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Best खेलने Shayari, Status, Quotes, Stories

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Prakharlikhtehain

मुझे मेरे दोस्त ना बहुत याद आते हैं समय के साथ खेल तो बदले और उनको खेलने वाले जो नहीं बदल पाते है वो ही असल दोस्त कहलाते हैं पकड़म पकड़ाई से कबड्डी, कबड्डी से वॉलीबाल सब खेल जिनके साथ मैंने खेला है उनके साथ स्कूल जल्दी आना और खेलने को देर तक रुकने की जो यादें है वही मेरी दोस्ती मेला है स्कूल खत्म हुआ कॉलेज शुरू काफी छूटे और कुछ हमारे ही बने गुरू कोई कहीं अव्वल आया किसी ने कहीं झंडे गाड़े

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Goutam Singh Chauhan

खेलने के लिए खिलौना तो बहुत था बाज़ार में...
तुझे क्या मेरा दिल ही मिला खेलने के लिए | #nojotohindi #khilona #khel #dil #quotes #shayar #2lineshayri #writes #poetry #2lineshayri #storytelling

Ak

#गर #मोहब्बत ना थी #कह देते #मुझ से... यूं दिल के #ज्जबातों से #खेलने की #जरूरत #क्या थी... #Love#Khushi

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हम तुझ में खुद को ढूढ़ते रहे...
और तू किसी गैंर में खुद को छुपाते रहे... #गर #मोहब्बत ना थी #कह देते #मुझ से...
यूं दिल के #ज्जबातों से #खेलने की #जरूरत #क्या थी...
#love#khushi

Sweta Baisla

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कौन कहता  है की खेलने के लिए खिलौने की जरूरत होती है |
खेलने वाले बच्चे तो कंकड़ और डंडे  को भी अपना खिलौना बना लेते है |

Anushka Verma

*जन्नत का इश्क़* (एक पुनर्जन्म) जन्नत - बहुत सुंदर लड़की थी जो अभी 17 साल की थी .. उसका एक दोस्त था टेडी जिससे वो बात करती थी बड़ी ही अजब कहानी थी उसकी और उसके टेडी की । टेडी को प्यार से वो स्वीटू शोना बुलाती थी ये कहानी शुरू होती है जब जन्नत कुछ 17 साल की रही होगी उसके पापा एक मेले में जाते है उसे लेके बहुत अच्छे खिलोने व झूले देख कर वो बहुत ख़ुश हो जाती है जब जन्नत और उसके पापा झूले की ऊंचाई पर होते है जन्नत को गुड्डे की दुकान दिखती है

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*जन्नत का इश्क़* (एक पुनर्जन्म)

जन्नत - बहुत सुंदर लड़की थी जो अभी 17 साल की थी .. उसका एक दोस्त था टेडी जिससे वो बात करती थी बड़ी ही अजब कहानी थी उसकी और उसके टेडी की । 

टेडी को प्यार से वो स्वीटू शोना बुलाती थी 
ये कहानी शुरू होती है जब जन्नत कुछ 17 साल की रही होगी 
उसके पापा एक मेले में जाते है उसे लेके बहुत अच्छे खिलोने व झूले देख कर वो बहुत ख़ुश हो जाती है 
जब जन्नत और उसके पापा झूले की ऊंचाई पर होते है जन्नत को गुड्डे की दुकान दिखती है

ANIL KUMAR

कुछ प्रस्तर मध्य लगाए पत्तियों संग फूल बनाए कैसे-कैसे ख़्वाब सजाकर रंग-बिरंगे फूल सजाए कभी इधर कभी उधर धाए कभी शरमाए कभी लजाए कुछ पत्थर, कुछ कली, कुछ पत्तियां लाए

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 कुछ प्रस्तर मध्य लगाए
पत्तियों संग फूल बनाए
कैसे-कैसे ख़्वाब सजाकर
रंग-बिरंगे फूल सजाए
कभी इधर कभी उधर धाए
कभी शरमाए कभी लजाए
कुछ पत्थर, कुछ कली, 
कुछ पत्तियां लाए

Garg Rohit

देख रहा हूँ, कैसे खेलती हैं यादें तुम्हारी मुझसे, लहरों की तरह ले जाती हैं इतना करीब, कि बस डूबने ही नहीं देती हों जैसे, इस डूबने के डर में जीने का मज़ा आने लगा! मैं खुद से खेलने देता हूँ इन्हे , पहले डरता था पर अब समझ गया हूँ, डुबाएंगी नहीं मुझे ये, वरना रहेगा कुछ नहीं, इनके पास खेलने के लिए मेरे सिवा!

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देख रहा हूँ, कैसे खेलती हैं यादें तुम्हारी मुझसे, 
लहरों की तरह ले जाती हैं इतना करीब,
कि बस डूबने ही नहीं देती हों जैसे, 
इस डूबने के डर में जीने का मज़ा आने लगा!
मैं खुद से खेलने देता हूँ इन्हे ,
पहले डरता था पर अब समझ गया हूँ, 
डुबाएंगी नहीं मुझे ये, वरना रहेगा कुछ नहीं, 
इनके पास खेलने के लिए मेरे सिवा!

manish_writes

#MOKSHA

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मै आप सभी के दिलो को जीतने आया हूं
अपनी एक romantic कविता को लेकर जिसका नाम है ....
कविता (तेरी चाहत झूठी या हम झूठे )
पंक्ति 
वक्त के हर लम्हे का मेहमान बना बैठा हूँ
तेरी खूबसूरती का आखिरी हकदार बना बैठा हूँ
तेरी चाहत अब नही मुझसे मेरी भूल के कारण
फिर भी तेरा इंतजार किए बैठा हूँ
Subject content
आगे की लाइने हर उन लड़को के लिए जो बेचारे शरीफ तो होते है मगर ये दुनिया उनकी शराफत को नजरअंदाज कर 
उन्हे बदनाम कर देती है 
पंक्ति 
शराफत क्या हैं मेरीतेरी नजरो मे तुझको पता हैं
फिर भी जमाने मे बदनाम हुए बैठा हूँ
नाम बदनाम तो दिखावा है 
इस मतलबी दुनिया की 
पर तेरे लिए अपनी पहचान बनाए बैठा हूँ
Subject content 
जिसे कद्र ही नही मेरे आँसूओ के कीमत की
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
पंक्ति 
मासूमियत देखकर मेरे चेहरे की
हर किसी के लफ्जों पर रहता है सिर्फ मेरा नाम एक लबो की हँसी के लिए 
अपनी मासूमियत छिपाए बैठा हूँ
एहसास तो तेरा अबतक कुछ भी नही मुझसे 
पर सपनो मे भी तेरी परछाई को पहचान बैठा हूँ
Subject content 
ये मेरी कविता की आखरी लाइने है जो हर उन लड़कियों के लिए है जिन्हे भोले भाले लड़को के feelings के साथ खेलने मे बड़ा मजा आता है
पंक्ति 
जिन्दगी भी एक कविता की तरह होती हैं
कभी गुलाब के पंखुरीयो मिठी खुशबू
तो कभी चुभते हुए काँटो की उफ होती हैं
अगर न हो तेरा साथ तो ये कविता टूटकर 
दर्द भरी शायरीयो मे बिखर जाती हैं 
और हो अगर मेरे हाँथो मे तेरा हाथ
तो यही कविता जिन्दगी की एक 
खुबसूरत कहानी बन जाती हैं
मनीष 
मै आप सभी के दिलो को जीतने आया हूं
अपनी एक romantic कविता को लेकर जिसका नाम है ....
कविता (तेरी चाहत झूठी या हम झूठे )
पंक्ति 
वक्त के हर लम्हे का मेहमान बना बैठा हूँ
तेरी खूबसूरती का आखिरी हकदार बना बैठा हूँ
तेरी चाहत अब नही मुझसे मेरी भूल के कारण
फिर भी तेरा इंतजार किए बैठा हूँ
Subject content
आगे की लाइने हर उन लड़को के लिए जो बेचारे शरीफ तो होते है मगर ये दुनिया उनकी शराफत को नजरअंदाज कर 
उन्हे बदनाम कर देती है 
पंक्ति 
शराफत क्या हैं मेरीतेरी नजरो मे तुझको पता हैं
फिर भी जमाने मे बदनाम हुए बैठा हूँ
नाम बदनाम तो दिखावा है 
इस मतलबी दुनिया की 
पर तेरे लिए अपनी पहचान बनाए बैठा हूँ
Subject content 
जिसे कद्र ही नही मेरे आँसूओ के कीमत की
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
पंक्ति 
मासूमियत देखकर मेरे चेहरे की
हर किसी के लफ्जों पर रहता है सिर्फ मेरा नाम एक लबो की हँसी के लिए 
अपनी मासूमियत छिपाए बैठा हूँ
एहसास तो तेरा अबतक कुछ भी नही मुझसे 
पर सपनो मे भी तेरी परछाई को पहचान बैठा हूँ
Subject content 
ये मेरी कविता की आखरी लाइने है जो हर उन लड़कियों के लिए है जिन्हे भोले भाले लड़को के feelings के साथ खेलने मे बड़ा मजा आता है
पंक्ति 
जिन्दगी भी एक कविता की तरह होती हैं
कभी गुलाब के पंखुरीयो मिठी खुशबू
तो कभी चुभते हुए काँटो की उफ होती हैं
अगर न हो तेरा साथ तो ये कविता टूटकर 
दर्द भरी शायरीयो मे बिखर जाती हैं 
और हो अगर मेरे हाँथो मे तेरा हाथ
तो यही कविता जिन्दगी की एक 
खुबसूरत कहानी बन जाती हैं
मनीष 
मै आप सभी के दिलो को जीतने आया हूं
अपनी एक romantic कविता को लेकर जिसका नाम है ....
कविता (तेरी चाहत झूठी या हम झूठे )
पंक्ति 
वक्त के हर लम्हे का मेहमान बना बैठा हूँ
तेरी खूबसूरती का आखिरी हकदार बना बैठा हूँ
तेरी चाहत अब नही मुझसे मेरी भूल के कारण
फिर भी तेरा इंतजार किए बैठा हूँ
Subject content
आगे की लाइने हर उन लड़को के लिए जो बेचारे शरीफ तो होते है मगर ये दुनिया उनकी शराफत को नजरअंदाज कर 
उन्हे बदनाम कर देती है 
पंक्ति 
शराफत क्या हैं मेरीतेरी नजरो मे तुझको पता हैं
फिर भी जमाने मे बदनाम हुए बैठा हूँ
नाम बदनाम तो दिखावा है 
इस मतलबी दुनिया की 
पर तेरे लिए अपनी पहचान बनाए बैठा हूँ
Subject content 
जिसे कद्र ही नही मेरे आँसूओ के कीमत की
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
पंक्ति 
मासूमियत देखकर मेरे चेहरे की
हर किसी के लफ्जों पर रहता है सिर्फ मेरा नाम एक लबो की हँसी के लिए 
अपनी मासूमियत छिपाए बैठा हूँ
एहसास तो तेरा अबतक कुछ भी नही मुझसे 
पर सपनो मे भी तेरी परछाई को पहचान बैठा हूँ
Subject content 
ये मेरी कविता की आखरी लाइने है जो हर उन लड़कियों के लिए है जिन्हे भोले भाले लड़को के feelings के साथ खेलने मे बड़ा मजा आता है
पंक्ति 
जिन्दगी भी एक कविता की तरह होती हैं
कभी गुलाब के पंखुरीयो मिठी खुशबू
तो कभी चुभते हुए काँटो की उफ होती हैं
अगर न हो तेरा साथ तो ये कविता टूटकर 
दर्द भरी शायरीयो मे बिखर जाती हैं 
और हो अगर मेरे हाँथो मे तेरा हाथ
तो यही कविता जिन्दगी की एक 
खुबसूरत कहानी बन जाती हैं
मनीष 
 #MOKSHA

manish_writes

#MOKSHA

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मै आप सभी के दिलो को जीतने आया हूं
अपनी एक romantic कविता को लेकर जिसका नाम है ....
कविता (तेरी चाहत झूठी या हम झूठे )
पंक्ति 
वक्त के हर लम्हे का मेहमान बना बैठा हूँ
तेरी खूबसूरती का आखिरी हकदार बना बैठा हूँ
तेरी चाहत अब नही मुझसे मेरी भूल के कारण
फिर भी तेरा इंतजार किए बैठा हूँ
Subject content
आगे की लाइने हर उन लड़को के लिए जो बेचारे शरीफ तो होते है मगर ये दुनिया उनकी शराफत को नजरअंदाज कर 
उन्हे बदनाम कर देती है 
पंक्ति 
शराफत क्या हैं मेरीतेरी नजरो मे तुझको पता हैं
फिर भी जमाने मे बदनाम हुए बैठा हूँ
नाम बदनाम तो दिखावा है 
इस मतलबी दुनिया की 
पर तेरे लिए अपनी पहचान बनाए बैठा हूँ
Subject content 
जिसे कद्र ही नही मेरे आँसूओ के कीमत की
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
पंक्ति 
मासूमियत देखकर मेरे चेहरे की
हर किसी के लफ्जों पर रहता है सिर्फ मेरा नाम एक लबो की हँसी के लिए 
अपनी मासूमियत छिपाए बैठा हूँ
एहसास तो तेरा अबतक कुछ भी नही मुझसे 
पर सपनो मे भी तेरी परछाई को पहचान बैठा हूँ
Subject content 
ये मेरी कविता की आखरी लाइने है जो हर उन लड़कियों के लिए है जिन्हे भोले भाले लड़को के feelings के साथ खेलने मे बड़ा मजा आता है
पंक्ति 
जिन्दगी भी एक कविता की तरह होती हैं
कभी गुलाब के पंखुरीयो मिठी खुशबू
तो कभी चुभते हुए काँटो की उफ होती हैं
अगर न हो तेरा साथ तो ये कविता टूटकर 
दर्द भरी शायरीयो मे बिखर जाती हैं 
और हो अगर मेरे हाँथो मे तेरा हाथ
तो यही कविता जिन्दगी की एक 
खुबसूरत कहानी बन जाती हैं
मनीष 
मै आप सभी के दिलो को जीतने आया हूं
अपनी एक romantic कविता को लेकर जिसका नाम है ....
कविता (तेरी चाहत झूठी या हम झूठे )
पंक्ति 
वक्त के हर लम्हे का मेहमान बना बैठा हूँ
तेरी खूबसूरती का आखिरी हकदार बना बैठा हूँ
तेरी चाहत अब नही मुझसे मेरी भूल के कारण
फिर भी तेरा इंतजार किए बैठा हूँ
Subject content
आगे की लाइने हर उन लड़को के लिए जो बेचारे शरीफ तो होते है मगर ये दुनिया उनकी शराफत को नजरअंदाज कर 
उन्हे बदनाम कर देती है 
पंक्ति 
शराफत क्या हैं मेरीतेरी नजरो मे तुझको पता हैं
फिर भी जमाने मे बदनाम हुए बैठा हूँ
नाम बदनाम तो दिखावा है 
इस मतलबी दुनिया की 
पर तेरे लिए अपनी पहचान बनाए बैठा हूँ
Subject content 
जिसे कद्र ही नही मेरे आँसूओ के कीमत की
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
पंक्ति 
मासूमियत देखकर मेरे चेहरे की
हर किसी के लफ्जों पर रहता है सिर्फ मेरा नाम एक लबो की हँसी के लिए 
अपनी मासूमियत छिपाए बैठा हूँ
एहसास तो तेरा अबतक कुछ भी नही मुझसे 
पर सपनो मे भी तेरी परछाई को पहचान बैठा हूँ
Subject content 
ये मेरी कविता की आखरी लाइने है जो हर उन लड़कियों के लिए है जिन्हे भोले भाले लड़को के feelings के साथ खेलने मे बड़ा मजा आता है
पंक्ति 
जिन्दगी भी एक कविता की तरह होती हैं
कभी गुलाब के पंखुरीयो मिठी खुशबू
तो कभी चुभते हुए काँटो की उफ होती हैं
अगर न हो तेरा साथ तो ये कविता टूटकर 
दर्द भरी शायरीयो मे बिखर जाती हैं 
और हो अगर मेरे हाँथो मे तेरा हाथ
तो यही कविता जिन्दगी की एक 
खुबसूरत कहानी बन जाती हैं
मनीष 
मै आप सभी के दिलो को जीतने आया हूं
अपनी एक romantic कविता को लेकर जिसका नाम है ....
कविता (तेरी चाहत झूठी या हम झूठे )
पंक्ति 
वक्त के हर लम्हे का मेहमान बना बैठा हूँ
तेरी खूबसूरती का आखिरी हकदार बना बैठा हूँ
तेरी चाहत अब नही मुझसे मेरी भूल के कारण
फिर भी तेरा इंतजार किए बैठा हूँ
Subject content
आगे की लाइने हर उन लड़को के लिए जो बेचारे शरीफ तो होते है मगर ये दुनिया उनकी शराफत को नजरअंदाज कर 
उन्हे बदनाम कर देती है 
पंक्ति 
शराफत क्या हैं मेरीतेरी नजरो मे तुझको पता हैं
फिर भी जमाने मे बदनाम हुए बैठा हूँ
नाम बदनाम तो दिखावा है 
इस मतलबी दुनिया की 
पर तेरे लिए अपनी पहचान बनाए बैठा हूँ
Subject content 
जिसे कद्र ही नही मेरे आँसूओ के कीमत की
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
मै उसी से कितना प्यार करता हूँ 
पंक्ति 
मासूमियत देखकर मेरे चेहरे की
हर किसी के लफ्जों पर रहता है सिर्फ मेरा नाम एक लबो की हँसी के लिए 
अपनी मासूमियत छिपाए बैठा हूँ
एहसास तो तेरा अबतक कुछ भी नही मुझसे 
पर सपनो मे भी तेरी परछाई को पहचान बैठा हूँ
Subject content 
ये मेरी कविता की आखरी लाइने है जो हर उन लड़कियों के लिए है जिन्हे भोले भाले लड़को के feelings के साथ खेलने मे बड़ा मजा आता है
पंक्ति 
जिन्दगी भी एक कविता की तरह होती हैं
कभी गुलाब के पंखुरीयो मिठी खुशबू
तो कभी चुभते हुए काँटो की उफ होती हैं
अगर न हो तेरा साथ तो ये कविता टूटकर 
दर्द भरी शायरीयो मे बिखर जाती हैं 
और हो अगर मेरे हाँथो मे तेरा हाथ
तो यही कविता जिन्दगी की एक 
खुबसूरत कहानी बन जाती हैं
मनीष 
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