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Musafir ke ehsaas
तुम चाहती हो कि नए शब्द लेकर आऊँ तुम्हारी सुंदरता पर चार चाँद लगाने को, पर प्रिये ये कौन समझाए तुम्हें हमारे दिल के श्रृंगार रस के शब्दकोषों पर पहला हक तुम्हारा है। मैं कोशिश करता रहा रति, उर्वशी, मेनका या विश्व सुंदरियों की महारानी लिख तेरी सुंदरता सीमित करने को, जब ध्यान से देखा तेरे सादगी युक्त सौंदर्य को तब मुझे आभास हुआ की सुंदरता के समस्त अलंकारों पर पहला अधिकार तुम्हारा है। सुनो हे मृगनयनी! जो तुम सूट, साड़ी और पश्चिमी पहनावा पहनो या फिर खोल लो बंधे हुए केश अपने ये मौसम बहकाने को, कौन तुम्हे समझाए कि अपने नखरे और अदाओं से मौसमों को महकाने और बहकाने का पहला अधिकार तुम्हारा है। कैसे कह दे कि तेरी सादगी कुछ करती नहीं जादू कोई गंधर्व लोक की सुंदरियाँ को अपने वश में करने को, यह मुसाफ़िर सा शायर जानता है कि दुनिया के सारे जादू-टोने और सम्मोहित करने वाली विद्याओं पर पहला अधिकार तुम्हारा है। ©Musafir ke ehsaas #outofsight #Prem #hindi_poetry #sawalarang#SawalaRang #ishq #nojatohindi #nojotaquotes
Musafir ke ehsaas
जिसे देख स्वर्ग की सुन्दरियां भी करती है कामनाएँ बनने को दासी जिसकी, जो करती है सब का वशीकरण अपनी सादगी से देखी है आज मैने तस्वीर उसकी। समझ नहीं आता मुझे कि क्यों वह खुद को इतना साधारण समझती है, जानते है हम कैसे वह अपनी नशीली सी आंखों से दिलों का कत्ल करती है। मंद मंद मुस्कान ,कानों में झुमके, झुकी आंखें और करके एक तरफ को सारे बाल, उस पल के लिए भर्ती है गवाही यह कुदरत भी कि कैसे बनकर वह साधारण सी करती है कमाल। देखा है मैंने कैसे उसे छूकर यह हवाएं महकती है, और यूं तो सूरत उसकी बड़ी मासूम सी है पर हम साक्षी है कि कैसे बसंत ऋतु भी उसे देखकर मचलती है। यूं तो लगती है उसकी वह दोनों आंखें बस साधारण से सब जैसी, देखा है बड़े ध्यान से मैंने उसकी समंदर से ज्यादा गहरी दोनों आंखों को कैसे उसमें श्रृंगार रस की नदियां निकलती है। देखकर लोग अनंत विश्व सुंदरियों को शायद तुम्हें बस साधारण सी लड़की जानते होंगे, इस मुसाफिर से शायर ने देखा है कैसे सौंदर्य की पराकाष्ठा पर जाकर तेरी सादगी की शुरुआत झलकती है। ©Musafir ke ehsaas #boat #musafir #Prem #SawalaRang
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वो कंचनबदनी मृगनयनी जब अपनी खुली जुल्फो संग विलास करती हैं अकेले मेरी ही नहीं पूरी कुदरत की धड़कने एक पल के लिए ठहर जाती हैं। चमकते हुए सफ़ेद तारों से युक्त काले कुर्ते को पहन कर जब वो खुद को सजाती हैं। देखा है मैंने कैसे सुंदरता की देवी उसका श्रृंगार करने को तरसती है। अपनी खुली जुल्फों को जब वो अप्सराओं की मल्लिका कश कर बांध देती हैं, जरूरत नहीं पड़ती उसे किसी जादू टोने की बस इसी अदा से वो वशीकरण कर लेती हैं। और नाक के दाई ओर जब वो अर्ध चंद्रमा को नथनी रूप में धारण करती हैं, मेरे मन की तो क्या कहूँ अनंत कोटि प्रेमदेवो के मन को भी वो अपनी कातिलाना सी भौहों के बाण चला कर मोहित कर लेती हैं। और सुरत तो उसकी अनंत कोटि शरद पूर्णिमा के चंद्रमा को भी मात देती है, और गंगा की इस्मत लिए वो लड़की किसी मुसाफिर से शायर के भावों को भी गंगाजल सा पावन कर जाती है। (इस्मत=पवित्रता) ©Musafir ke ehsaas #ChaltiHawaa #SawalaRang #jhumke #hassenladki #nojatohindi #musafir
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