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Anita Mishra

पर्यावरण की रक्षा करना,
कर्तव्य हर नर नारी का 
                       क्योंकि इसी के भीतर छुपा ,
                    उपचार है हर बीमारी का 
शुद्ध हवा और शुद्ध पानी को ,
तरस कर तुम रह जाओगे 
                        धरती मां को बचाने को यदि 
               वृक्ष ना तुम लगाओगे 
जीव जंतु का जीवन बचाना
 है तुम्हारे हाथ में 
               अगर एक वृक्ष लगाओ 
           अपने परिवार के साथ में

©Anita Mishra #EnviournmentDayspecial

Yogmaya

प्रिय  पेड़🌳🌲🌴
मैं तुमसे सांसें लेकर जिंदा हूं
फिर भी जिस थाली पर खातिर हूँ उसी में छेद करति हूँ

प्रिय  पेड़🌳🌲🌴
मैं तुम्हारे फलों से अपना पेट भरती हूँ
फिर भी तुम्हारे पेट पर लात मारती हूँ

प्रिय  पेड़🌳🌲🌴
मैं प्रचंड धूप में तुम्हारा आश्रय लेती हूँ
फिर भी मैं तुम्हें आस्तीन का सांप बनकर डसती हूँ

प्रिय  पेड़🌳🌲🌴
मैं जन्म के पश्चात् पालने में और मृत्यु के पश्चात् भी उसी पालने में यह संसार  त्याग करति हूँ
फिर में गंगा नहाति हूँ

प्रिय  पेड़🌳🌲🌴
जिस लकड़ी की काठी और काठी पर घोड़ा खेल बड़ी होती हूँ
फिर भी तुमहारे गर्दन पर छूरी चलाति हूँ

प्रिय  पेड़🌳🌲🌴
फिर भी तुम मेरे गले न उतरते
इसलिए में तुम्हारा गला काटति हूँ
इसलिए में  तुम्हारा गौं का यार कहलाता हूँ

©Yogmaya #EnviournmentDayspecial #Paryavaran#enviorment#Tree

#Rose

Ajay Shukla

#प्रकृति का नाश कर तुम क्या खुद*को बच पाओगे?#EnviournmentDayspecial# Ravindra Kumar Pal DEVENDRA KUMAR Er. kr.sri S.P Yadav kriSSWrites jeevesh yadav #कविता

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चित्कार हुआ हाहाकार हुआ
जब समंदर का पानी परेशान हुआ
रूप बाढ़ का लेकर उससे जन-धन का तब नाश हुआ
जब आसमान में मेघों का तांडव कर क्रोध उभार हुआ
तब जल के उच्च प्रवाह से सारा शहर उजाड़ हुआ
घने जंगलों में अग्नि का जब चीर फैलाव हुआ
तब जलवायु में जल और वायु का ही हरास हुआ
हरे भरे पेड़ों पर जब निष्ठुर हाथों से प्रहार हुआ
प्राणवायु का तब वायु से ही अलगाव हुआ
जब नदी झरनों का नीर मल अपशिष्टों से दूषित हुआ
गंगा के पानी का रंग तब नीले से लाल हुआ
जब पशु-पक्षी मानव का अमानवीय शिकार हुआ
तब जग में जीवन चक्र का असंतुलित व्यवहार हुआ
प्रकृति के प्रेम का जब जब विश्व में लोप हुआ
तब तब जल-जीवन का भी ऐसे ही विलोप हुआ
अब भी जागे तो बचा पाओ इस सृष्टि के संहार को
वरना प्रकृति की दृष्टि से बचा ना पाओगे संसार को

*अजेय* #प्रकृति का नाश कर तुम क्या खुद*को बच पाओगे?#EnviournmentDayspecial#  Ravindra Kumar Pal DEVENDRA KUMAR Er. kr.sri S.P Yadav kriSSWrites jeevesh yadav


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