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उपांशु शुक्ला

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Basant Negi

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जय मां भवानी




ग्राम सभा खण्ड तल्ला व खण्ड मल्ला वार्ड क्षेत्र पंचायत सदस्य पद हेतु प्रिय प्रत्याशी युवा शिक्षित आपका अपना

बसंत सिंह नेगी

🤔

समीक्षा "एक प्रारम्भ"

नित हार के माथे नवल मैं जीत लिखती हूँ, आंसूँ को पोंछ मधुरमय संगीत लिखती हूँ ...|| रण-भूमि से भागूँ ? सुनो,कायर नहीं हूँ मैं, निज-राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...|| भू-खण्ड-खण्ड भाग का फिर एक अंग हो, शत्रुघ्न बनके अरि का अब मुण्ड-मण्ड हो, हो उदित हिम केसरी, मन-प्रण प्रचण्ड हो, #समीक्षा

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नित हार के माथे नवल मैं जीत लिखती हूँ,
आंसूँ को पोंछ मधुरमय संगीत लिखती हूँ ...||
रण-भूमि से भागूँ ? सुनो,कायर नहीं हूँ मैं,
निज-राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...||

भू-खण्ड-खण्ड भाग का फिर एक अंग हो,
शत्रुघ्न बनके अरि का अब मुण्ड-मण्ड हो,
हो उदित हिम केसरी, मन-प्रण प्रचण्ड हो,
सीमा परे कुकृत्य पर अविस्मर्ण्य दण्ड हो ,
जीवन्त हों निर्मोही मन ये अपेक्षा रखकर ,
मस्तक-पटल पर केसरी मनमीत लिखती हूँ ...||
निज राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...||

हम उन वीरों के अनुज, कबन्ध जिनके लड़ते थे,
बरछी-बाण-कोदंड-कटारी से ना तनिक डरते थे ,
रण में धड़ ही दुश्मन को कर चीर अलग करते थे,
लिए एक-लिंग शपथ स्व-जननी पर मर-मिटते थे,
धन-यश लोलुपता को त्यागो राष्ट्र-उदय हो लक्ष्य,
यूँ एकीकृत भारत की नव-विजय रीत लिखती हूँ ...||
निज  राष्ट्र की  अपने  हृदय  में  प्रीत  लिखती  हूँ ...||

उठो वीर ! अब सजग बनो, वरना संताप करोगे ,
समर-भूमि  से  यदि  डरे  फिर  पश्चाताप करोगे ,
प्रतिदिन कुछभी खोने का कब तक आलाप करोगे,
अभी रहे  यदि सुप्त-अस्थिर फिर से पाप करोगे,
हम हों विजित प्रति ग्रीष्म-वर्षा-शीत लिखती  हूँ ,
हृय  बंधुत्त्व  संजोये  कर्त्तव्य - गीत   लिखती  हूँ ...||
निज राष्ट्र की  अपने  हृदय  में  प्रीत  लिखती  हूँ ...||

#समीक्षा"एक प्रारम्भ" ©®
नाथ-नगरी , बरेली,उ.प्र., भारतवर्ष नित हार के माथे नवल मैं जीत लिखती हूँ,
आंसूँ को पोंछ मधुरमय संगीत लिखती हूँ ...||
रण-भूमि से भागूँ ? सुनो,कायर नहीं हूँ मैं,
निज-राष्ट्र की अपने हृदय में प्रीत लिखती हूँ ...||

भू-खण्ड-खण्ड भाग का फिर एक अंग हो,
शत्रुघ्न बनके अरि का अब मुण्ड-मण्ड हो,
हो उदित हिम केसरी, मन-प्रण प्रचण्ड हो,

TOLCNR_Keep_Smile

#OpenPoetry 
शीर्षक - अनभिज्ञता 

खण्ड-खण्ड उसका जीवन, 
घमण्ड है यहाँ जिसके पास,
खण्डहर ही उसे हाथ लगेगा,
यदि अपने आगे नहीं समझता, 
किसी को भी बड़ा औ' होनहार।

                विशालता समुद्र की सभी ने देखा, 
                किन्तु,उसकी यह विशालता कभी, 
                क्या तेल को डूबा सकता है ? नहीं!
                लेकिन तेल के ताकत की अनदेखी 
                सभी ने की और वह भूल गया की 
                यहाँ कोई भी पूर्णरूपेण ज्ञानी नहीं। #OpenPoetry #life #pride #nojoto #nojotohindi #tolcnrkeepsmile 😊

Ayush Kumar

परिचय की बस यह ही पहचान है,
भगवा है हिन्दू,तो हरा मुस्लमान है,
खण्ड खण्ड बाट रहे देश हमारा,
कह दो यह हम सबका हिंदुस्तान है। #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #4liners

Bramhan Ashish Upadhyay

हे दिल्ली क्या लाज न तुझको आई है किसी ने एक किसी ने दो किसी ने अपने तनय चार दिये। जब बात आयी देश के सम्मान की तो माँओं ने अपने सुत वार दिये।१। किसी का बेटा, किसी का पति,किसी का पिता न जाने किसका भाई है। जो गये सरहदों पर रखवाली को बहुतों की लाशें तक न वापस आयी है।२। हे दिल्ली.......... अपनों की राहें देखते-देखते ही न जाने हाँ हाँ न जाने कितनी आँखें पथराई है। तुमको लगता है तुमने दस बीस लाख में उनकी जानों की कर दी भरपाई है।३। #vद्रोही

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 हे दिल्ली क्या लाज न तुझको आई है 
किसी ने एक किसी ने दो किसी ने अपने तनय चार दिये।
जब बात आयी देश के सम्मान की तो माँओं ने अपने सुत वार दिये।१।
किसी का बेटा, किसी का पति,किसी का पिता न जाने किसका भाई है।
जो गये सरहदों पर रखवाली को बहुतों की लाशें तक न वापस आयी है।२।
हे दिल्ली..........
अपनों की राहें देखते-देखते ही न जाने हाँ हाँ न जाने कितनी आँखें पथराई है।
तुमको लगता है तुमने दस बीस लाख में उनकी जानों की कर दी भरपाई है।३।

Pallavi Mishra

सुख सुख! कभी था- एक भाव/एक तृप्ति/एक आनन्द/एक अहसास परन्तु ऐसा कोई सुख दृष्टिगोचर नहीं है आज अपने आसपास। रुपया, पैसा, बंगाला, गाड़ी #कविता #RDV18

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सुख
सुख!
कभी था-
एक भाव/एक तृप्ति/एक आनन्द/एक अहसास
परन्तु ऐसा कोई सुख
दृष्टिगोचर नहीं है
आज अपने आसपास।
रुपया, पैसा, बंगाला, गाड़ी

Abhishek Singh

Emotionalsoul #Emotionalsoul

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सिमट रहा जो शून्य में वो सत्य खण्ड खण्ड है,
असत्य का दिया यहाँ तो प्रज्वलित प्रचण्ड है। Emotionalsoul #EmotionalSoul #Nojoto

Bhaskar Joshi

मुझ अदने से कलमकार का छोटा सा प्रयास हैं.. काव्य रचना को आशीर्वाद प्रदान कीजिएगा..। यायावर हूँ मैं, मुझे कौन रोकेगा ! यायावरी ने मुझे, #Poetry

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मुझ अदने से कलमकार का छोटा सा प्रयास हैं.. काव्य रचना को आशीर्वाद प्रदान कीजिएगा..।



यायावर हूँ मैं,
मुझे कौन रोकेगा !

यायावरी ने मुझे,


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