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,मैँ कतरा हो कर भी तूफ़ाँ से जंग लेती हूँ, मुझे बचाना समंदर की जिम्मेदारी है. ©V. Aaraadhyaa #सगाई Shiva&Isha
शर्मा निखिल
#सगाई उससे ही मिलने उसकी गली जाया करते थे हम, दिन में गली के दस चक्कर लगाया करते थे हम, घंटों गुजारे मै ने उस की गली वाले दोस्त के घर, फिर उसको देखकर खुश हो जाया करते थे हम, सहेलियां उस की सगाई की तस्वीर लगा रही है, जिसके संग तस्वीर कई खींच वाया करते थे हम, मोहब्बत करने से मना करता हूं में अब सब को, उस समय मोहब्बत में आशिकिया करते थे हम, सपनों पर तो अब मुझे बिल्कुल विश्वास ही नहीं, उस वक्त साथ साथ सपने सजाया करते थे हम, प्यार के सफर में तो बर्बाद हुआ शर्मा निखिल, उस वक्त हर सफर में साथ जाया करते थे हम| शर्मा निखिल (एडवोकेट) ©शर्मा निखिल
विष्णु कांत
कल मेरी जान की सगाई होने वाली है, जिन्होंने साथ रहने के वादे किए थे.... वो किसी और की लुगाई होने वाली है। ©विष्णु कांत #सगाई
Aniket Sen
अब से कुछ दिनों में उसकी सगाई हो जाएगी, पहले हल्दी, महंदी, फिर शादी और विदाई हो जाएगी। जिस अंजानी को मैंने कभी अपना माना था, वह मेरे लिए अब कोई पराई हो जाएगी। सस्ता होने वाला है अब शहर हमारा, वस जिस भी शहर जाएगी, वहाँ महँगाई हो जाएगी। एक ज़माने से कैद था मैं उसके दिल में, उसके दिल से भी अब इस कैदी की रिहाई हो जाएगी। अतीत को साथ लेकर चलना होगा मुझे, अब उसकी यादें ही मेरी परछाई हो जाएगी। अब नहीं मिलूँगा मैं उस से कभी, वह सामने आई, तो हमारी लड़ाई हो जाएगी। अब शायद बंद मेरी यह लिखाई हो जाएगी 💔 #सगाई #विदाई #परछाई #महँगाई #पराई #bestyqhindiquotes #yqdidi #ifyoulikeitthenletmeknow
Blissful Bihari
बजे ढोल बाजे सगाई हो चुकी है, वो लड़की अब पराई हो चुकी है। ©Bekaar kalakaar #सगाई Dhyaan mira Sudha Tripathi Vandana Mishra Anjani Upadhyay Deepti Srivastava
Devesh Roy
तुमने मुझसे कुछ इस क़दर की बेवफाई मेरे आंखों ने आँसुओं से मानो कर ली सगाई #सगाई #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqbhaijan #yqdost #yqpowrimo #deveshroy
Praveen
सगाई - तुम्हे अपना बनाने तक, तुम्हे अपना मान लिया । थोड़े सपने सजाने तक, थोड़े सपनों को जान लिया ।। हर कदम साथ चलने का वादा लिए , मेरी उंगली ने तेरी उंगली को थाम लिया । मिले तो रास्ते आपस में हैं , रस्म में बस अंगूठियों को नाम दिया ।। बंट गए सारे दुःख, आज से हमारे बीच । खुशियों की चादर ने, आज से ही फैलना जान लिया ।। सफर सात फेरों तक सगाई का रहेगा भले । ज़िन्दगी संग बिताएंगे, ये अभी से है ठान लिया ।। तुम्हे अपना बनाने तक, तुम्हे अपना अभी से है मान लिया ...! ~ प्रवीण कुमार #engagement #सगाई
जयश्री_RAM
कितने दिनों से वे दोनों इस पल का इन्तजार कर रहे थे मगर घर वालों की बन्दिसें इतनी थी कि मुश्किल लगने लगा।एक दिन ऐसा हुआ कि किरन ने दीप को फोन किया कि आज मेरे घर वाले किसी काम से बाहर जा रहे हैं तो जबाव में दीप ने भी कहा कि उसके मम्मी पापा दोनों किसी शादी में शामिल होने जा रहें हैं और रात से पहले उनका घर बापस आना मुश्किल है। अब दोनों ने घर से बाहर मिलने की योजना बनायी,दीप ने अपनी बहन से कहा कि वो अपने दोस्त के पास किसी काम से जा रहा है जल्दी लौट आयेगा।किरन किससे कहती अपने घर की अकेली लड़की थी.ज्यादा सुन्दर नहीं पर नाक नक्श बहुत प्यारा था जिसे उसका सलीके से पहनावा और खूवसूरत किये था। फिलहाल दोनों अपने अपने घर से निकल कर एक निश्चित ठिकाने पर मिले और काफी देर तक यह तय नहीं कर पाये की कहाँ जायें।अंततः वे दोनों एक छोटी सी नदी की तरफ चल दिये और वहाँ पहूँच कर किनारे पर बैठ गये।किरन गौर से पानी की गहराई देखते हुए कहती है जैसा हमारे साथ हो रहा है उससे तो इसी नदी में डुब जाऊं मन कर रहा है।दीप ने तुरन्त किरन के मुँह पर उँगली रखकर कहा -पागल हो यार तुम ....सच ....कुछ दिन में हमारी शादी है ।कुछ देर खामोशी रहती है...फिर किरन दीप के कन्धे पर सिर रखते हुए गहरी सी आह भरती है।दीप उसके बालों को सहँआता है।दूर ढलता हुआ सूरज हर तरफ नारंगी रंग बिखेर रहा था।किरन को बातों बातों में पता ही नहीं चला कब वो दीप की गोद में सिर रखे रेत से खेल रही थी और दीप ने अपनी बाँहों को पीठ पर रखकर गाल टिका रखे थे।पीठ से किरन की गूँजती आवाज बहुत प्यारी लग रही थी।पहली बार दोनों इस तरह से एक दूसरे से मिल रहे थे।दोनों की सगाई को चार माह हो गये मगर घर वालों ने मिलने से सख्त मना किया था बस एक दूसरे से घण्टों बात करते थे।अब जबकि साथ में हैं तो कोई भी बोल नहीं रहा बस इस पल को जी रहा है।एक बोल रहा है तो दूसरा हूँ ...हूँ ....बस। फिर अचानक किरन गीली गीली घास पर पीठ के बल लेट गयी..दीप ने रोका भी कि कपडे़ खराब होंगे लेकिन उसने अनसुना कर दिया और सूरज के डूबने के साथ अंधेरा होने लगा था।किरन दीप की उँगलियों से खेल रही थी और दीप आसमान की ओर देख रहा था...तभी वो भी गीली जमीन पर लेट गया..और दोनों पता नहीं कब तक ऐसे ही पडे़ रहे। राम उनिज मौर्य #सगाई