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Best सगाई Shayari, Status, Quotes, Stories

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शर्मा निखिल

#Ring

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शर्मा निखिल

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हेयर स्टाइल by mv

#सगाई#

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Blissful Bihari

#सगाई Dhyaan mira Sudha Tripathi Vandana Mishra Anjani Upadhyay Deepti Srivastava

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Devesh Roy

तुमने मुझसे कुछ इस क़दर की बेवफाई 
मेरे आंखों ने आँसुओं से मानो कर ली सगाई
     #सगाई #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqbhaijan #yqdost #yqpowrimo #deveshroy

जयश्री_RAM

#सगाई

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कितने दिनों से वे दोनों इस पल का इन्तजार कर रहे थे मगर घर वालों की बन्दिसें इतनी थी कि मुश्किल लगने लगा।एक दिन ऐसा हुआ कि किरन ने दीप को फोन किया कि आज मेरे घर वाले किसी काम से बाहर जा रहे हैं तो जबाव में दीप ने भी कहा कि उसके मम्मी पापा दोनों किसी शादी में शामिल होने जा रहें हैं और रात से पहले उनका घर बापस आना मुश्किल है।
अब दोनों ने घर से बाहर मिलने की योजना बनायी,दीप ने अपनी बहन से कहा कि वो अपने दोस्त के पास किसी काम से जा रहा है जल्दी लौट आयेगा।किरन किससे कहती अपने घर की अकेली लड़की थी.ज्यादा सुन्दर नहीं पर नाक नक्श बहुत प्यारा था जिसे उसका सलीके से पहनावा और खूवसूरत किये था।
फिलहाल दोनों अपने अपने घर से निकल कर एक निश्चित ठिकाने पर मिले और काफी देर तक यह तय नहीं कर पाये की कहाँ जायें।अंततः वे दोनों एक छोटी सी नदी की तरफ चल दिये और वहाँ पहूँच कर किनारे पर बैठ गये।किरन गौर से पानी की गहराई देखते हुए कहती है जैसा हमारे साथ हो रहा है उससे तो इसी नदी में डुब जाऊं मन कर रहा है।दीप ने तुरन्त किरन के मुँह पर उँगली रखकर कहा -पागल हो यार तुम ....सच ....कुछ दिन में हमारी शादी है ।कुछ देर खामोशी रहती है...फिर किरन दीप के कन्धे पर सिर रखते हुए गहरी सी आह भरती है।दीप उसके बालों को सहँआता है।दूर ढलता हुआ सूरज हर तरफ नारंगी रंग बिखेर रहा था।किरन को बातों बातों में पता ही नहीं चला कब वो दीप की गोद में सिर रखे रेत से खेल रही थी और दीप ने अपनी बाँहों को पीठ पर रखकर गाल टिका रखे थे।पीठ से किरन की गूँजती आवाज बहुत प्यारी लग रही थी।पहली बार दोनों इस तरह से एक दूसरे से मिल रहे थे।दोनों की सगाई को चार माह हो गये मगर घर वालों ने मिलने से सख्त मना किया था बस एक दूसरे से घण्टों बात करते थे।अब जबकि साथ में हैं तो कोई भी बोल नहीं रहा बस इस पल को जी रहा है।एक बोल रहा है तो दूसरा हूँ ...हूँ ....बस।
फिर अचानक किरन गीली गीली घास पर पीठ के बल लेट गयी..दीप ने रोका भी कि कपडे़ खराब होंगे लेकिन उसने अनसुना कर दिया और सूरज के डूबने के साथ अंधेरा होने लगा था।किरन  दीप की उँगलियों से खेल रही थी और दीप आसमान की ओर देख रहा था...तभी वो भी गीली जमीन पर लेट गया..और दोनों पता नहीं कब तक ऐसे ही पडे़ रहे।
राम उनिज मौर्य #सगाई

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