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Amit Singhal "Aseemit"
पूरे चाँद से भी ज़्यादा है सुंदर, मेरे सनम का मुखड़ा रूप का। उत्साह भर देता मन के अंदर, जिस तरह एक टुकड़ा धूप का। ©Amit Singhal "Aseemit" #एक #टुकड़ा #धूप #का
kumaarkikalamse
टुकड़ों में टूट रही है कुछ इस तरह से सबकी ज़िन्दगी, जैसे एक साल उम्र बढ़ने पर एक साल कम होती है ज़िन्दगी! #Kumaarsthought #kumaarsher #kumaaronzindagi #टुकड़ा ज़िन्दगी पर मेरा 102वा she'r (many of them are posted on YQ) #ज़िन्दगी
pareek boy
जो #खानदानी #रईस है... 💓~~वो रखते हैं #एकड़ों में #भूमि..! ~~~~~~~~💌~~~~~~~~ तुम्हारे #प्लॉट का #टुकड़ा... 💓बता रहा है, तुम्हारी #दौलत नई नई है..! ©pareek official samjhe #na
Anil Kumar
ohii _tere _aala
❤️टुकडा #टुकड़ा नाम ए #मोहब्बत.... 💞 ❤️❤️ #कतरा कतरा #दर्द ए #❤️दिल... 💞💞. ❤️❤️ #ज़र्रा #ज़र्रा #धड़कन ए #वफ़ा.... 💞 ❤️ ❤️बूंद बूंद #अश्क ए #निगाह.... 💞💞 ❤️यही #इश्क़ है.... यही #इश्क़ है....! 💞 sonu shahidanwali.......!! ©ohii _tere _aala
Aryan Shivam Mishra
माना तेरी मुहब्बत ने शायर बना दिया पर हम सराबी तो नहीं तुझे ना अच्छे लगे तो ना सही पर इसका मतलब ये हम हरामी तो नहीं और मेरी फिक्र ना करो साहब हम जोड़ लेंगे खुद को इक टुकड़ा टूटा है जिस्म का पूरे जिस्म में कोई खराबी तो नहीं ©Aryan Shivam Mishra #टुकड़ा
Poetess_sonikatanwar
जिगर का टुकड़ा देखे बरस बीत गया अपने जिगर के टुकड़े को। हां ! एक माँ और भी, गया हैं जिसकी रक्षा को।। ओ! मेरे जिगर के टुकड़े भले तू मुझसे दूर ही जीना। पर याद रहे देश की खातिर , तुझको हैं हर दर्द को पीना।। देख तेरे बलिदान को मैं फूली नहीं स्माऊंगी। ऐसे वीर शहीद की, मैं माता कहलाऊंगी।। #Relationships #दिसम्बर #जिगर #का #टुकड़ा #सोनिका #तंवर #स्वरा #poetess #sonika #tanwar #svra #poemkiduniya
Ashi Kaushik
जिगर का टुकड़ा हो तुम कितने अजीज हो तुम मेरी आँखों में जरा देखो खुद को मेरा ही तो एक हिस्सा हो तुम #जिगर का #टुकड़ा हो #तुम #
Anant Tiwary
कितना हसीन वो मुखड़ा था, वो चांद ही थी, या फिर चांद का टुकड़ा था, उसके भाल बिंदी से सजी थी, मृगनैन में काजल लगी थी, उलझे लट गेसुओं के गालों को सहला रही थी, वो टकटकी लगाकर हमें सिर्फ देखे जा रही थी, कुछ कहना चाहती थी, पर लव खामोश थे, अनकही बातों को आंखों से कहती जा रही थी, ये महज एक इशारा था, या इकरार मोहब्बत का, पता नहीं क्यूं अपने छत से वो रेशमी दुपट्टा उड़ा रही थी, नायाब तोहफा थी कुदरत का सजाया हुआ, जो पूनम की रात में चांदनी से नहा रही थी, वो पहली मुलाकात भी बहुत हि अजीब था, मैं दूर होकर बिल्कुल उसके करीब था, #टुकड़ा चांद का Prince yadav Ritika suryavanshi pooja negi# anjali jain
m kalvadiya
चांद जैसे टूट गया है, टुकड़ा कही पर छूट गया है। आधुनिकता की होड़ में, या मानव से बचने की दौड़ में, डरी धरा की हालत देख, माथे पर ले चिंता की रेख। सोचा होगा बचा लू एक टुकड़ा, मानव ने ब्रह्माण्ड है कर दिया सकरा कहा छिपाऊ ये छोटा सा टुकड़ा ये जासूस बड़ा है तकड़ा। मा को न इसने छोड़ा, अम्बर से लेकर पाताल निचोड़ा। अब मामा चंदा की बारी भांजे का मस्तिष्क हथौड़ा भारी। सुनकर बाते मामा जी की, यू गुसाए सूरज काका। पास कोई आकर दिखलाए, आधुनिकता का पाठ सिखलाए। किया प्रकृति से इसने खिलवाड़, तोड़ी मर्यादा की दीवार। हाय-हाय ये मानव करता, गर्मी से जीता न मरता। फिर भी प्रकृति से खिलवाड़ करता। इतने पर भी नियति से न डरता। चांद टूट गया है