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Deepti Garg
#मेरी सांस- सांस में #बसे हो तुम । कैसे #कह दूं मेरी #धड़कन में #नहीं हो #तुम।। #Deepti Garg #dilkikalamse ❤✍🏼 ©Deepti Garg #You&Me #deeptigarg #dilkikalamse ❤✍🏼#yqbaba yqdidi
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🌹🌹🌹🌹🌹 ©Deepti Garg #Dosti me ❤letter nhi #पैमाना होता है, ये #इश्क़ नहीं सर का ताज होता है। दोस्त का #भगवान से भी बढ़कर दर्जा होता है। जिसका हमारे दिल में हमेशा राज होता है।
Divyanshu Pathak
#komal sharma एक गृहणी का इतना गम्भीर चिंतन देख यकीन हो गया मेरे देश को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है ! वाह आपने अपने विचारों से स्पष्ट कर दिया कि स्त्री का एक नाम अन्नपूर्णा क्यों होता है । आपके इस चिंतन को हृदय से प्रणाम ! 😊😊😊🍫🍫🍉💕💕🙏🙏 गर्व होता है हमारे पास इतनी गुणवान स्त्रियां हैं । : आपका कमैंट्स मैं कैप्शन में पोस्ट कर रहा हूँ ! कैप्शन जरूर देखें :💕🐒👨😊🍫🍫💕 👌👌 छत टपकती है उसके कच्चे मकान की! और वो दुआ करता है बारिश की। वो किसान है, उसे फिक्र है, भारत के हर इंसान की। 😊👍👍👌👌 #yashwant soni #shweta mishra #deepali usual
Divyanshu Pathak
बरेली यात्रा वृतांत....💕👨😂💕 : : : (यूपी दर्शन)----- 2 😂😂💕👉🍧 कट्टरपंथ ! एक नया अनुभव...... 💕👨😂😂😂 : देहली से बरेली जाते समय संयोग रहा कि बगल की सीटों पर तीन चार मुस्लिम हमसफर मिल गये। खूब सारी प्रेमपूर्वक बातों मुलाकातों और हंसी ठहाकों के बीच रास्ता कटा। ईद मनाने घर लौट रहे थे सभी मित्रों को हमने भी शुभकामनाएं दीं। जब तक मजहब बीच में न आये, दोस्ती खूब अच्छे से चलती है मगर जब आचार विचारों में ठीक विरोधाभास हो तो कहीं न कहीं टकराव हो ही जाता है। मेरी भी चप्पल नीचे रखी थी और एक मुस्लिम की भी। पूरे रास्ते वो मेरी चप्पलों को यूज करते रहे। मगर एक बार संयोग से मेरी चप्पल उन्ही का साथी पहन कर
💕👨😂😂😂 : देहली से बरेली जाते समय संयोग रहा कि बगल की सीटों पर तीन चार मुस्लिम हमसफर मिल गये। खूब सारी प्रेमपूर्वक बातों मुलाकातों और हंसी ठहाकों के बीच रास्ता कटा। ईद मनाने घर लौट रहे थे सभी मित्रों को हमने भी शुभकामनाएं दीं। जब तक मजहब बीच में न आये, दोस्ती खूब अच्छे से चलती है मगर जब आचार विचारों में ठीक विरोधाभास हो तो कहीं न कहीं टकराव हो ही जाता है। मेरी भी चप्पल नीचे रखी थी और एक मुस्लिम की भी। पूरे रास्ते वो मेरी चप्पलों को यूज करते रहे। मगर एक बार संयोग से मेरी चप्पल उन्ही का साथी पहन कर
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मेरा और तुम्हारा बंधन मरने के भी वाद रहे ! अपने होने का अपनापन जो जाने के वाद रहे ! जी पाएंगे क्या हम और तुम जो सदियों तक आबाद रहे ! 💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले रहा बाग़ अकेले !
💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले रहा बाग़ अकेले !
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सुनो....💕🐒 मैं तो बाबरा हूँ जिधर भगा दो उधर ही चल निकला हूँ ! कभी प्रकृति ने दौड़ाया तो कभी जरूरतों ने भावों में ही बह निकला कभी जज्बातों में पिघला हूँ ! व्यवहार में दिखती होगी झलक तुम्हें कभी सत रज तम की अच्छा हूँ बहुत अच्छा भी और बिल्कुल अच्छा भी नहीं 💕👨 मैं उलझा हुआ झमेला हूँ ! 😊💕🐒 :💕🐒 सत्संग का श्रेष्ठ स्थान परिवार ही होता है। बाहर जाकर किया सत्संग आज तो धन आधारित भी हो गया और शास्त्र आधारित भी रह गया। हम रामायण, महाभारत जैसी कथाएं सुनकर कुछ देर के लिए त्रेता और द्वापर युग में चले जाते हैं। वर्तमान से भटक जाते हैं। घर लौटकर पुन: कलियुग में व्यस्त हो जाते हैं। त्रेता और द्वापर में तो जी नहीं सकते। दर्द निवारक गोली की तरह कुछ देर मुक्ति का एहसास सत्संग नहीं कहला सकता। यह गोली कितनी महंगी होती है, इसको संतों की सम्पत्ति देखकर समझ सकते हैं। हर व्यक्ति अलग स्वभाव का होता है। :
:💕🐒 सत्संग का श्रेष्ठ स्थान परिवार ही होता है। बाहर जाकर किया सत्संग आज तो धन आधारित भी हो गया और शास्त्र आधारित भी रह गया। हम रामायण, महाभारत जैसी कथाएं सुनकर कुछ देर के लिए त्रेता और द्वापर युग में चले जाते हैं। वर्तमान से भटक जाते हैं। घर लौटकर पुन: कलियुग में व्यस्त हो जाते हैं। त्रेता और द्वापर में तो जी नहीं सकते। दर्द निवारक गोली की तरह कुछ देर मुक्ति का एहसास सत्संग नहीं कहला सकता। यह गोली कितनी महंगी होती है, इसको संतों की सम्पत्ति देखकर समझ सकते हैं। हर व्यक्ति अलग स्वभाव का होता है। :
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हम प्रकृति से दूर हो गए। खान-पान भूगोल से कट गया। डिब्बा संस्कृति हमारे विकास का नेतृत्व करने लगी है। इनका एकमात्र कारण है शरीर के प्रति बढ़ता मोह और उसके लिए धन और भौतिक सुखों का बढ़ता महत्व। क्या कोई जादू या वरदान हमें इस कैंसर से मुक्त करा सकता है? Good morning ji 💕👨🍉🍉🍉🍉☕☕☕☕🍹🍹🍹🍹🍉🍉🍉😊🍓🐒👨🙏🌷🌺 : Repost🌷🐒........ : विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷🐒 : विज्ञान कहता है-‘कलियुग के बाद तो प्रलय ही है। मेरे सहयोग के बिना नहीं आ सकती। हां, विकल्प दे सकता हूं। चाहो तो जन्म से पहले ही कैंसर की गोद में बैठ जाओ, (जननी सहित), अथवा पैदा होने के बाद उन कीटनाशकों को सीधा ही भोजन के साथ गले के नीचे उतार लेना। भोजन के जरिए कीटनाशक सम्पूर्ण मानव जाति के पेट में जाते रहेंगे।’ एक अनुमान के अनुसार विश्व में सन् २०३० तक प्रतिवर्ष दो करोड़, बीस लाख नए कैंसर
Good morning ji 💕👨🍉🍉🍉🍉☕☕☕☕🍹🍹🍹🍹🍉🍉🍉😊🍓🐒👨🙏🌷🌺 : Repost🌷🐒........ : विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷🐒 : विज्ञान कहता है-‘कलियुग के बाद तो प्रलय ही है। मेरे सहयोग के बिना नहीं आ सकती। हां, विकल्प दे सकता हूं। चाहो तो जन्म से पहले ही कैंसर की गोद में बैठ जाओ, (जननी सहित), अथवा पैदा होने के बाद उन कीटनाशकों को सीधा ही भोजन के साथ गले के नीचे उतार लेना। भोजन के जरिए कीटनाशक सम्पूर्ण मानव जाति के पेट में जाते रहेंगे।’ एक अनुमान के अनुसार विश्व में सन् २०३० तक प्रतिवर्ष दो करोड़, बीस लाख नए कैंसर
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तुम हवा बन सको नापलू मैं गगन पर मैं कैसे लड़ूं तेज तूफ़ान से ! और छोड़ा अगर तुमने तीरे नजर ये परिंदा चला जायेगा जान से ! :good evening ji 💕🍉🍉🍉☕☕☕🌷💕💕👨💕🌷🐒 : मेरे अपने अंदाज में चाय की चुस्की के साथ आपको महबूब की झलक दिखलाऊँ💕😊🌹🌸🍫 : चलते चलते हवा लड़खड़ाने लगी ये तुम्हारी ही साँसों का होगा असर ! जबसे छुली है तुमने मेरी उंगलियाँ रात लगाने लगी है मुझे दोपहर ! जिस नजर में मुझे तू न आये नजर
:good evening ji 💕🍉🍉🍉☕☕☕🌷💕💕👨💕🌷🐒 : मेरे अपने अंदाज में चाय की चुस्की के साथ आपको महबूब की झलक दिखलाऊँ💕😊🌹🌸🍫 : चलते चलते हवा लड़खड़ाने लगी ये तुम्हारी ही साँसों का होगा असर ! जबसे छुली है तुमने मेरी उंगलियाँ रात लगाने लगी है मुझे दोपहर ! जिस नजर में मुझे तू न आये नजर
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कोश कोश पे बदले पानी चार कोश पे वाणी .. मेरा मन है राजस्थान दिल मेरा हिंदुस्तानी.... 💕👨 Good morning ji 💕🍸🍨☕☕☕💕💕🐒🍵🍓🍉🍉🍨🍨🍸💕🍫🍫🍫🍉🍉🍓🍓💕💕🍉🍓🍫💕👨 : 👉राजस्थान क्यों है खास ? : 1. भारत के 100 सबसे अमीर व्यक्तियो में से 35 राजस्थानी व्यापारी है.. 2. दंगो में हज़ारो लोग मारे गए हैं लेकिन राजस्थान में 1 भी नही..
Good morning ji 💕🍸🍨☕☕☕💕💕🐒🍵🍓🍉🍉🍨🍨🍸💕🍫🍫🍫🍉🍉🍓🍓💕💕🍉🍓🍫💕👨 : 👉राजस्थान क्यों है खास ? : 1. भारत के 100 सबसे अमीर व्यक्तियो में से 35 राजस्थानी व्यापारी है.. 2. दंगो में हज़ारो लोग मारे गए हैं लेकिन राजस्थान में 1 भी नही..
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समाचार-पत्र थे। रेडियो था। अपनी-अपनी मर्यादाएं- अपना-अपना गौरव। इनका एक अन्य दायित्व भी था सामाजिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में सामाजिक शिक्षण। चिन्तनशील, उत्तरदायी, बोधपूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण में श्रेष्ठ शुद्ध भाषा के साथ अपनी भूमिका निभाना। हमारा दर्शन शरीर के माध्यम से आत्मा तक पहुंचाने की सीख देता था। Good evening ji 💕🍨💕🐒☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕🍓🍨🍉🍉🍹🍹🍹🍫🍫🍸 : इंटरनेट किसी भी बहाने खुले, अधिकांश युवा अकेले होते ही या तो अश्लील चित्रों तक पहुंच जाते हैं या फिर किसी प्रेम प्रसंग में व्यस्त हो जाते हैं। समय के साथ मीडिया भी सारी लाज-शर्म छोड़नेे पर उतारू होने लगा है। इतना ही नहीं समाचार पत्रों का कलेवर भी टी.वी. और इंटरनेट से स्पर्घा करने लगा है। आज सम्पूर्ण मीडिया मनोरंजन के शिकंजे में पहुंच गया। सम्पूर्ण युवा पीढ़ी को मनोरंजन तथा शरीर सुख के आवरण ने ढंक लिया, ऎसा प्रतीत होने लगा है। गृहस्थाश्रम तक के पचास वर्ष
Good evening ji 💕🍨💕🐒☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕🍓🍨🍉🍉🍹🍹🍹🍫🍫🍸 : इंटरनेट किसी भी बहाने खुले, अधिकांश युवा अकेले होते ही या तो अश्लील चित्रों तक पहुंच जाते हैं या फिर किसी प्रेम प्रसंग में व्यस्त हो जाते हैं। समय के साथ मीडिया भी सारी लाज-शर्म छोड़नेे पर उतारू होने लगा है। इतना ही नहीं समाचार पत्रों का कलेवर भी टी.वी. और इंटरनेट से स्पर्घा करने लगा है। आज सम्पूर्ण मीडिया मनोरंजन के शिकंजे में पहुंच गया। सम्पूर्ण युवा पीढ़ी को मनोरंजन तथा शरीर सुख के आवरण ने ढंक लिया, ऎसा प्रतीत होने लगा है। गृहस्थाश्रम तक के पचास वर्ष
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