Find the Best मणिपुर Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutमणिपुर की राजधानी, मणिपुर के राज्यपाल 2019, मणिपुर का इतिहास, मणिपुर भगवती स्थान, मणिपुर मटका डे रिजल्ट,
अदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😔🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C4XYAbWSFc4/?igsh=eXQ1cHU1anBxemsx #भारत #राज्य #मणिपुर #प्रार्थना #हिंदी #प्रधानमंत्री #माननीय #नरेंद्र_मोदी_जी #Instagram #अदनासा
read moreकरन सिंह परिहार
सुन कर चीखें अबलाओं की,मैं व्याकुल होकर सिहर गया। फिर हृदय कंपनों की गति का,आवेग तीव्र हो बिखर गया। यह राज भोग का महा ज्वार,कंचन महलों का विष अपार। सत्ता की गलियों का सियार , बस नोच रहा तन का शृँगार। क्या मानवता का यही सार ,जो हुई आबरू तार तार। नारी जो जीवन का अधार , कर रही धरा पर चीत्कार। लेकिन गूँगे , अंधे शासक , झूठे उद्गार दिखाते हैं। कुर्सी की लालच में बँधकर,हो मौन पलक झपकाते हैं। शकुनी के फेंके पासों से , मानवता में विष उतर गया। फिर से द्वापर का वही दृश्य,मेरी आँखों में पसर गया। सुनकर चीखें--------(1) तम् के घर में बंधक प्रकाश , हो रहा संस्कृति का विनाश। चहुँ ओर आसुरी अट्टहास , मृदु संस्कारों का नित्य ह्रास। सिंहासन का चिर भवविलास,कर रहा भूमिजा को उदास। लिप्साओं का दृढ नागपाश,गल में करता अवरुद्ध श्वास। लेकिन विधर्मियों के वंशज , तांडव का जश्न मनाते हैं। कर चीर हरण द्रोपदियों का,फिर नग्न नृत्य करवाते हैं। ऐसे कुकृत्य अपराधों से, लज्जा का घूँघट उघर गया। फिर धैर्य त्याग करके आँसू, सूखी आँखों में पजर गया। सुनकर चीखें--------(2) ****** ©करन सिंह परिहार #मणिपुर संवेदिता "सायबा" Kumar Shaurya सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)
#मणिपुर संवेदिता "सायबा" Kumar Shaurya सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)
read moreकरन सिंह परिहार
सुन कर चीखें अबलाओं की, मैं व्याकुल होकर सिहर गया। फिर हृदय कंपनों की गति का, आवेग तीव्र हो बिखर गया। यह राज भोग का महा ज्वार। कंचन महलों का विष अपार। सत्ता की गलियों का सियार। बस नोच रहा तन का शृँगार। क्या मानवता का यही सार। जो हुई आबरू तार तार। नारी जो जीवन का अधार, कर रही धरा पर चीत्कार, लेकिन गूँगे, अंधे शासक , झूठे उद्गार सुनाते हैं। कुर्सी की लालच में बँधकर, हो मौन पलक झपकाते हैं। शकुनी के फेंके पासों से, मानवता में विष उतर गया। फिर द्वापर का दृश्य भयावह, मेरी आँखों में पसर गया। ©Karan #मणिपुर
Amrendra Kumar Thakur
हम मान नही सकते, पुरुष की भीड़ ने। दो स्त्रियो को निर्वस्त्र कर दिया, काश! वहां एक भी पुरुष होता। ©Amrendra Kumar Thakur #मणिपुर #Manipur #सोसायटी
SHAYAR (RK)
पूरे संसार में… अकेला भारत ही ऐसा देश है जहां मिट्टी की औरत को कपड़े पहनाकर देवी कहा जाता है और जिंदा औरत को निर्वस्त्र कर घुमाया जाता है। (मणिपुर) बहुत ही दुखद देश में महिला असुरक्षित 😔 शायर RK…✍️ . ©SHAYAR (RK) #मणिपुर भारत देश में महिला असुरक्षित क्यों ?
#मणिपुर भारत देश में महिला असुरक्षित क्यों ?
read moreकवि संतोष बड़कुर
Rashmi rati
नामर्दों की भीड़ है मुर्दा समाज है निष्ठुर हृदय संवेदना का मोहताज है हैवानियत को देख सुन हर नजर सवालिया है चुप है जो अब तक भी वो मानसिक दिवालिया है नोच रहे थे गिद्ध उन्हें गीदड़ों के सामने निकलकर आया नहीं जिस्म कोई ढांकने भारतीयों का सिर क्यूँ शर्म से झुका नहीं पूछो ये सिलसिला क्यूँ अंत तक रुका नहीं कैसे तुमको नींद आई और कैसे तुम रह पाए इतनी हिंसा इतनी जुल्मत आखिर कैसे सह पाए ये कहाँ का सुशासन है और कैसी सुरक्षा है अब तो यकीं हो चला कि नपुंसक व्यवस्था है इन आँखों में लहू है और जहन में उबाल है उस 56 इंची सीने से मेरा इक सवाल है घर जलता देखकर क्यूँ एक पल ठहरे नहीं तुम चुल्लू भर पानी में क्यूँ डूब के मरे नहीं ©Rashmi rati #मणिपुर
surajkumaregoswami
#मणिपुर #Manipur violence #निषेध कल उसके साथ नंगा नाच हुआ आज तेरे साथ हो सकता है पद पद पर है दुर्योधन यहां पर कोई कृष्णा तुझे वस्र देने नहीं आयेगा धृतराष्ट्र बनी जनता सारी कल युग है ऐ नारी तेरे लिये ये नारी यहापर कोई महाभारत नहीं हो जायेगा धर्म के ठेकेदार बहोत यहा पर पर औरत धर्म के लिये कोई आवाज नहीं उठायेगा बन तु खुद की तलवार ढाल यहा पर गुंगा बहिरा अंधा समाज यहा पर तेरे लिये कोई नहीं लढ पायेगा कल उसके साथ नंगा नाच हुआ आज तेरे साथ हो सकता है .... ©surajkumaregoswami
Cwam Xharma
#मणिपुर #चीरहरण भारत माता की जय कहते कहते पहले सर फक्र से तन जाता था, पर अब भारत में मां शब्द मिलाने से ही शर्म से सर झुक जाता हैं पहले पढ़ते थे किस्सा द्रौपदी का तो तन मन में गुस्सा बढ़ जाता था पर ना जाने क्यों अब देख दुःशासन इस धरती के कोई कृष्ण क्यों नहीं महाभारत का बिगुल बजाता हैं क्या अब भी धृतराष्ट्र बने रहेंगे ये सत्ताधीश आंखो वाले क्या सत्ता के दबाव में बस खामोश रहेंगे भीष्म अटल ब्रम्हचारी कर्तव्यों वाले क्या भूल गए अंजाम उन सबका जो भी चीरहरण के हिस्सा थे या क्या हश्र हुआ था उन अफगानों का जो चिल्लाते दुख्तरे हिन्दोस्तान: नीलामे दो दीनार का किस्सा थे गर अब भी इतिहास से तुम सीख नहीं लोगे माटी में मिल जाओगे फिर ना कभी पनपोगे गर मर्यादा को लांघे कोई तो मौन नहीं फिर रहा जाता हैं मां बेटी की अस्मत खातिर किया अधर्म भी इतिहास में धर्म कहा जाता हैं याद रहे देवी को पूजने वाली इस माटी में ऐसे दानव का ना कोई अवशेष रहें सत्ता रहें ना रहें हाथों में पर दुःशासन वध होता रहें जब तक इतिहास के पन्नो में भारत देश रहे.. ✍️पं. शिवम् शर्मा ख़ुदरंग✍️ रूरा कानपुर देहात ©Cwam Xharma
Rajendra Jakhad
हे आजाद भारत.. अब तेरी बेटियां आजाद होनी चाहिये.. अधरो में दबी मौनता अब जोर जोर से टूटनी चाहिये. हर हृदय से इंसाफ कि आवाज पुरजोर उठनी चाहिये.. बेटियों पर क्रूरता अब यहीं रूकनी चाहिये.. और जुल्म की आंखें बस अब झुकनी चाहिये.. जिस योनि ने जीवन दिया, जिन स्तनों ने पोषण उनकी कदर तुमको होनी चाहिये.. जिन कायरो ने छुआ तन को, नामर्दो ने साथ दिया उनकी हस्ती मिटनी चाहिये.. हे आजाद भारत.. अब तेरी बेटियां आजाद होनी चाहिये.. ©Rajendra Jakhad #मणिपुर#बेटियां #इंसाफ