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Bhashkar Diwakar Pandey
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। #hindiquotes #shayari #myfeelings #hindustani #poem
@_poetry_Club_
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। #Love #poetry #shayri #ArmyLove💕
hasmukh.namdev
कहा पर बोलना है ,ओर कहा पर बोल जाते है, जहा खामोश रहना है ,वहां मुह खोल जाते है। कटा जब शीश सैनिक का तो सब खामोश रहते है, कटा एक शीन पिक्चर का वहाँ सब बोल जाते है। नई नस्लो के है ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं, मगर माँ बाप कुछ बोले तो,उन्हें फटकार लगाते है। बहुत ऊची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी, मगर मजदूर मांगे तो सिक्के बोल जाते है। अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नही कहता, फटी चादर की गलती हो तो सब बोल जाते है। हवाओ की तबाही को सब चुप चाप सहते है, चिरागों से हुई गलती पर सब बोल जाते है। बनाते फिरते है रिस्ते जमानो से अक्सर, मगर घर मे जरूरत हो तो रिस्ते भूल जाते है। कहा पर बोलना है ,ओर कहा पर बोल जाते है, जहा खामोश रहना है ,वहां पर मुह खोल जाते है।
कुमार सौम्य
चारों तरफ थी गाड़ियां ,चौराहे की बात थी , जब घर से निकला मैं उस समय की बात थी , हवालदार ने रोका और छीना मेरा शान, कटा चालान......कटा चालान...चालान| न जेब में थे कागज ,न ऊपर हेलमेट , और अपने काम पर हो रहा था मैं लेट , वो कलम से कागज पर कुछ लिखने लगा, गुस्से से मेरे ऊपर वह चीखने लगा, मैंने मांगी माफ़ी और पकड़े दोनों कान, कटा चालान......कटा चालान....चालान| देश सड़कों को अब चालान बचा कर रखेगा , अनुशासन के पाठ को चालान बचा कर रखेगा , लोग सड़कों पर वाहन लेकर बहके -बहके चलते जो , उन लोगों से हमको ये चलान बचा कर रखेगा | सौम्य पराशर #कटा_चालान
Brajesh kumar
कहाँ पर बोलना है, और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ ख़ामोश रहना है, वहाँ मुँह खोल जाते हैं।। full in caption कहाँ पर बोलना है, और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ ख़ामोश रहना है, वहाँ मुँह खोल जाते हैं।। कटा जब शीश सैनिक का, तो हम ख़ामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का. तो सारे बोल जाते हैं।।
hima singh
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं 👮👮
siddharth srivastava
#OpenPoetry कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं।। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं।। नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं।। बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं।। अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नहीँ कहता। फटी चादर की गलती हो तो सारे बोल जाते हैं।। हवाओं की तबाही को सभी चुपचाप सहते हैं। च़रागों से हुई गलती तो सारे बोल जाते हैं। कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं।। #OpenPoetry
Madhu sudan Burman
#OpenPoetry कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। #OpenPoetry #indianarmy
IAS Anjali
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। #OpenPoetry
Lata Sharma सखी
मेरा दिल क्यों आज टूटा टूटा सा लगता है, मुझसे ही दिल खफा खफा सा लगता है। कोई नहीं दूर तलक कोई परछाई भी नहीं, खो गया है कहीं जुदा जुदा सा लगता है। बात नहीं करनी किसी से बस खामोश है। सारे जहाँ से क्यों तन्हा तन्हा सा लगता है। मौत की तरफ दौड़ रहा धड़कन है यूँ बढ़ी, जिंदगी तुझसे भी कटा कटा सा लगता है। क्यों सखी इक जलन से बढ़ रही है सीने में, आग में किस ये जला जला सा लगता है। ©सखी #जिंदगी #खफा #दिल #जलन