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Best ससुर Shayari, Status, Quotes, Stories

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- Arun Aarya

#RanbirAlia #ससुर बनायेंगे

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अरफ़ान भोपाली

सास ससुर से अलग रहने वाली औरतें भी 
मायके से ए कहकर आती है की भाभी 
अम्मी पापा का ख्याल रखना ।

©अरफ़ान भोपाली / THE आवाज़ #doori #माँ #बाप #सास #ससुर #nojoto

Sonu Sharma

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kumaarkikalamse

हास्य कविता: विनती सुन लो ससुर जी

अपनी राजदुलारी को कुछ दिन बुला लो पापा जी,
जीना  मुश्किल  हो  गया  मेरा  अब  तो  पापा जी|

सुबह-सुबह हो  जाए  शुरू  इसका  भजन कीर्तन,
चाय तो बना लूँ मैं पर कैसे आटा लगाउँ पापा जी|

बर्तन-कपड़े  सब  अब  मेरे  ही  जिम्मे रह  गये है,
अरमान सारे  झाड़ू-पोंछे  में  बह  गये  पापा  जी|

कुछ  तो  मेरी  सुध-बुध  लो  अरज  करे  'कुमार',
पति से ज्यादा काम वाला बन गया में तो पापा जी|

© जय कुमार #YQBaba 
#funny #poem #ससुर

chand shayar Saifi

#promiseday Pooja Udeshi Mamta Bhavna singh anokhi singh Varsha Chaurasia #जिंदगी #कॉमेडी #मधुबाला #ससुर

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तेरे साथ रहेंगे #जिंदगी भर मेरी #मधुबाला

नही डरेंगे किसी से चाहे #ससुर होे या #साला🤣,,.  😱

मैं झुकूँगा नहीं साला 😁

©chand shayar سیفی #promiseday  Pooja Udeshi Mamta  Bhavna singh anokhi singh Varsha Chaurasia

rekha sharma

😭😭😭😭😭

©rekha sharma #ससुराल #sasural #मायका #mayka #सीखना #पढ़ाई #सास #ससुर #पति #पत्नी

PREM HANS KUMAR

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प्रेम हंस कुमार
जिला 🙏🙏2 मिनिट निकाल कर ज़रूर पढ़े 🙏🙏

ससुर के  आखिरी शब्द थे," मेरी बहु नहीं ,तुम मेरा बेटा हो"!

भारतीय समाज में नारी की स्थिति अधिक संतोषजनक नहीं है, शादी के बाद यदि स्त्री को किसी कारणवश पति द्वारा त्याग दिया जाता है तो, या तो ससुराल वाले भी उसे त्याग देते हैं, या वह स्त्री ही ससुराल छोड़ कर चली जाती है। ऐसे में यह किस्सा बहुत ही प्रेरणादायक और अपनेआप में अनोखा है।यह कहानी है, करनाल के न्यू चार चमन निवासी नीतू अरोड़ा जी की, जिन्होंने पुत्रवधू होते हुए भी पुत्र से अधिक कर्तव्य निभा कर साबित कर दिया कि रिश्ते केवल नाम और खून के नही अपितु प्यार और अपनेपन के भी होते हैं।मंगतराम जी के पुत्र एवं नीतू जी के पति हर्षदीप  ने अपने पिता, पत्नी और दो बेटियों को छोड़कर  दूसरी स्त्री के चक्कर में परिवार से किनारा कर लिया, लेकिन पुत्रवधू ने ससुर की बेटे की तरह सेवा कर रिश्तों की दिल छू लेने वाली कहानी लिख दी। नीतू ने तय किया वह बुजुर्ग को अकेला और निराश्रित छोड़कर नहीं जाएगी। वहीं रहेगी। उनके साथ। बेटा बन कर। वह अपनी दो बेटियों के साथ बुजुर्ग ससुर के साथ ही रहीं।नीतू जी अपने ससुर मंगतराम जी की पिछले दस वर्ष से सेवा सुश्रूषा कर रही थीं। मंगतराम जी का बेटा हर्षदीप जब दूसरी महिला के लिए घर छोड़ गया तो मंगतराम ने भी उससे अपने पुत्र होने  का हक छीन लिया। उन्होंने बेटे को घर से बेदखल कर दिया और अपनी सारी संपत्ति अपनी पुत्रवधू व अपनी दो पोतियों के नाम कर दी। इतना ही नहीं उन्होंने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अपने निधन के बाद मुखाग्नि का अधिकार भी अपनी पुत्रवधू को ही दिया, जिसे नीतू ने पूरा किया।  80 वर्षीय बुजुर्ग ससुर मंगतराम का गत दिवस लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। अर्थी उठाते समय नीतू खुद आगे आई और ससुर की अर्थी को कंधा दिया।  पिता तुल्य ससुर के चले जाने से वह गमजदा थीं। आंखों में आंसू थे, लेकिन वह पूरी मजबूती से अर्थी को लेकर श्मशान घाट पहुंची। उन्हें मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की हर परंपरा निभाई।करनाल की यह घटना देश की पहली घटना होगी कि पुत्रवधू ने ससुर की अर्थी को कंधा दिया, मुखाग्नि दी। अब अस्थियों के विर्सजन और रस्म पगड़ी की तैयारी कर रही है।ऐसे प्रेरणादायक किस्से हमें बताते हैं कि रिश्ते किसी नाम या खून के मोहताज नही होते बस दिलों में अपनेपन का भाव होना चाहिए। मरौना

Ashok Dading

#Life

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पहले के जमाने में लड़कियों की शादी होने के बाद वो 
अपने पति के साथ ससुराल में रहती थी और सास ससुर की सेवा करती थी
आज के जमाने मे लड़की की शादी होने के बाद 
उसका पति अपने ससुराल में अपनी पत्नी के साथ रहता है और
 अपने सास ससुर की सेवा कर रहा है क्या जमाना आ गया #Life

Roopanjali singh parmar

रीना की शादी को चार साल हो गए थे, उसका एक बेटा भी था अभय, जो एक साल का था। पति हर्ष और सास करुणा उसे बहुत प्यार करते थे, और ससुर महेंद्र सिंह भी कभी उसके साथ ससुर की तरह पेश नहीं आये थे। रीना की एक नन्द भी थी 'दिव्या'। उनके बीच सहेलियों जैसा रिश्ता था। दिव्या यूँ तो रीना से बड़ी थी मगर उस पर ना हुकुम चलाती और ना कभी किसी बात पर रोक-टोक करती। दिव्या की शादी उसके भाई हर्ष की शादी के दो साल पहले ही हुई थी। परिवार में हँसी ख़ुशी का माहौल बना रहता था। एक दिन सास करुणा, पड़ोसन सरिता के साथ अपने बरामदे म #कहानी #ससुराल #मायका #रूपकीबातें #नज़रियेकाफ़र्क

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मायका और ससुराल (एक नज़रिया)

(कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें) रीना की शादी को चार साल हो गए थे, उसका एक बेटा भी था अभय, जो एक साल का था। पति हर्ष और सास करुणा उसे बहुत प्यार करते थे, और ससुर महेंद्र सिंह भी कभी उसके साथ ससुर की तरह पेश नहीं आये थे।
रीना की एक नन्द भी थी 'दिव्या'। उनके बीच सहेलियों जैसा रिश्ता था। दिव्या यूँ तो रीना से बड़ी थी मगर उस पर ना हुकुम चलाती और ना कभी किसी बात पर रोक-टोक करती। दिव्या की शादी उसके भाई हर्ष की शादी के दो साल पहले ही हुई थी।
परिवार में हँसी ख़ुशी का माहौल बना रहता था।

एक दिन सास करुणा, पड़ोसन सरिता के साथ अपने बरामदे म

A.R.Mallik

परिवार और जिंदगी

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परिवार और जिंदगी 
         
        "रेणु की शादी हुए, पांच साल हो गए थे, उसके पति थोड़ा कम बोलतें थे पर बड़े सुशील और संस्कारी थे, माता पिता जैसे सास ,ससुर और एक छोटी सी ननद और एक नन्ही सी परी जैसी   बेटी भरा पूरा परिवार था, दिन खुशी से बीत रहे थे ।।।।                                                                      

        आज रेणु बीते दिनों को लेकर बैठी थी , कैसे उसके पिताजी ने बिना मांगे 30 लाख रुपये अपने दामाद के नाम कर दिए, जिससे उसकी बेटी खुश रहे, कैसे उसके माता पिता ने धूमधाम से उसकी शादी की, बहुत ही आनन्दमय तरीके से उसका विवाह हुआ था।।।                                         

         खैर ये बात नही थी , बात तो ये थी रेणु के बड़े भाई ने अपने माता   पिता को घर से निकल दिया था , क्योकि पैसे तो उनके पास बचे नही थे , जितने थे रेणु की शादी में सब खर्च हो गए थे, फिर रेणु के भाई अपने माँ पापा को क्यो रखने लगे रेणु के माँ पापा घर से निकल कर एक मंदिर में रुके थे।।।                                     
 
           रेणु आज उनसे मिल कर आई थी औऱ बहुत उदास रहने लगी थी, आखिर बेटी थी, अपने माँ पापा के लिए कैसे दुःख नही होता, कितने नाजो से पाला था रेणु को उसके पापा ने बिल्कुल अपनी गुड़िया बनाकर रखा था ।।।।।             

      आज वही माँ पापा मंदिर के कोने में भूखे प्यासे पड़े थे।।।                  
    
        रेणु अपने पति से बात करना चाहती थी, वो अपने माँ पापा को अपने घर ले आये पर वो हिम्मत नही कर पा रही थी , क्योकि रेणु के पति कम बोलते थे, अधिकतर चुप रहते थे, जैसे तैसे रात हुई रेणु के पति और पूरा परिवार खाने की टेबल पर बैठा था , उसने डरते हुए अपने पति से कहा ।।।।। 

        सुनिए जी भय्या भाभी ने मा पापा को घर से निकल दिया है, वो मंदिर में रह रहे है, आप कहे तो मैं उन्हें अपने घर ले आउ , रेणु के पति ने कुछ नही कहा और खाना खत्म कर के अपने कमरे में चल गया, सब लोग अभी तक खाना खा रहे थे, पर रेणु के मुख से एक निवाला भी नही उतरा था, उसे बस यही चिंता सता रही थी कि अब क्या होगा इन्होंने भी कुछ कहा नही, रेणु आंखों में नमी लिए सबको खाना परोसा रही थी।।।।।            

       थोड़ी देर बाद रेणु के पति कमरे से बाहर आये और रेणु के हाथों में नोट का बंडल देते हुए बोले इससे माँ पापा के लिए एक घर खरीद दो और उनसे कहना किसी बात की फिक्र न करे मैं हु ना।।  

     रेणु ने बात काटते हुए कहा आपके पास इतने पैसे कहा से आये जी?                                   

      रेणु के पति ने कहा ये आपके पापा के दिये गए ही पैसे है, मेरे नही थे इसलिए मैंने इसका इस्तेमाल नही किया , वैसे भी उन्होंने मुझे ये पैसे जबरजस्ती दिए थे शायद उन्हें पता था एक दिन ऐसा आएगा।।।।।।।               

          रेणु के सास ससुर अपने बेटे को गर्व भारी नज़रो से देखने लगे और उनके बेटे ने भी अपने अम्मा बाबूजी से कहा सब ठीक है ना???                                                
            उसके अम्मा बाबूजी ने कहा बेटा बड़ा नेक ख्याल है और बेटा हम तुम्हे बचपन से जानते है ये हमे  पता है, अगर बहु अपने माँ पापा को यह ले आयी तो बहु के मा पापा शर्म के मारे  सर उठा कर जी नही पाएंगे इसलिए तुमने उन्हें अलग घर दिलाने का फैसला किया है और रही बात इस दहेज के पैसे की तो हमे कभी जरूरत ही नही पड़ी इन पैसे की और नही हमारी मांग थी दहेज की वो आपके पापा की अमानत के रूप में हमारे पास पड़े थे, क्योकि तुमने कभी भी हमे किसी चीज की कमी नही होने दी, खुश रहो बेटा कहकर रेणु और उसके पति को छोड़ कर सब सोने चले गए।।।।।।               
            रेणु के पति ने रेणु से कहा अगर तुम्हें पैसो की जरूरत हो तो मुझसे  कहना अपने माँ पापा से  नही  मांगना और हा सुनो घर खरीदने के पैसे कहा से आये तो कुछ भी बहाना बना देना वरना वो अपने आपको दिल ही दिल मे कोसते रहेंगे, चलो अच्छा अब मैं सोने जा रहा हु मुझे कल सुबह दफ्तर भी जाना है ऐसा  बोल कर रेणु के पति कमरे में सोने चले गए।।।।।                                             

               और रेणु खुद को कोसने लगी मन ही मन  न जाने उसने क्या क्या सोच लिया था कि मेरे पति ने दहेज में पैसे लिए है वो क्या मेरे माँ पापा की मदद करेंगे अगर मेरे पति मेरे माँ पापा की मदद नही करेंगे तो में भी उनके अम्मा बाबूजी की सेवा नही करूँगी, रेणु सब समझ गई थी मेरे पति कम बोलते है पर है बड़े समझदार।।।।

        रेणु  उठी और अपने पति के पास गई और माफी मांगने लगी और उसने अपने पति को सब बात दिया कि वो उनके  बारे मे क्या सोचती थी , रेणु के पति ने कहा कोई बात नही नासमझी में ये सब होता है , तुम्हारी जगह अगर मैं होता तो मैं भी यही सोचता रेणु की खुशी का कोई ठिकाना नही था , एक और उसके मा पापा की परेशानी दूर दूसरी और उसे उसके पति ने माफ कर दिया।।।।।।।।।                                  
                रेणु ने खुश और शर्माते हुए अपने पति से कहाँ मैं आपको गले लगा लू उसके पति ने बड़े जोर की हंसी हंसते हुए कहा मुझे अपने कपड़े गंदे नही करना और खुद ने रेणु को गले लगा लिया और दोनों जोर जोर से हंसने लगे और रेणु को अपने कम बोलने वाले पति का ज्यादा प्यार समझ आ गया।।।।।"💕💕💞💞                

           हर मर्द बुरा नही होता गौर करना 
            कुछ अच्छे भी होते है.........!!!!!

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Writen by A.R.Mallik

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