व को बतला दो, अब भी उनमें पावर है।

बड़ी  वीरता  के  साथ, ब्रिटिश  की  निंव हिलाईं थी।
खुद सूली पर झूल गए पर, स्वतंत्रता हमें दिलाईं थी।

उम्र नहीं थी अधिक अभी बस, तेईस चौबीस साल के थे।
भारत   माँ   के    बेटे   तीनों, बहुत   ही   कमाल  के  थे।

राजगुरू सुखदेव भगतसिंह, अलबेले मस्ताने थे।
भारत  माँ  की  स्वतंत्रता के, सच्चे वो दिवाने थे।

भारत माँ भी माँ है उनकी, कभी नहीं वो भूलें थे।
फंदा  चूम  के  फासी पर, तीनों हंस कर झूले थे।

भारत  माँ  के  लिए  जो  बेटे, अंग्रेजों के साथ लड़े।
नमन् मेरा उन वीरों को जो, सूली पर भी साथ चढ़े।

अजय कुमार द्विवेदी ''अजय''

©Ajay Kumar Dwivedi #ajaykumardwivedi''ajay''

#Shaheedi_diwas

Ajay Kumar Dwivedi

#ajaykumardwivedi कविता जब भी एकान्त मे होता हूँ ।

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कलम और कागज़ जब भी एकांत मे होता हूँ लेखनी स्वयं उठ जाती है।
जो कुछ चलता मेरे मन में कागज पर लिख जाती है।
जीवन के इस चक्रव्यूह मे अक्सर उलझा रहता हूँ।
दुख हो या हो सुख दोनों को हसते हसते सहता हूँ।
होती जब भी बोझिल आँखें सब कुछ ही कह जाती है।
जो कुछ चलता मेरे मन में कागज पर लिख जाती है।
सुख मे तो सब हसते है मुझे दुख मे हसना पड़ता है।
पांव चाहें थके हो कितने पर मुझको चलना पड़ता है।
हृदय से निकली बातें जिभ्यां पर आते ही रूक जाती है।
जब भी एकांत मे होता हूँ लेखनी स्वयं उठ जाती है।
कभी-कभी मन कहता है सब मुझको ही क्यों दिखता है।
देख तरक्की मानव की यहां मानव ही क्यों जलता है।
एक अमीर के सम्मुख गरीब की इज्जत क्यों घट जाती है।
जो कुछ चलता मेरे मन में कागज पर लिख जाती है।
मान और सम्मान से ज्यादा पैसा सबको प्यारा है। 
रिश्ते नाते झूठे जग में बस दौलतमंद हमारा है।
बड़ी गजब है अजय गरीबी सब कुछ ही सह जाती है।
जब भी एकांत मे होता हूँ लेखनी स्वयं उठ जाती है।
जब भी एकांत मे होता हूँ लेखनी स्वयं उठ जाती है।
जो कुछ चलता मेरे मन में कागज पर लिख जाती है।
जब भी एकांत मे होता हूँ लेखनी स्वयं उठ जाती है।
अजय कुमार व्दिवेदी
Copyright@ajaykumardwivedi #ajaykumardwivedi कविता जब भी एकान्त मे होता हूँ ।

Ajay Kumar Dwivedi

#ajaykumardwivedi रूठ जाता हूँ मैं तो मनाती है वो । #कविता

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