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_Ram_Laxman_
मोर पसंद के झुमका अऊ बिंदी अपन माथा मा लगाय हे। सुघ्घर साज सवर के आज ओ हा मोर मन ला मोहाय हे। एकोघाव नई देखे रहे हो यार ओला सुघ्घर साढ़ी पहिने, फेर आज ओला देखेव ता मिले बर मोला निच्चट तरसाय हे। ©_Ram_Laxman_ #Blossom #love❤ #cgpoetry #cgsayari #Cgsong #cggazal durgesh patel _Ram_Laxman_
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कोनजनी यार ओ दिन मोर का हाल होही । जेन दिन तोर अऊ मोर मुलाकात होही । सामने मा तो तहूं रहीबे अऊ महुँ रहूं यार, हाँ फेर जानत हव, लाज तो अड़बड़ लगही दूनों कोई ला..! फेर तभो ले हमर मन के ओ दिन रंग - रंग के बात होही । ©_Ram_Laxman_ कोनजनी यार ओ दिन मोर का हाल होही । जेन दिन तोर अऊ मोर मुलाकात होही । सामने मा तो तहूं रहीबे अऊ महुँ रहूं यार, हाँ फेर जानत हव लाज तो अड़बड़ लगही दूनों कोई ला..! फेर तभो ले हमर मन के ओ दिन रंग - रंग के बात होही ।
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आज मोला ओखर संग मिलन तो दे। मोर दिल ला ओखर बर धिलन तो दे। बीक्कत दिन होगे ओला देखे नई हव तनिक आज मोला, ओला देखन तो दे। ©_Ram_Laxman_ #Pattiyan #Cgsong #cgpoetry #Cgvideo #cgsayari #cggazal #Nozoto @durgesh patel _Ram_Laxman_
_Ram_Laxman_
एक लड़की...🥰 जब मैं एक लड़की को देखा तो मुझे उसकी चेहरे पर मासूमियत नजर आ रही थी । कितनी भोली भाली लग रही थी वो मुझे । मानो ऐसा लग रहा था कि वो ये बढ़ते समय और आज कल के प्यार, मोहब्बत से वो एकदम अनजान लग रही थी । वो मुझे इस बैर भरी जमाना में एक मेहमान की तरह लग रही थी । और यार मै एक बात बताऊं..? वो अपने पापा के साथ ऐसे हाथ पकड़ कर चल रही थी कि कहीं खो जायेगी जैसे मानो वो एक छोटी सी बच्ची है । और यार उसकी छम छम करती पैरों की पायल, उसकी आंखें, उसकी हवा में लहरती कान की झूंमके और उसकी चेहरे पर झलक रही मासूमियत मुझे और मेरे मन को बेहद भा गया यार... और तब से वो मेरे ख्यालों में, मेरे सपनों में आती जाती रहती है यार.. और इसलिए बस उसकी एक झलक देखने के लिए मेरा दिल तरसता है यार..। कास और मै उसे एक बार देख पाता तो मेरा दिल को बेहद सुकून मिलता यार..। ©_Ram_Laxman_ एक लड़की...🥰 जब मैं एक लड़की को देखा तो मुझे उसकी चेहरे पर मासूमियत नजर आ रही थी । कितनी भोली भाली लग रही थी वो मुझे । मानो ऐसा लग रहा था कि वो ये बढ़ते समय और आज कल के प्यार, मोहब्बत से वो एकदम अनजान लग रही थी ।
_Ram_Laxman_
का होगे हे यार,,,,ओला 😟 मोर मयारु हा आज कल मोर से मिलत नई हे,,! बढ़ दिन होगे हावय ओह गांव मा दिखत नई हे,,! अंतस हा कलपत हावय यार ओखर से बात करे बर, फेर ओला मोर सुरता हे कि नई, मोर से बात करत नई हे,,! का होगे हे यार,,,,ओला 😣 मोर से बात करत नई हे,,,! मोर मयारु हा मोर से नाराज हे या फिर मोर से कुछु गलती होगे हावय,,, मोला तनिक भी समझ नई आवत हे यार.. मय का करव,,,! फेर यार मय सिरतोन कहत हव... मोला ओखर बिना अन पानी कुछु सुहावत नई हे,,! सुरता मा ओखर रतिहा मा मोला नींद आवत नई हे,,! का होगे हे यार,,,,ओला ☹️ मोर से बात करत नई हे,,,! ओला मोर कुछु फिकर नई हे तइसे लगथे यार,, काबर कि ओला मोर कहूं फिकर रहितिच ता ना ओह मोला पूछ डारथिस...कि का करत हे मोर मयारु हा कीके, तेन यार ओह तो मोला कुछु पूछत नई हे,,! फेर आज कल का होगे हे यार,,,ओला 🥺 मोर से बात करत नई हे,,,! अऊ यार कभू कभू मस्त अपन गोठे गोठ मा मोर हाल चाल अऊ मोर खयाल रख लत रहिस हे, तेन अब तो हाल चाल तो दूर के बात होगे संगवारी.. काबर कि ओह तो मोर करा फोन काल घलो करत नई हे,,! का होगे हे यार,,,ओला 😭 मोर से बात करत नई हे,,,! ©_Ram_Laxman_ का होगे हे यार,,,,ओला 😟 मोर मयारु हा आज कल मोर से मिलत नई हे,,! बढ़ दिन होगे हावय ओह गांव मा दिखत नई हे,,! अंतस हा कलपत हावय यार ओखर से बात करे बर, फेर ओला मोर सुरता हे कि नई, मोर से बात करत नई हे,,! का होगे हे यार,,,,ओला 😣
_Ram_Laxman_
नान पन के सुरता,,,😁🤞🏻 संगवारी हो,,,, जब दाई बाबू मन हा पहली धान मींजे बर, दऊंरी फांदे ना ता बेलन गाड़ी अऊ बईला के संग मा हमन हा पाछु पाछू उलान बादी अड़बड़ खावत रहेंन । अऊ कहुं लुका छुपई खेलना राहय ता धान के पैरा मा लुकावत रहेंन। फेर मजा तब आवय संगवारी, जब हमन हा घाम पियास मा खेलन अऊ धूर्रा माटी मा सनाय राहन ता, ओ समय हमर मन बर न निरमा लगे न साबुन, सिधा तरिया मा जाके जुच्छा पानी भर मा नहावत रहेंन । फेर अऊ जब हमन ला कहूं कोनो डहर जाना राहय ना, ता चाहे ओह कतनो दूरिहा राहय ओ डहर ले हमन चार पांच झन संगवारी अइसने घूम फिर के आवत रहेंन । अऊ हमन हा नान - नान रहे हन ता हमन एकदम ना समझ रहे हन यार,,,, तभे तो जब बाजा बजाय के मन करय ता तेल टिपा ला डंडा धर के बजावत रहेंन । अऊ का बतावव संगवारी....! नान पन के गोठ हा तो सबके अड़बड़ निराला रहिथे । वइसने हमरो मन के निराला रहिस हे..! काबर कि हमर मन के नान नान हाथ गोड़ राहय अऊ बड़े बड़े आमा अमली के पेड़ मन राहय, ता बस खाना राहय ता आमा खाय बर एक के ऊपर एक के कंधा मा चढ़के कच्चा पक्का आमा टोर के सुघ्घर बईठ के छईहां मा खावत रहेंन । अऊ संगवारी जब हमन ला स्कूल हो या आंगन बाढ़ी, जाना राहय ता ना..ओ समय पहली बेग वेग कुछू नई राहय ता बस कलम अऊ पट्टी ला झोला मा डार के आँगन बाढ़ी अऊ स्कूल हलावत जावत रहेंन । फेर अऊ संगवारी,,,😎 जब हमन हा नान कुन राहन ता जम्मों चीज मन के मजा ला पावत रहेंन । फेर अब संगवारी उही दिन, उही रात अऊ उही जगह मन के अड़बड़ सुरता आथे यार...☹️ फेर कास,,,, अऊ हमन ला हमर नान पन मिल पातिस संगी..! ता अऊ हमन ला दुबारा खेले कूदे के मौका मिलथिस..। लेकिन अइसे नई हो सकय यार,,, तेखरे सेतिक अपन नान पन के सुरता ला कभू कभू रतिहा म लमावत रहिथन यार..😐 ©_Ram_Laxman_ नान पन के सुरता,,,😁🤞🏻 संगवारी हो,,,, जब दाई बाबू मन हा पहली धान मींजे बर, दऊंरी फांदे ना ता बेलन गाड़ी अऊ बईला के संग मा हमन हा पाछु पाछू उलान बादी अड़बड़ खावत रहेंन । अऊ कहुं लुका छुपई खेलना राहय ता
_Ram_Laxman_
नान पन के सुरता,,,😁🤞🏻 संगवारी हो,,,, जब दाई बाबू मन हा पहली धान मींजे बर, दऊंरी फांदे ना ता बेलन गाड़ी अऊ बईला के संग मा हमन हा पाछु पाछू उलान बादी अड़बड़ खावत रहेंन । अऊ कहुं लुका छुपई खेलना राहय ता धान के पैरा मा लुकावत रहेंन। फेर मजा तब आवय संगवारी, जब हमन हा घाम पियास मा खेलन अऊ धूर्रा माटी मा सनाय राहन ता, ओ समय हमर मन बर न निरमा लगे न साबुन, सिधा तरिया मा जाके जुच्छा पानी भर मा नहावत रहेंन । फेर अऊ जब हमन ला कहूं कोनो डहर जाना राहय ना, ता चाहे ओह कतनो दूरिहा राहय ओ डहर ले हमन चार पांच झन संगवारी अइसने घूम फिर के आवत रहेंन । अऊ हमन हा नान - नान रहे हन ता हमन एकदम ना समझ रहे हन यार,,,, तभे तो जब बाजा बजाय के मन करय ता तेल टिपा ला डंडा धर के बजावत रहेंन । अऊ का बतावव संगवारी....! नान पन के गोठ हा तो सबके अड़बड़ निराला रहिथे । वइसने हमरो मन के निराला रहिस हे..! काबर कि हमर मन के नान नान हाथ गोड़ राहय अऊ बड़े बड़े आमा अमली के पेड़, ता बस खाना राहय ता आमा खाय बर एक के ऊपर एक के कंधा मा चढ़के कच्चा पक्का आमा टोर के सुघ्घर खावत रहेंन । अऊ संगवारी जब हमन ला स्कूल हो या आंगन बाढ़ी, जाना राहय ता ना..ओ समय पहली बेग वेग कुछू नई राहय ता बस कलम अऊ पट्टी ला झोला मा डार के आँगन बाढ़ी अऊ स्कूल हलावत जावत रहेंन । फेर अऊ काला बतावंव संगवारी,,,😎 जब हमन हा नान कुन राहन ता जम्मों चीज मन के मजा ला पावत रहेंन । फेर अब संगवारी उही दिन, उही रात अऊ उही जगह मन के अड़बड़ सुरता आथे यार...☹️ फेर कास,,,, अऊ हमन ला हमर नान पन मिल पातिस संगी..! ता अऊ हमन ला दुबारा खेले कूदे के मौका मिलथिस..। लेकिन अइसे नई हो सकय यार,,, तेखरे सेतिक अपन नान पन के सुरता ला कभू कभू रतिहा म लमावत रहिथन यार..। ©_Ram_Laxman_ हमर नान पन के सुरता,,,😁🤞🏻 संगवारी हो,,,, जब दाई बाबू मन हा पहली धान मींजे बर, दऊंरी फांदे ना ता बेलन गाड़ी अऊ बईला के संग मा हमन हा पाछु पाछू उलान बादी अड़बड़ खावत रहेंन । अऊ कहुं लुका छुपई खेलना राहय ता
_Ram_Laxman_
जिनगी ला सजाय बर संगी, शहर आय ला पड़थे । दू रुपिया पईसा बर, खुन पसीना बोहाय ला पड़थे । अऊ मन भितरी के दुःख पिरा ला मन मा राख के संगवारी,गर्मी हो या सर्दी रोज कमाय ला पड़थे । ©_Ram_Laxman_ जिनगी ला सजाय बर संगी, शहर आय ला पड़थे । दू रुपिया पईसा बर, खुन पसीना बोहाय ला पड़थे । अऊ मन भितरी के दुःख पिरा ला मन मा राख के संगवारी,गर्मी हो या सर्दी रोज कमाय ला पड़थे ।
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सुन मोर मयारु भाई...😔😊 मोर भाई मोला तोर सुरता कईसे नई आही यार.. मोला तो तोर सुरता अब्बड़ आथे यार.. दिन मान, संझा बिहिनिया, अऊ रतिहा मा घलो फेर अऊ मैं एती बर ए काम करत हो ता उठी बर मोर भाई हा का काम करत होही कइके मय सोचत रहिथों। फेर मोला तोर ले दूर होय के अब्बड़ दुःख होथे यार.. मन करथे अभी तोर करा भागत आ जांव कइके। फेर कईसे करबे यार कहूं तीर होतिस ता मैं आ जातेंव । लेकिन ये मैं हवो तेन जघा हा बिक्कट दुरिहा हवे यार तेकरे सेती मैं नई आ सकत हंव। फेर मय कहिथव कि ये दू महीना हावे ना ओहा जल्दी कन बित जाय कइके काबर कि अइसे मा जल्दी बितही त मय आ जाहूं कथों । अऊ तैं ये मत सोचबे कि मोला तोर सुरता नई आय कइके यार मोला तो तोर सुरता अब्बड़ आथे यार । पहली संग मा हमन हा कहूं आवन जावन, घर म सुघ्घर एक्के मेर बईठ के खावन पियन, अऊ रात कन, दूनों झन संग मा सोवन अऊ बोलन गोठियावन तेन सब चीज हा मोला अड़बड़ याद आथे यार.. तोर बिना मोला एकदम सुना सुना लगथे यार,,,मोला तोर सुरता अब्बड़ आथे यार.. ©_Ram_Laxman_ सुन मोर मयारु भाई...😔😊 मोर भाई मोला तोर सुरता कईसे नई आही यार.. मोला तो तोर सुरता अब्बड़ आथे यार.. दिन मान, संझा बिहिनिया, अऊ रतिहा मा घलो फेर अऊ मैं एती बर ए काम करत हो ता उठी बर मोर भाई हा का काम करत होही कइके मय सोचत रहिथों।
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सुन मोर मयारु भाई...😔😊 मोर भाई मोला तोर सुरता कईसे नई आही यार.. मोला तो तोर सुरता अब्बड़ आथे यार.. दिन मान, संझा बिहिनिया, अऊ रतिहा मा घलो फेर अऊ मैं एती बर ए काम करत हो ता उठी बर मोर भाई हा का काम करत होही कइके मय सोचत रहिथों। फेर मोला तोर ले दूर होय के अब्बड़ दुःख होथे यार.. मन करथे अभी तोर करा भागत आ जांव कइके। फेर कईसे करबे यार कहूं तीर होतिस ता मैं आ जातेंव । लेकिन ये मैं हवो तेन जघा हा बिक्कट दुरिहा हवे यार तेकरे सेती मैं नई आ सकत हंव। फेर मय कहिथव कि ये दू महीना हावे ना ओहा जल्दी कन बित जाय कइके काबर कि अइसे मा जल्दी बितही त मय आ जाहूं किथों यार। अऊ तैं ये मत सोचबे कि मोला तोर सुरता नई आय कइके यार मोला तो तोर सुरता अब्बड़ आथे यार । पहली संग मा हमन हा कहूं आवन जावन, घर म सुघ्घर एक्के मेर बईठ के खावन पियन, अऊ रात कन, दूनों झन संग मा सोवन अऊ बोलन गोठियावन तेन सब चीज हा मोला अड़बड़ याद आथे यार.. तोर बिना मोला एकदम सुना सुना लगथे यार,,,मोला तोर सुरता अब्बड़ आथे यार.. ©_ishu_patel_ सुन मोर मयारु भाई...😔😊 मोर भाई मोला तोर सुरता कईसे नई आही यार.. मोला तो तोर सुरता अब्बड़ आथे यार.. दिन मान, संझा बिहिनिया, अऊ रतिहा मा घलो फेर अऊ मैं एती बर ए काम करत हो ता उठी बर मोर भाई हा का काम करत होही कइके मय सोचत रहिथों।