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Shivkumar
" खामोश नहीं हैं हम भी , किसका शिकार कब करना है ये हम बखूबी से जानते हैं.... ! " " अगर हालात पर तुम्हारी पकड़ सही है तो यकीन मानो साहब ! ये जहर उगलने वाले भी आपका कुछ नही बिगाड़ सकते !! " ©Shivkumar #Preying " #खामोश नहीं हैं #हम भी , किसका #शिकार कब करना है ये हम #बखूबी से जानते हैं.... ! " " अगर #हालात पर तुम्हारी #पकड़ सही है तो यकीन मानो #साहब !
kumaarkikalamse
कर लेनी चाहिए 'सुलह' खुद से भी 'कुमार', कि खुद से बिगाड़ के 'ज़िन्दगी' नहीं चलती है!! #kumaarsthought #kumaar2020 #kumaar2020_71_366 #सुलह #सलाह #बिगाड़ #ज़िन्दगी #kumaaronzindagi
sanjana Bhardwaj
पर उन्होंने मेरी कोई बात न मानने की कसम खा रखी है जैसे...🤨 #बिगाड़ रखी है हमने उनकी #आदत हर एक बात मान के #yqquotes #sumitchoudharyquote #yqhindi #YourQuoteAndMine Collaborating with sumit choudhary
MD Najih
💞कुछ #गुज़री, कुछ #गुज़ार दी.!!!!💞 💞कुछ #निखरी, कुछ #निखार दी.!!!!!💞 💞कुछ #बिगड़ी, कुछ #बिगाड़ दी.!!!!!💞 💞कुछ #अपनी रही, कुछ अपनों पर #वार दी.!!!!💞 💞कुछ #इश्क में डूबी, कुछ इश्क ने #पार लगा दी.!!!!!💞 💞कुछ #दोस्त साथ रहे, कुछ कसर #दुश्मनों ने उतार दी.!!!!!💞 बस... 💞 #ज़िन्दगी जैसी मिली , वैसी ही #गुज़ार दी..!!!!💞 #photographychallenge ©MD Najih Najih ke dil se
Anuj kumar
😠अरे #पगली💁मेरा #Style 😎देख कर #आज कल तो #हवाएं 🌁भी💡#जलने🔥लगी है, बार-बार #चलकर मेरा #Hair🙆#Style🙅#बिगाड़ देती है👈👈 ©Anuj kumar
Anjuman_e_alfaaz (Govind kushwah)
इन बिगड़ते हालात मे हमे जमात की नहीं एक दूसरे के सहारे की जरूरत है क्यूंकि मज़हब चाहें कोई भी हो वो जोड़ता है तोड़ता नहीं Save us from corona #corona #jamat #mazhab #बिगाड़ #जोड़ना #तोड़ना #हालात #sahara #NojotoApp #Nojoto
Shahab
शिकायतों की पाई-पाई जोड़ कर रखी थी मैंने, उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया #बिगाड़
Salim Khan
हमारा कोई क्या बिगाड़ सकता है हमारी किस्मत तो उसने लिखी है जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है
Dinesh Gupta
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते है साहब सजा ना देकर अदालत बिगाड़ देती हैं।
Mohammed Shahnawaz Saifi Abid
#OpenPoetry शक्ल ओ सूरत बिगाड़ के रख दी, दिल की बस्ती उजाड़ के रख दी। मैंने मुश्किल से जमाए थे क़दम, उसने हस्ती उखाड़ के रख दी। वो जिसके पांव के कांटे निकले हम ने थे। उसी ने दिल में एक फांस गाड़ के रख दी। चिट्ठी ले कर के एक गुलाम आया, बड़ी मुद्दत के बाद पैग़ाम आया, मेरे दिलबर का जो ही नाम आया, उसने वो चिट्ठी भी फाड़ के रख दी । शक्ल ओ सूरत बिगाड़ के रख दी, दिल की बस्ती उजाड़ के रख दी। मैंने मुश्किल से जमाए थे क़दम, उसने हस्ती उखाड़ के रख दी।