Find the Best जमी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutहै मेरी जमी अफसोस नहीं, तेरी है जमीं, मैं जमीं से आसमां, जमीर की कहानी, जमीर की कॉमेडी,
Rupesh
जमी और आसमा का मिलन हो जहाँ वहाँ ले चल मुझे भी सुना है दोनों के मिलन में एक अजीब सा सन्नटा सा हो जाता है दिल मिलती है वो खुशी जो हर गम को भुला जाता है ©Rupesh #जमी और आसमा
#जमी और आसमा
read moreDeepti Garg
🌷🌷🌷🌷🌷 ©Deepti Garg #ये आसमा, ये #चाँद सितारे, ये #बादल, ये #हवाएं, ये #जमी, ये #नजारे, ये प्रकृति ,ये हजारे............. तेरी तबस्सुम सी #मुस्कुराहट के सामने #कुछ भी नहीं.....मेरे यारे.... #deeptigarg #dilkikalamse ❤✍🏼
#ये आसमा, ये #चाँद सितारे, ये #बादल, ये #हवाएं, ये #जमी, ये #नजारे, ये प्रकृति ,ये हजारे............. तेरी तबस्सुम सी #मुस्कुराहट के सामने #कुछ भी नहीं.....मेरे यारे.... #deeptigarg #dilkikalamse ❤✍🏼
read moreDr Manju Juneja
क्या ,इस दुनियाँ के बिना, तुम एकेले चल सकोगे, क्या ,बिना मा -बाप के, ज़मी पर पाँव धर सकोगे. बिना दुनियाँ के, कोई बस्ती, बसती नही, बिना अपनो के, अपने सहारे चल सकोगे . जिंदगी में एकेले चलना हो जाएगा दुश्वार, क्या, शब को ,सहर में तुम बदल सकोगे . कहना बहुत आसान होता है जिंदगी में बात क्या सच मे तुम उस पर अमल तुम कर सकोगे ©Dr Manju Juneja #दुनियाँ #माँबाप #अकेले #चलसकोगे #जमी #पाँव#दुनियाँ#दुश्वार #अमल #बस्ती
Utkarsh Rastogi
मोहब्बत की बात है वरना आसमां जमीं के लिए न रोता, और चाहत अगर तेरे जिस्म की होती तो मैं शायर न होता.. ✍️✍️उत्कर्ष रस्तोगी #feather #शायर #मोहब्बत #जिस्म #आसमा #जमी gajala Anurag Yadav
anpoetryclub
तुम कहते हो कि सारा शहर ख़रीद लोगे । अच्छी बात हैं तुम सारी जमी खरीद लोगे । जो उनके दिलों में बसी हैं उस जमी की ज़मीर ।। सच बताओ क्या तुम वो भी खरीद लोगे ।।। #नोजोटोहिंदी#जमी#ज़मीर
Vivek Dadheech
घूंघट में चाँद देख के ऐसे कुकृत्यों को चाँद बेचारा रोया है निर्मम पापी राक्षसो ने अब बच्चियों को तक ना छोड़ा है रे भेड़िये ये हवसी तू हवस में अँधा है आज कल तो बच्चों की किडनी बेचने का भी धंधा है देख के इतना जुल्म जमी पे कैसे में मुख दिखलाऊँ जब भी जमी पे आऊं तो घुघट हमेशा संग लाउ ✍️विवेक दाधीच✍️ #Ghoonghat
Vinay Shukla
उदास तू उदास मै ये रात भी उदास बरस रही है बूंद भी,पर बुझती नहीं प्यास पुकारता है मन सनम तू आ जा मेरे पास धड़क रहा है दिल अभी, न छूटती है आस मिलन की है गुजारिशे,उफ्फ कैसी है ये बरिशे जिस्म-ओ-जान होठ तक सब कर रहें सिफारिशें बादलों के मेल से बरस रहीं हैं बूंद ये तड़प तड़प विरह की रात दिखा रही हैं ख्वाहिशें बादलों में छिप गया है चाद भी अभी अभी बढ़ चली है प्यास थी जो अब तलक दबी दबी आसमां की बूंद बुझा रही जमी की प्यास उदास तू उदास मै एं रात भी उदास जैसे मिल न पाएगा कभी जमी से पर ये आसमां वैसे हम जल रहे विरह ऐसी आस मा याद तेरी आ गई पर है तेरी तलाश उदास तू उदास मै एं रात भी उदास बरस रही है बूंद भी पर बुझती नहीं प्यास विनय शुक्ला कल्पना###@विनय शुक्ला
कल्पना###@विनय शुक्ला
read morePrakhar Tiwari
जा छू ले उस जमी को जिस जमी पर वो चलती हैं, उसके पैरों की माटी भी नहीं नसीब खुदा को, जो रोशनी सी झलकती हैं, कहते हैं कि. वो प्रेम का प्रीत है विणा का राग, आज फिर करता हूं प्रिये से अपनी दिल की बात. आज फिर करता हूं अपनी प्रिये से अपनी बात
आज फिर करता हूं अपनी प्रिये से अपनी बात
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