Find the Best उठी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about उठी है भोलेनाथ, महफिल में जल उठी शमा, उठी एक अर्थी उठी, उठी मेरी अर्थी उठी, उठी श्री रामा,
Shruti Rathi
#Satyam shayar#
कलम उठी तो तेरी औकात लिख दु, इस जमाने की फिकर न हो,तो सरे आम लिख दु। तू क़ातिल थी ,तूने कत्ल कर डाला। अब बेवफाओ की दुनिया मे,मैं तुझे सरताज़ लिख दु, कलम उठी तो तेरी औकात लिख दु। -@बदनाम परिन्दे।।। #तेरी औकात लिख दु#
Kusum Sharma
तेरी मोहब्बत मैं तो पाषाण सी पड़ी थी जो छुआ मुझे तूने मूर्त हो उठी जब अहसास हुआ तेरी मोहब्बत का जीने की फिर से चाह जाग उठी #nojoto #writersofnojoto #mohabbat #hindi #shayri #poetry
Shayar-e-hind
शिकवा नहीं गुरूर है हम में रहें नजरें उठी उठी तो हां जनाब सुकून है गम में #writes #hindi #hindiwrites #words #pen #ink #love #life #pain #power #light
Pradeep Kalra
कवि मनीष
है जन्नत से आवाज़ उठी, अब कश्मीर सिर्फ़ हमारा है, आतंक के दलदल में, डूबनें का अब ना विचार हमारा है, बहोत भटका चुके तुम हमको, अब ख़ुद को रस्ते पे लाना है, ऐ आतंक के ठेकेदारों,
sakshi saxena
सूखे फूल पहली मुलाकात का फूल, जो खिल रहा था बहुत आज किताब में उस से , मुलाकात हो गई मुझे तुम्हारी याद आ गई, वो रिश्ते की तरह शुष्क पड़ा था उठा के फूल, तुमसे बात करने की चाह उठी तभी गुलाब की सारी पंखुड़ी झर उठी, सोचा फेक ही दू अब उसको क्योँकी , हम दोनी की बात अब रही नही वो नही करता याद, याद है मुझे, पर मैं उसको नही भूली ठीक उसी तरह, जैसे उसके गुलाब की निशानी मेरे किताब में छपी हुई है आज भी है #memoryalive #flowerimportance🌹🥀
Shweta Joseph
आज फिर डायरी के पन्नों की खुशबु के साथ, तुम्हारी यादें महक उठी.. वो जो कसमें वादे स्याही से लिखी थी मैंने, आज फिर यादों की हवाएँ चल उठी.. #yadonkihawayein #thewaveofink #instapoet #shwetajoseph #followpoems #forpoemlovers
NC
Mumbai Rains बूंद गिरी बादल से छनकर प्रसन्न हुई धरती से मिलकर आलिंगन से महक उठी धरती भी कुछ चहक उठी सावन ने गीत सुनाया है फूलों को भी खिलाया है आज प्रेम की कली खिली आज फलक से ज़मीन मिली विरह गीत न अब गाना है प्रेम दिवस अब मनाना है धरती में आए नव प्राण पपीहे ने छेड़ी नई तान ।। #nojotohindi#सावन#बूंदें#monsoon#Kavita#poetry
Manoj dev
उड़ चल, हारिल, लिये हाथ में यही अकेला ओछा तिनका। ऊषा जाग उठी प्राची में-कैसी बाट, भरोसा किन का! शक्ति रहे तेरे हाथों में-छुट न जाय यह चाह सृजन की; शक्ति रहे तेरे हाथों में-रुक न जाय यह गति जीवन की! ऊपर-ऊपर-ऊपर-ऊपर-बढ़ा चीरता जल दिड्मंडल अनथक पंखों की चोटों से नभ में एक मचा दे हलचल! तिनका? तेरे हाथों में है अमर एक रचना का साधन- तिनका? तेरे पंजे में है विधना के प्राणों का स्पन्दन! काँप न, यद्यपि दसों दिशा में तुझे शून्य नभ घेर रहा है, रुक न, यदपि उपहास जगत् का तुझ को पथ से हेर रहा है; तू मिट्टी था, किन्तु आज मिट्टी को तूने बाँध लिया है, तू था सृष्टि, किन्तु स्रष्टा का गुर तूने पहचान लिया है! मिट्टी निश्चय है यथार्थ, पर क्या जीवन केवल मिट्टी है? तू मिट्टी, पर मिट्टी से उठने की इच्छा किस ने दी है? आज उसी ऊध्र्वंग ज्वाल का तू है दुर्निवार हरकारा दृढ़ ध्वज-दंड बना यह तिनका सूने पथ का एक सहारा। मिट्टी से जो छीन लिया है वह तज देना धर्म नहीं है; जीवन-साधन की अवहेला कर्मवीर का कर्म नहीं है! तिनका पथ की धूल, स्वयं तू है अनन्त की पावन धूली- किन्तु आज तू ने नभ-पथ में क्षण में बद्ध अमरता छू ली! ऊषा जाग उठी प्राची में-आवाहन यह नूतन दिन का उड़ चल हारिल, लिये हाथ में एक अकेला पावन तिनका! #hardtime