Find the Best किंतु Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutकिंतु परंतु का अर्थ, किंतु और परंतु, किंतु परंतु छोड़कर निरंकारी भजन, किंतु गाना, किंतु परंतु सॉन्ग,
Er.Shivampandit
हमेशा झूठ हम आपस में बोलते आए न मेरे दिल में न तेरी जबाँ पे छाला है…!! ©बेचैन.. ✍ #जो_जितना_व्यस्त_उतना_सफल.... सुख-दुख,आना-जाना सब जीवन के पहलू हैं हर कोई ये जानता भी है और समझता भी।सच भी यही है कि जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच तालमेल बनाए रखना चाहिए हर पल को आनंद से भर लेना चाहिए।कभी-कभी शायद सभी ने ऐसा महसूस किया ज़रूर होगा भले ही मात्र एक क्षण को जैसे खुशियाँ सारी पास हैं फिर भी कुछ तलाश है।कभी ऐसा भी लगता है कि आप चारों तरफ अपनों से उनके अपनत्व से घिरे हैं किंतु इतनी भीड़ के बावजूद भी कभी अकेलापन महसूस होता है.. जीवन में व्यस्तताएँ बहुत बढ़ गई हैं ऐसा लोग प्रायः कहते हैं
जो_जितना_व्यस्त_उतना_सफल.... सुख-दुख,आना-जाना सब जीवन के पहलू हैं हर कोई ये जानता भी है और समझता भी।सच भी यही है कि जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच तालमेल बनाए रखना चाहिए हर पल को आनंद से भर लेना चाहिए।कभी-कभी शायद सभी ने ऐसा महसूस किया ज़रूर होगा भले ही मात्र एक क्षण को जैसे खुशियाँ सारी पास हैं फिर भी कुछ तलाश है।कभी ऐसा भी लगता है कि आप चारों तरफ अपनों से उनके अपनत्व से घिरे हैं किंतु इतनी भीड़ के बावजूद भी कभी अकेलापन महसूस होता है.. जीवन में व्यस्तताएँ बहुत बढ़ गई हैं ऐसा लोग प्रायः कहते हैं
read moreLokendra Thakur
२ मैं कालिदास तो नहीं हूं किंतु, इतना अवश्य प्रयत्न करूंगा मन की यक्ष वेदना को, मेघो के संग तुम्हारे नगर भेजूंगा चिंताओ की रेखाएं अनगिनत विलुप्त तुम्हारे भाल से होगी कपोल पर स्पर्श अनुभूति मेरी बरखा संग शीत बयार से होगी विचारो की कालरात्रि में, भौर का विश्वास पर रखना मन का संपूर्ण तमस हरने को, प्रकाश प्रखर भेजूंगा मैं कालिदास तो नहीं हूं किंतु....................... श्याम घटा छंट जाने के पूर्व तुम उनमें उष्ण आस भर देना कह देना मेघो से अपने सब भाव और उनमें तुम सांसे भर देना उन सांसो को मेघ से लेकर स्वयं को अजर अमर समझूंगा मैं कालिदास तो नहीं हूं किंतु................ (लोकेंद्र की कलम से ) #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreLokendra Thakur
मैं कालिदास तो नहीं हूं किंतु ,इतना अवश्य प्रयत्न करूंगा मन की यक्ष वेदना को, मेघो के संग तुम्हारे नगर भेजूंगा। बूंद बूंद की पाती पढ़ना, फिर अंजुली से बहा देना देना तुम भी संदेसा अपना, पर मेरी पीर कह जाने देना, अश्रु भरे नयनों में, रिक्त स्थान थोड़ा पर रखना वहां बसने को स्वप्न मिलन का, प्रवर भेजूंगा मैं कालिदास तो नहीं हूं किंतु ,इतना अवश्य प्रयत्न करूंगा मन की यक्ष वेदना को, मेघो के संग तुम्हारे नगर भेजूंगा। //निरंतर #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreHarsha Pungliya
आज का ज्ञान सत्य की एक अलग ही गुणवत्ता होती है... जो आपकी आत्मा सत्य को समझती है, वैसे ही आप रहते हो व सत्य है, अपनी आत्मा के विरुद्ध रहते हो वह झूठ है... हां माना सत्य थोड़ा कड़वा लगता है, हो सकता है आपके अपने आप से रूठ भी जाए, किंतु सत्य तो सत्य होता है ना... बस आपके अपने आप से रूठे ना, इसलिए आप झूठ का साथ देते हो, किंतु भला झूठ से किसी का भला हुआ है.. (विचार कीजिएगा) #आजकाज्ञान #AajKaGyaan #सत्य #झूठ #Nojoto #NojotoHindi #HarshaPungliya
RAAJ
सहे बिन कहे तेरे बिन जो गुजारी ज़िंदगी, उन लम्हों के न चाह गुनाहगार हम भी हुए| राजकुमारी #NojotoQuote जो आज आप किसी के साथ करते हैं वो एक दिन आपके साथ निश्चित होगा।आप स्वार्थवश नियम सबके लिए भले ही अलग अलग बना लें।अलग अलग व्यवहार रखें,किंतु ब्रह्माण्डीय ऊर्जा आपके किये को आपको वापस ज़रूर करेगी।सकारात्मकता सकारात्मकता लेकर आयेगी, नकारात्मकता नकारात्मकता।जैसे यदि आपने जानबूझकर किसी की अतिप्रिय वस्तु आदि उससे पृथक किया है,तो आपकी भी अतिप्रिय वस्तु आपसे एक दिन पृथक होगी।आपने जानबूझकर किसी को आहत किया है, मजाक बनाया है,अथवा इससे गंभीर भी, तो यह आपके साथ भी होगा एक दिन।अथवा आपने हृदय बड़ा रखकर किसी को क
जो आज आप किसी के साथ करते हैं वो एक दिन आपके साथ निश्चित होगा।आप स्वार्थवश नियम सबके लिए भले ही अलग अलग बना लें।अलग अलग व्यवहार रखें,किंतु ब्रह्माण्डीय ऊर्जा आपके किये को आपको वापस ज़रूर करेगी।सकारात्मकता सकारात्मकता लेकर आयेगी, नकारात्मकता नकारात्मकता।जैसे यदि आपने जानबूझकर किसी की अतिप्रिय वस्तु आदि उससे पृथक किया है,तो आपकी भी अतिप्रिय वस्तु आपसे एक दिन पृथक होगी।आपने जानबूझकर किसी को आहत किया है, मजाक बनाया है,अथवा इससे गंभीर भी, तो यह आपके साथ भी होगा एक दिन।अथवा आपने हृदय बड़ा रखकर किसी को क
read moreसूर्यांश गर्ग
*डर* आपकी बातें मानकर, जो आप कहेंगें बन जाऊँगा, आपके नक्शे चल, आगे भी मैं बढ़ जाऊँगा, आपके सानिध्य में, कामियाब मैं बन जाऊँगा पापा, किन्तु सपनो का गला घोट कर , खुश नहीं रह पाउँगा पापा ।। एक अच्छे बेटे की तरह, सारी इच्छाएँ पूर्ण करता जाऊँगा, न कोई बहस न कोई सवाल, हाँ में हाँ भरता जाऊँगा, शब्द ज्ञान छोड, आपको अपना ज्ञान मैं बना जाऊँगा पापा, किंतु अंदर की जिज्ञासा मार, खुश नहीं रह पाउँगा पापा ।। हर हार से कुछ सीख, बहेतर मैं बन जाऊँगा, अपनी हर जीत को, आपकी मैं बतलाऊँगा , आखरी साँस तक अपनी, परिवार के लिए जीता जाऊँगा पापा किंतु खुद के लिए जिये बिना, ख़ुश नहिं रह पाउँगा पापा ।। सारी बचकानी बातें छोड़, बड़ा मैं हो जाऊँगा, यारी-दोस्ती को भूल, अब सफल व्यापारी बन जाऊँगा, आपकी बढ़ती आयु को, अपनी मैं बतलाऊँगा पापा, किन्तु अंदर के बच्चे को मार, खुश नहीं रह पाउँगा पापा ।। अब साहित्य और संगीत भूल, व्यापार में लग जाऊँगा, अपनी रुचियों को पीछे छोड़, गैरों के लिए जीता जाऊँगा, आपकी बातें मानकर, जो कहेंगे मैं बन जाऊँगा पापा, किंतु, इतना आज्ञाकारी होने के बाद भी, दूर आपसे हो जाऊँगा पापा ।। *सूर्यांश गर्ग* #thought
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