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आदर्श....✍️
कामगारांची व्यथा मांडणारी कोणती सभा झाली नसती. 'जी हुजूर' करणारी जमात भुछत्रागत उदयास आली असती..! हे आताचं आस्थापणेतील वातावरण तुझे दिव्यस्वप्न राहिलं असतं..! मग तुला कळाल असतं, AIBEA/AIBOA नसती तर काय झालं असतं..! सुट्टी हा अधिकार नाही सुट्टी साठी भीक मागावी लागते, सरंजामी व्यवस्थेत तुला गुलामागत जोपल जातंय, हे वास्तव तू अनुभवलं असतं..! मग तुला कळाल असतं, AIBEA/AIBOA नसती तर काय झालं असतं..! वेतन करार झाले, पगार वाढ झाली, वाढीव महागाई भत्ता भेटला, सगळं कसं तुला सहज भेटलं...! तुटपुंज्या पगारीवर हतबल होऊन, तुला जगावं लागलं असतं..! मग तुला कळाल असतं, AIBEA/AIBOA नसती तर काय झालं असतं..! ना मार्क्स भेटला असता ना वर्गसंघर्ष कळाला असता. समभागाची लढाई नसती ना आंबेडकर भेटला असता..! तुझं जगणं पार यंत्रासारखं मटेरिअलिस्टिक झालं असतं..! मग तुला कळाल असतं, AIBEA/AIBOA नसती तर काय झालं असतं..! ©आदर्श....✍️ union #Saffron
union #Saffron
read moreKRISHNA
*🙏🏻स्नेह वंदन 🙏🏻* *बारिश की बूँदें भले ही छोटी हों लेकिन वे लगातार बरसती है तो बड़ी बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है,वैसे ही अगर चेष्टा मन से की जाये तो हमारे लगातार छोटे छोटे प्रयास भी जिंदगी में एक दिन परिवर्तन ला सकते हैं।* *सबका दिन सुखद रहे।* *🙏🏻🌅सुप्रभात 🌅🙏🏻* *🙏🏻🌹जय भोलेनाथ 🌹🙏🏻* ©KRISHNA #Saffron
Tarachand Rathour
प्रेंम की सही पहचान इज्ज़त से हैं ... जो आप की इज्ज़त नहीं कर सकता , वो कभी आप से प्रेंम नहीं कर सकता , -Tarachand Rathour . ©Tarachand Rathour #Saffron
शिवम् मिश्रा
ग़लत तू भी तो हो सकता है, प्यार उसको भी तो हो सकता है...❗️ मानता हूं वो बिजी है आजकल पर, तुझे खोने का डर उसे भी तो हो सकता है। तुझे यूं ही लगता है उसको तेरी कदर नहीं, तु उसकी जिंदगी में सबसे खास भी तो हो सकता है। तेरे बारे में उसके किसी खास दोस्त को नहीं पता, तु उसका कोई गहरा राज भी तो हो सकता है। वह किसी से हंस के बात करें तो वो कैरक्टरलेस हो, वो उसका स्वभाव भी तो हो सकता है । तू कौन होता है जज करने वाला... जरूरी नहीं तेरे बोलने पर वह दौड़ी चली आए, उसका अपना भी तो परिवार हो सकता है। चल माना तेरा मूवी देखने का मन है उसके साथ... तेरी छुट्टी का दिन इतवार, उसकी छुट्टी का दिन सोमवार हो सकता है। ज्यादा मत सोचा कर उसके बारे में, दोस्त ना समझते हो वो तुम्हें, शायद उन्हें भी तुमसे प्यार हो सकता है। सवाल जो तेरे दिल में है उसके लिए, शायद उसके दिल में भी यही सवाल हो सकता है । बात वह नहीं करते तो तू ही करके देख, प्यार तुझे ही नहीं शायद उसे भी हो सकता है ग़लत तू भी तो हो सकता है, प्यार उसको भी तो हो सकता है...❗️ ©शिवम् मिश्रा #Saffron
Dhara
જુદા જુદા ધરમ મળે જુદા જુદા ખ્યાલ મળે નવાઈ એ વાત ની છે કે લોહી સઉ નું લાલ મળે --રાજેસ વ્યાસ ©Dhara #Saffron
Varun Vashisth
कत्ल हुआ मेरे अरमानों का शक है सब पर होगा इंसाफ मुझे भरोसा है रब पर कातिल चल रहा है हसी चाले वरुण ज़ख्म खा कर फिर भी तराने है लब पर ©Varun Vashisth #Saffron
Smruti Ranjan Mohanty
SOMETHING I LOOK AT-206 BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY DAY AFTER-2 During the pandemic Was at home for days and weeks But never felt the pangs of separation There was always hope for a reunion Now it has been just a couple of days But it seems as if since years We have not met The body is somewhere Somewhere else the heart and mind Life is moving ahead Leaving the soul far behind Everything as usual The sun rising in the east Wind blowing with its rhythm and rhyme Flowers blooming with all their colours Neither I see nor feel any of these Probably I have closed my eyes to the reality Life is beautiful Nothing like it We make it poignant Coz we except too much out of it We enter into relationships That becomes the reason for our mourning I know I have to come out of this To bring life back on track However beautiful the past may be The present is my reality And I have to live with it Smruti Ranjan Mohanty ©Smruti Ranjan Mohanty #Saffron SOMETHING I LOOK AT-206 BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY DAY AFTER-2 During the pandemic Was at home for days and weeks But never felt the pangs of separation
#Saffron SOMETHING I LOOK AT-206 BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY DAY AFTER-2 During the pandemic Was at home for days and weeks But never felt the pangs of separation
read moreमनोज कौशिक
कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी, उत्सव भारी होय.. बाबा भैया के दरबार से,खाली न जाए कोय ! ***** जिसने जो माँगा मिला बाबा के दरबार .. तू भी बन्दिया मांग ले,बाबा हैं दातार ! ******----****---**** बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... बाबा भैया की जय ...बाबा भैया की जय ... ग्राम बीच अस्थान तुम्हारा,लiगे प्यारा प्यारा , जिसने तेरी टेर लगाई, तुमने पार उतारा , जैसे भी बाबा रखे तू उसी हाल में रह... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... ज्योत जलाते दुध चढ़ाते शक्कर भोग लगाते , हे ग्राम देवता बाबा भैया पहले तुम्हें मनाते , जैसे मैंने कहा है प्यारे वैसे तू भी कह.... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... भक्तों के अपने बाबा जी, सारे कष्ट मिटाओ , दास खड़े है द्वार तुम्हारे आकर दरस दिखाओ , "कौशिक" को ना कोई चिंता और ना कोई भय... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय..... *****----****----****** ©मनोज कौशिक #Saffron
ಅಂಬಿಕಾ ಬಿಕೆ 6
"ಶುಭೋದಯ" ಕಣ್ಣಲ್ಲೊಂದು ಭರವಸೆಯ ಹೊಳಪು ತುಟಿಯಲೊಂದು ಚಿಕ್ಕ ಕಿರುನಗೆಯೊಂದಿಗೆ ದಿನವನ್ನು ಆರಂಭಿಸೋಣ..... ©ಅಂಬಿಕಾ ಬಿಕೆ #Saffron
shefalika chourasiya
जब द्रोपदी का चीर हरण हुआ तो किसने शस्त्र उठाया था सबके शस्त्रों मे जंग लग गया था तब उसने माधव को पुकारा था अंधे बहरो की दूनिया है जंहा अपना अब भी चीर हरण करता हैं पर कोई माधव नहीं आते हैं द्रोपदी को अपने चीर की रक्षा खुद ही करनी है ये समाज सिखाता हैं | ©shefalika chourasiya #Saffron