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Adesh K Arjun
फूलों का कारवाॅ बागों में खडा़ है, तुम आओ तो खुशबुवों को कोई रास्ता मिले !! ©Adesh K Arjun #कारवाँ
Radhe Chandan jha
हम लिखेंगे नया कांरवाँ। जलते रहे चाहे सारा जहाँ।। ©Radhe Chandan jha #boat #कारवाँ #
Krish Vj
कहाँ हूँ ?अकेला में तुझ से बिछड़ कर तेरी यादों का काफ़िला चलता संग मेरे _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "क़ाफ़िला" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको मैं अपने प्रोफाइल से testimonial करूंगा! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:
brijeshrage
अब क्यों सोचते हो जो अब तक नहीं सोचे चले चलो कहा तक जाना है पहुच ही जाओगे वरना जहा हो वहा एक नई जिंदगी बनाओगे इतना तो कारवाँ लेके चलते ही हो सब्र और भरोसा से ही तो चले हो क्यों अब रुकने की सोचते हो पल आखिरी नही था वो भी न आज है फिर क्यों बहलते हो #cinemagraph #सब्र #जिंदगी #कारवाँ
Satish Chandra
#टूटतातारा #YQdidi #हिन्दी #ऊर्दू #धूमिल #कारवाँ #मंज़िल #बहुमूल्य #फ़ना #दुआ #मन्नत़ #सज़दा
Insprational Qoute
निकल पड़ा हैं देखो कारवाँ कुछ नए की तलाश में, कुछ न मिला बस तड़पना पड़ा अपनो की आस में , पग पग पर मिलते जिंदगी के इम्तिहान पर इम्तिहान , कस लो कमर ऐसे कभी न रहना पड़े किसी प्रवास में। 🌝प्रतियोगिता-73 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"कारवाँ"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
यशवंत कुमार
मेरी नज़रों का घोड़ा जो तेरे पास से गुज़रा। लगा कि जैसे मन मेरा फूलों के बाग़ से गुज़रा।। _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "क़ाफ़िला" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको मैं अपने प्रोफाइल से testimonial करूंगा! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:
Juhi Grover
औरों की तरह ही थे कभी, लक्ष्य नहीं था कोई कभी, जब से खुद को पहचाना, मंज़िल आई नज़र अभी। अब यों चलना सीख लिया, पीछे मुड़ना नहीं हुआ कभी, लक्ष्य समझ कर ही अपना, कारवाँ पर चल पड़े अभी। दूर चाहे है बहुत ही मंज़िल, नभ देख धरा से जुड़े अभी, सीख गये अब आगे बढ़ना, चलने से पहुँचेंगे पास कभी। दिख रहा नहीं कुछ और तुम्हें दिख रही मीन की आँख अभी, पाना है अब सब कुछ सम्भव, परिश्रम से ही बढ़ना है अभी। गणित अध्यापन व्यवसाय हो, और लेखन तो चल रहा अभी, बस यों ही कदम रहें तुम्हारें, जैसे जैसे चलते जा रहे अभी। Dedicating a #testimonial to gordhan _04 Happy birthday gordhan _04 bhai #लक्ष्य #मंज़िल #कारवाँ #गणित #अध्यापन
Juhi Grover
तुम्हारी यादों के डर से अल्फाज़ मटरगश्ती पे हैं, अब हाल हमारा क्या हो, ख्याल मटरगश्ती पे हैं। वो लम्हे,वो पल गुज़र गये,हस्ती बस मिटने को है, अब क्या जाने हम या वो किस किस कश्ती पे हैं। कारवाँ बदल गये,मज़िलें बदल गईं,हम दोनो ही के, अब क्या सोचे अन्जान होकर हम किस हस्ती पे हैं। यादें ही हैं बस तुम्हारी आखिर और क्या ही सोचें, अब तुम खुश अपनी बस्ती में,हम अपनी बस्ती पे हैं। Thanks Raj Soni Ji for remembering me #हस्ती #कश्ती #बस्ती #कारवाँ #मटरगश्ती #yqdidi
Juhi Grover
ज़िन्दगी में सब कुछ आसान हो, अगर हम सब में स्वीकार भाव हो। (अनुर्शीषक में पढ़ें) कारवाँ की तलाश में भटकना जायज़ है, मंज़िल तो पानी है सब ने अपने लिए भीड़ के साथ तो मगर सब चलते हैं, अपने ही हाशियों पर नहीं चल पाते हैं, अपनी राहें खुद बनाना आसान नहीं, कि कारवाँ का आगाज़ आसान नहीं। अपने कदमों के निशाँ जो छोड़ जाते हैं,