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Shashi Bhushan Mishra

#ओढ़ लेते हैं#

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शाख़  से  पतझर  में  पत्ते  संबंध तोड़ लेते हैं,
जमीं बिछाकर सो जाते आकाश ओढ़ लेते हैं,

पेड़ो  को  भी इंतज़ार रहता बसंत आने तक, 
रिश्तों के नव कोंपल आकर प्रेम जोड़ लेते हैं,

पल-पल साथ निभाता आता-जाता देह सदन में,
करता  है  संचार  प्राण  मुख सकल  मोड़ लेते हैं,

सिर्फ ज़रूरत से चलते व्यवहार जगत के 'गुंजन',
बुद्धिमान  इस  अवसर  में ख़ुशियाँ बटोर लेते हैं,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #ओढ़ लेते हैं#

Dimple Lohar

# वीर सैनिको को मेरा नमन

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किया युद्ध करगिल में विजय दिला कर सैनिक सोया है
खुशी से गोली सीने में खाकर प्राणों को खोया है 
आज़ाद फिरते हैं आज़ाद घूमते हैं उसी सैनिक की शहादत से 
जो भारत माँ की रक्षा को कफन ओढ़ कर सोया है 
भारत माँ की रक्षा को कफन ओढ़ कर सोया है 
कर नमन अपने वतन के वीर सैनिको को 
जो माँ का आँचल छोड़ भारत माँ की गोद में सोया है 
भारत माँ की गोद में सोया है 
गोलियों को सीने में खाकर प्राणों को खोया है 
खुशी थी उनके चेहरे पर जो अपना फर्ज़ निभाया है 
देश की आन का देश की शान का एक बार फिर तिरंगा फहराया है
एक बार फिर तिरंगा फहराया है
देख के यह सैनिक का प्यार दिल मेरा बहुत रोया है
दिल मेरा बहुत रोया है।
भारत के वीर सैनिको को मेरा नमन
✍️ ✍️ Written by dimpy # वीर सैनिको को मेरा नमन

Parul Sharma

मेरे गमों को और गमगीन न कर मीठी यादों को नमकीन न कर न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से पनाह न ल मेरी इन आँखों में अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने, खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर। पारुल शर्मा

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मेरे गमों को और गमगीन न कर 
        मीठी यादों को नमकीन न कर
        न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से
         पनाह न ल मेरी इन आँखों में
        अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे
       खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने,
   खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर 
पारुल शर्मा  #gif मेरे गमों को और गमगीन न कर 
मीठी यादों को नमकीन न कर
न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से
पनाह न ल मेरी इन आँखों में
अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे
खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने,
खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर।
पारुल शर्मा

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