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Ramkishor Azad
वक्त के प्यार को पहले ही दिल से समझना पड़ता है, इंसान कितना अच्छा हो उसे परखना ही पड़ता है! दो दिलों के रिश्ते यूं ही नहीं टूट जाते है प्यार में, वक्त और प्यार को मोहब्बत के दर्द में भी समझना पड़ता है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #प्यार में #हर #इंसान #बंधा होता कि #रिश्ता #टूटे नहीं #R #lovebond #इंसान #heartbroken💔feel
Suneel George
मेरा मिज़ाज कुछ आवारा सा है, बंधा हुआ है कई जंजीरो में फिर भी कुंवारा सा है, बड़ी बारीकियों से चलाया हथौड़ा मुझपर मेरे मालिक ने, के गुन्हेगार को अपना अक्स देकर संवारा सा है। ©Suneel George #आवारा #कुवारा #बंधा #जंजीर #मालिक #गुनहगार #संभालना #alone
Akram Minhaz ansari
के_मीनू_तोष
ख़ास पल एक समा बंधा शिकागो दूजा बंधा ह्यूस्टन परचम भारत का लहारऐ क्या कर लेंगें दुर्जन ॥ नरेन्द्र था वो भी नरेन्द्र ही ये भी है दोनो का प्रेम भारती संग अमिट अतुलित अटल ॥ ©के मीनू तोष (२३ सितम्बर २०१९) #KhaasPal #nojotohindi #kalakaksh #nojoto
Neha Yadav
मेरे मांग सिंदूर की शोभा तुम हो, मेरी जीवन की प्रेरणा तुम हो, मुखमंडल की अविरल धारा, नैनों की मेरे काजल की आभा, तुझसे जुड़ी रहे बागडोर जीवन की, प्रभु रखना लाज सदा मेरे सिंदूर की, कभी ना करना दूर मेरे प्रियतम से।। प्रेम के बंधन से बंधा पावन त्यौहार, स्नेह से बंधा रहे सदा साजन का प्यार।। हरितालिका तीज की हार्दिक बधाई
saloni toke alfazon ki khumari
hii कलाई है। एक or रिश्तो की ड़ोर अनेक 👍 बंधन है ये कैसा ? कलाई के साथ धागे से बंधा।। फर्ज ओर उम्मीद का गहरा रिश्ता जो रक्षा के साथ, एक बंधन से बंधा।। happy raksha bandhan . पूरे साल की लड़ाई ओर मस्ती के बाद आज ही तो भाई को बहन की कदर समझ आती है। जब उसकी ये कलाई बहन के प्यार और विश्वास से बंध जाती है।। mere alfaz .s.toke... s.toke. raksha bandhan special
Jahnvee
मन मोह के धागों से बंधा मन कभी शांत कभी बढ़ा ये चंचल मन कभी कमल के जैसे खिल जाता कभी धीर-गंभीर हो जाता मन भावों से भरा हुआ भावों का ही भूखा मन न जाने कितने मोह के धागों से है बंधा ये मन..... #मन #nojotohindi #nojoto #nojotolove
वक्त का मुसाफ़िर
किसी के भी छत पर बैठ जाता, ना धर्म से बंधा होता, ना कर्म से बंधा होता, सवाल कोई उठाता भी ना मुझ पर ना लोग भड़कते मुझ पर, ना शोर करने पर मारते मुझको, मैं पुरी तरहा सारे बंधनो से आजाद होता | मेरी सोच...
Chintan Kothari
एक प्रश्न रह-रह कर उठता, है मन में मेरे भगवान्, हो जाता है हृदय व्यथित और छा जाता है अज्ञान, द्रवित हो रहे नेत्र विरह में, हाय मानस क्षुब्द अजान, जीवन की इस मृगतृष्णा में, बंधा हुआ हर इन्सान। मात, पिता और भ्रात-सखा, सब साथ छोड़ते जाएँगे, जीवन भर जो साथ चले थे, तब कहाँ उन्हें हम पाएँगे, पतझड़ के वृक्षों की भाँति, बस जड़वत हम रह जाएँगे, टूट-टूट कर जब टहनी से, जब सब पत्ते उड़ते जाएँगे। प्रश्न नहीं कि क्यों बँधता है, इस मृगतृष्णा में इन्सान, प्रश्न नहीं क्यों होता है,जीवन मृत्यु का र्निमम संग्राम, प्रश्न नहीं क्यों होते हैं नेत्र अविरल भर दु:ख अन्जान, प्रश्न नहीं कि क्यों होता है,प्रेम भाव का यह परिणाम। प्रश्न एक है उस भगवन से, जिसने किया विश्व र्निमाण, दी जिसने यह मनुष्य योनि है, और दिया है जीवन दान, हृदयरहित हम क्या बुरे थे, जो पहुंचना था इस सोपान, जीवन की इस मृगतृष्णा में, हाय बंधा हुआ हर इन्सान।
Anjuola Singh (Bhaddoria)
एक प्रश्न रह-रह कर उठता, है मन में मेरे भगवान्, हो जाता है हृदय व्यथित और छा जाता है अज्ञान, द्रवित हो रहे नेत्र विरह में, हाय मानस क्षुब्द अजान, जीवन की इस मृगतृष्णा में, बंधा हुआ हर इन्सान। मात, पिता और भ्रात-सखा, सब साथ छोड़ते जाएँगे, जीवन भर जो साथ चले थे, तब कहाँ उन्हें हम पाएँगे, पतझड़ के वृक्षों की भाँति, बस जड़वत हम रह जाएँगे,