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Rakesh frnds4ever
कद्र और समय दोनों प्रतिव्रती अनुक्रियाँ हैं अगर किसी की कद्र करोगे तो वो कभी अपना समय नहीं देता है और अगर किसी को अपना समय दोगे तो वो तुम्हारी कभी कद्र नहीं करता है परन्तु कुछ हम जैसे भी लोग होते हैं जो कद्र और समय दोनों में सामंजस्य और तालमेल बनाए रखते हुए उसमे फिक्र और परवाह भी शामिल करते हुए लोगों को खुद से ज्यादा महत्व देते हैं,, ज्यादा अहमियत देते हैं पर फिर भी बदले में मतलबी दुनिया के मतलबपरस्त लोग अपनी चालाकियों, जूठ,फरेबों, बेइमानियों, धोखों से बाज नहीं आते ओर सोचते हैं कि कोई उनकी असलियत नहीं जानता,,,.... ©Rakesh frnds4ever #कद्र और #समय दोनों प्रतिव्रती अनुक्रियाँ हैं अगर किसी की कद्र करोगे तो वो कभी अपना समय नहीं देता है और अगर किसी को अपना समय दोगे तो वो तुम्हारी कभी कद्र नहीं करता है #परन्तु
Jay Patel
https://youtube.com/channel/UCUu4i1yz7kQA9rNFmLIop2A Like And subscribe my chenal please #जो इन्सान #खुद के लिए #जीता है...🙆 #उसका एक दिन " #मरण" होता है..........😖 #परन्तु....🥀🥰 #जो इन्सान #दूसरों के लिए #जीता है..........🥀👌 #उसका हमेशा " #स्मरण" होता है....🥀💞 ©Jay Patel Motivation #Books And storiys
Purnima bhardwaj (Poonam)
आज का ज्ञान #दुनिया में कोई भी चीज़ #कितनी* *भी #कीमती क्यों न हो,* *#परन्तु #भगवान ने हमें जो* *नींद, शांति, और #आनन्द* *#नि:#शुल्क #दिया है,* *#उससे कीमती हमारे #जीवन में* *कुछ भी नहीं..!!!* #जय श्री #कृष्णा.. -Purnima bhardwaj (Poonam) #aajkagyaan 🙏🏻
राजकुमार अगावली
आज भारत में समानता के नाम पर अन्याय हो रहा है।घोर अन्याय। एक व्यक्ति रहन सहन स्थिति, धन,शरीर के आधार पर गरीब अमीर होता है,परन्तु हमने उसे जन्म के आधार पर मानकर पुरानी परंपरा को ही जीवित रखा है । फर्क इतना है कि पहले जो वर्ग आगे था वह आज पीछे है और जो पीछे था वह आज आगे है। क्यों? न्याय कहां रहा?न्यायानुसार पिछडों को आगे लाने के लिए हमें उन्हें मुफ्त शिक्षा, इलाज, सहायता,न्याय, घर,पेंशन की सुविधा करनी चाहिए।और एक बार जब वह मुख्य धारा में आ जाए तो वे सुविधाएं बन्द कर देनी चाहिए।ताकि एक बार सब समान हो जाएं। ।हम सब जानते हैं कि कर्म.और शिक्षा के आधार पर हर व्यक्ति में भेद होता है और रहेगा।परन्तु हम तो आरक्षण की गलत नीति से एक वर्ग को अधिक लाभ और दूसरे को कटोरा थमा रहे हैं।इसमें 5 लाख आमदनी पर आरक्षण का लाभ आने वाली संतति को खत्म कर देना चाहिए। #RamnathKovind
Deepak Raj
मेरे संघर्ष की कहानी जीवन एक संघर्ष है (कहानी) एक पिता अपनी बेटी के साथ उसके घर में रहता था। दोनों ही एक दूसरे को बहुत सम्मान व प्यार देते थे और बहुत मिलजुलकर साथ रहते थे। एक दिन बेटी अपने पिता से शिकायत करने लगी कि उसकी ज़िन्दगी बहुत ही उलझी हुई है। बेटी आगे कहने लगी “मैं जितना सुलझाने की कोशिश करती हूँ जीवन उतना ही और उलझ जाता है, पापा! सच में मैं बहुत थक गयी हूँ अपने जीवन से लड़ते-लड़ते। जैसे ही कोई एक समस्या खत्म होती है तो तुरंत दूसरी समस्या जीवन में दस्तक दे चुकी होती है। कब तक अपने आप से और इन समस्याओं से लड़ती रहूंगी।” बेटी की बातें सुनकर पिता को लगा वह काफी परेशान हो गई है। सारी बातें ध्यान से सुनकर पिता ने कहा मेरे साथ रसोई में आओ। पिता कि आज्ञानुसार बेटी अपने पिता के साथ रसोई में खड़ी हो गई। उसके पिता ने कुछ कहे बिना तीन बर्तनों को पानी सहित अलग-अलग चुल्हों पर उबालने रख दिया। एक बर्तन में आलू, एक में अण्डे और एक में कॉफी के दाने डाल दिए और चुपचाप बिना कुछ कहे बैठ के बरतनों को देखने लगे। 20-30 मिनट पश्चात पिता ने चुल्हे बंद कर दिए। अलग-अलग प्लेट में आलू व अण्डे और एक कप में कॉफ़ी निकालकर रख दी। फिर अपनी बेटी की ओर मुड़कर पूछा – बेटी तुमने क्या देखा? बेटी ने हंसकर जवाब दिया – आलू, अण्डे और कॉफ़ी। पिता ने कहा – जरा नज़दीक से छूकर देखो फिर बताओ तुमने क्या देखा? बेटी ने आलू को छूकर देखा तो महसूस किया कि वो बहुत ही नरम हो चुके थे। पिता ने अपनी बात दोहराई और कहा – अब अंडे को छीलकर देखो। बेटी ने वैसा ही किया और देखा अंडे अंदर से सख्त हो चुके थे। अंत में पिता ने कॉफ़ी का कप पकड़ाते हुए कहा अब इसे पियो। कॉफ़ी की इतनी अच्छी महक से उसके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई और वह कॉफी पीने लगी। फिर उसने बड़े उत्सुकता के साथ अपने पिता से पूछा – पापा इन सब चीज़ों का क्या मतलब है। आप मुझे क्या समझाना चाहते है? बेटी की उत्सुकता को शांत करने के लिए पिता ने समझाया – आलू, अण्डे और कॉफ़ी तीनो एक ही अवस्था से गुजरे थे। तीनों को एक ही विधि से उबाला गया था। परन्तु जब इन चीज़ों को बाहर निकाला गया तो तीनों की प्रतिक्रिया अलग-अलग थी। जब हमने आलू को उबालने रखा था तो वह बहुत सख्त था परन्तु उबालने के बाद वो नरम हो गया। जब अण्डे को उबलने रखा था तब वह अन्दर से पानी की तरह तरल था परन्तु उबालते ही सख्त हो गया। उसी तरह जब कॉफ़ी के दानों को उबालने रखा तब वह सारे दाने अलग-अलग थे मगर उबालते ही सब आपस में घुल-मिल गए और पानी को भी अपने रंग में रंग दिया। बेटी! ठीक इसी तरह जीवन में भी अलग-अलग परिस्थितियां आती रहती है। तब इंसान को खुद ही फैसला लेना होता है कि उसे किस परिस्थिति को कैसे सम्भालना है। कभी नरम होकर, तो कभी सख़्त होकर और कभी-कभी सब के साथ घुल-मिलकर। दोस्तों, समस्या किसके पास नही होती? दुनिया में ऐसा कोई मनुष्य नही जो परेशानी का सामना ना कर रहा हो। हर समस्या हमें कुछ ना कुछ सिखाकर ही जाती है। परेशानियाँ हमें अनुभवी बनाती है। बस एक बात हमेशा याद रखे अगर जीवन में समस्या है तो उसका समाधान भी है। वो समाधान क्या है इसका पता आपको स्वयं लगाना होगा। समस्याओं से हार ना माने बल्कि जीवन की हर चुनौती का हँसकर सामना करे और खुद के मनोबल को मजबूत बनाएं। समस्या से भागना या कतराना एक कमजोर व्यक्ति की पहचान है।
Subant Kumar dangi(Poet, Writer)
भरतपुर का खजाना (कहानी) यह कहानी भारत देश के एक छोटे शहर भरतपुर की है। इस शहर में एक छोटी सी हवेली थी। हवेली बहुत ही सुंदर और आकर्षक था। हवेली में एक बड़ा सा खजाना भी था। खजाने में इतना धन हीरा मोती सोना - चांदी से भरा था कि पूरे शहर की आबादी को एक वर्ष तक किसी आपातकालीन परिस्थिति में आराम से खिलाया जा सकता था। शहर के हवेली एवं खजाने की चर्चा अपने शहर में ही नहीं दूसरे शहरों में भी होती थी। यहां तक की विदेशों में वह बहुत चर्चित एवं मशहूर था। जो चीज ज्यादा चर्चित एवं मशहूर होता है उसपर खतरे भी बढ़ जाते हैं। यही बा
यह कहानी भारत देश के एक छोटे शहर भरतपुर की है। इस शहर में एक छोटी सी हवेली थी। हवेली बहुत ही सुंदर और आकर्षक था। हवेली में एक बड़ा सा खजाना भी था। खजाने में इतना धन हीरा मोती सोना - चांदी से भरा था कि पूरे शहर की आबादी को एक वर्ष तक किसी आपातकालीन परिस्थिति में आराम से खिलाया जा सकता था। शहर के हवेली एवं खजाने की चर्चा अपने शहर में ही नहीं दूसरे शहरों में भी होती थी। यहां तक की विदेशों में वह बहुत चर्चित एवं मशहूर था। जो चीज ज्यादा चर्चित एवं मशहूर होता है उसपर खतरे भी बढ़ जाते हैं। यही बा
read moreSôñù Shármä
चरित्र आप एक संवेदनशील एवं भावुक व्यक्ति हैं। जीवन की कठनाइयों का आप पर अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा प्रभाव पड़ता है परिणामस्वरूप आप जीवन के कुछ सुखद पल खो देते हैं। दूसरों द्वार कही गयीं बातों को आप दिल पर ले लेते हैं। अतः कुछ एसी बातें है जो आपको दुःख देती हैं परन्तु उस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिये।आपके कार्य करने का तरीका शान्तिपूर्ण है,परिणामस्वरूप आप अपने सहकर्मियों की नजर में मजबूत इच्छाशक्ति एवं दृढ-निश्चयी वाले व्यक्ति प्रतीत होते हैं। आपकी यह प्रवृत्ति आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने
चरित्र आप एक संवेदनशील एवं भावुक व्यक्ति हैं। जीवन की कठनाइयों का आप पर अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा प्रभाव पड़ता है परिणामस्वरूप आप जीवन के कुछ सुखद पल खो देते हैं। दूसरों द्वार कही गयीं बातों को आप दिल पर ले लेते हैं। अतः कुछ एसी बातें है जो आपको दुःख देती हैं परन्तु उस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिये।आपके कार्य करने का तरीका शान्तिपूर्ण है,परिणामस्वरूप आप अपने सहकर्मियों की नजर में मजबूत इच्छाशक्ति एवं दृढ-निश्चयी वाले व्यक्ति प्रतीत होते हैं। आपकी यह प्रवृत्ति आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने #nojotophoto
read moreChoudhary Rohitash Bhambu
कन्हैया बनने को तैयार😍 हैं परन्तु , कोई राधा तो मिले😥 ज़िन्दगी जीने को तैयार हैं परन्तु, कोई इरादा🤔 तो मिले #Rohit
ऋजु (अनहद)
मैं नारी हूँ.... व्यक्तित्व का तेरे श्रृँगार हूँ मैं गरिमा हूँ ..मैं आभा हूँ मैं लज्जा हूँ..मैं करूणा हूँ परन्तु मैं अबला कदापि नहीं न ही मैं लाचार हूँ देने में सक्षम हूँ...तेरे प्रत्येक प्रहार का प्रत्युत्तर परन्तु यह मेरी प्रतिष्ठा के विरूद्ध होगा क्योंकि मैं ही तो दुर्गा हूँ..मैं ही रणचण्डी हूँ तेरी क्या औकात मेरे आगे... तू क्या रोकेगा मुझे गगन छूने से जबकि मैं ही नक्षत्र ..मैं ही चराचर विश्व मैं ही सृष्टि हूँ..मैं ही सँहार हूँ. 😊😊😊😊😊😊😊 My first poem #नारी
Prakash Patel
अच्छे लोगों की भगवान परीक्षा बहुत लेते हैं , परन्तु साथ नहीं छोड़ते और बुरे लोगों को भगवान बहुत कुछ देते हैं परन्तु साथ नहीं देते Prakash Patel Hii Friend's..... How are you guys
Hii Friend's..... How are you guys #विचार
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