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Uma Shankar
मैं अपने अंदर के भय, लालच, अहंकार, द्वेष जैसे राक्षस रावण को जला रहा हूं कुछ इस तरह मैं अपना *दशहरा* मना रहा हूं राम नाम सत्य है🙏 ©Uma Shankar #happydussehra #राक्षस #राम #जय_महाकाल #मैं #रावण
Shahana Parveen
जिसको लाये थे पूरे समाज के सामने सजा संवार कर अपने घर उसको ही एक दिन कर के बन्द कमरा आग से जला दिया यों तो कहा था कि ले ज रहे हैं बहू को बेटी बना कर पर बात जब दहेज़ की आई तो सब कुछ भुला दिया वो चीखती रही गिड़गिड़ाती रही सबको अपने अंदर पनपती नन्हीं ज़िन्दगी की दुहाई दे कर इंसान रूपी राक्षसों ने उसकी भी मौत की नींद सुला दिया #दहेज़ #प्रथा #आग #मौत #राक्षस #social_evil #stand_against_dowry #take_a_step
Manish Kumar Savita
राक्षस इसलिए भी खुलकर उत्पात मचाते हैं क्योंकि राम मर्यादा में रहकर तीर चलाते हैं।। #Manish Kumar Savita #राक्षस
Poet Master
भूल राक्षस रूप , हो चली सुपर्णखा मोहित मानव आम पर, लालसा जगी उसकी पुरुषोत्तम राजा राम पर। हो तुम परम् तेजस्वी सुंदर पुरुष इस भूलोक में, मैं अभिमानी सर्वसुन्दरी इस त्रिलोक में। ढूंढ आयी इस जगत में कोई सजीला, वीर सा, हो जिसमे दिव्यता और जैसे धार तीर सा। भूल #राक्षस रूप, हो चली #सुपर्णखा मोहित मानव आम पर, #लालसा जगी उसकी पुरुषोत्तम #राजा #राम पर। हो तुम परम् तेजस्वी #सुंदर #पुरुष इस भूलोक में, मैं अभिमानी #सर्वसुन्दरी इस त्रिलोक में।
Puneet Kashyap(PK)
क्या कमाल है - -🤔 एक सेब गिरा और गुरुत्वाकर्षण का आविष्कार हो गया और इधर इंसान रोज गिर रहा है ...पर # इंसानियत का पूर्ण आविष्कार अभी तनहींहुआ।। #इंसान बस तू इतना काम कर अपने अंदर के #राक्षस,"अभिमान का,घृणा का, बुराई का" लोभ का,धर्मांधता का, जैसे भी हो #Dussehra
BinTu Galiyon
#GodMorningTuesday मांस आहारी मानवा, प्रत्यक्ष राक्षस जान। मुख देखो न तास का, वो फिरै चैरासी खान।। जो व्यक्ति माँस खाते हैं, वे तो स्पष्ट राक्षस हैं। उनका तो मुख भी नहीं देखना चाहिए यानि उनके साथ रहने से अन्य भी माँस खाने का आदी हो सकता है। इसलिए उनसे बचें। वह तो चैरासी लाख योनियों में भटकेगा। #instagramers #food #smile #followme Namita Writer Madhavi Choudhary Danvir Jaat Gagandeep Singh Darpana Singh
आयुष पंचोली
"दशावतार" जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चित्कार मचाता हैं। तब हरने को पीड़ा इनकी, काल उतर कर युग परिवर्तन करने आता हैं। तब तब अवतरित होकर निराकार का परम अंश, धरकर कितने ही विविध रूप अपनी सर्वोच्च सत्ता की महानता का एहसास सबको कराता हैं।
@ankita
फिल्म देख देख कर सब पागल हो गये हैं प्यार ही खुदा हैं प्यार ही सब कुछ हैं का दर्जा देकर पूरे दिन अपने प्यार का ही नाम जापते हैं और बाद में पता चलता हैं कि जिसे हम भगवान मान रहे थे वो राक्षस भी कहलाने लायक नहीं था राक्षस भी अगर सुनेगा तो वो भी कहेगा अरे यार मैं इतना भी बुरा नहीं
Anil Siwach