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Sunita Sharma

'मनु' poetry -ek-khayaal

deshank sharma

#Love

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विरह वेदना जिसमे जागृत अमर वही एक प्रेम हुआ, 
सूखी सूखी मिट्टी पे तभी पल्लवित कमल हुआ
                                -देशांक #love

Chandna Gusain

#उफ_तेरी_ये_खुदगर्जी एक तरफ बर्बाद बस्तियाँ – एक तरफ हो तुम। एक तरफ डूबती कश्तियाँ – एक तरफ हो तुम। एक तरफ हैं सूखी नदियाँ – एक तरफ हो तुम। एक तरफ है प्यासी दुनियाँ – एक तरफ हो तुम।

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एक तरफ बर्बाद बस्तियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ डूबती कश्तियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ हैं सूखी नदियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ है प्यासी दुनियाँ – एक तरफ हो तुम।

अजी वाह ! क्या बात तुम्हारी,
तुम तो पानी के व्योपारी,
खेल तुम्हारा, तुम्हीं खिलाड़ी,
बिछी हुई ये बिसात तुम्हारी,

सारा पानी चूस रहे हो,
नदी-समन्दर लूट रहे हो,
गंगा-यमुना की छाती पर
कंकड़-पत्थर कूट रहे हो,

उफ!! तुम्हारी ये खुदगर्जी,
चलेगी कब तक ये मनमर्जी,
जिस दिन डोलगी ये धरती,
सर से निकलेगी सब मस्ती,

महल-चौबारे बह जायेंगे
खाली रौखड़ रह जायेंगे
बूँद-बूँद को तरसोगे जब -
बोल व्योपारी – तब क्या होगा ?
नगद – उधारी – तब क्या होगा ??

आज भले ही मौज उड़ा लो,
नदियों को प्यासा तड़पा लो,
गंगा को कीचड़ कर डालो,

लेकिन डोलेगी जब धरती – बोल व्योपारी – तब क्या होगा ?
वर्ल्ड बैंक के टोकनधारी – तब क्या होगा ?
योजनकारी – तब क्या होगा ?
नगद-उधारी तब क्या होगा ?
एक तरफ हैं सूखी नदियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ है प्यासी दुनियाँ – एक तरफ हो तुम।

- गिर्दा #उफ_तेरी_ये_खुदगर्जी


एक तरफ बर्बाद बस्तियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ डूबती कश्तियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ हैं सूखी नदियाँ – एक तरफ हो तुम।
एक तरफ है प्यासी दुनियाँ – एक तरफ हो तुम।

Sunita Bishnolia

सूखी# नदी #सूखी #नदी nojoto #Hindi

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मैं सूखी नदी हूँ! 
कहते हैं पुनर्जन्म होता 
तो कब होगा मेरा पुनर्जन्म? 
मैं सूखी नदी हूँ! 
बहती मैं भी थी अल्हड़ 
जैसे हो बाला । 
ना रूकती थी रोके
चंचल थी मैं भी।
रोक दी जमाने ने मेरी चाल 
सोख लिया मेरा अमृत 
अब तो हृदय में दरारें पड़ गईं 
घाव इतने गहरे हैं कि 
भर नहीं पाएँगे। 
पुनर्जन्म की उम्मीद में 
मैं सूखी नदी 
सूखे आँखों से सिसकती हूँ। 

सुनीता बिश्नोलिया ©®





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