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Vickram
क्यों बनी रहती है बेचैनी मन के अंदर क्यों हमेशा जिंदगी के सामने एक सवाल सा है क्यों है इतनी शाजिसें जिंदगी के हर क़दम पर क्यों हर शख्स जिंदगी में बेइमान सा है क्या है राज ऐसा जो बताता ही नहीं कोई क्यों है इतना अंधेरा जो कम ही नहीं होता खामोशी में भी शोर है जो सहन है मुश्किल क्यों मज़बूरी के शिवा जिंदगी में कुछ और नहीं है आंखिर क्यों,,,, ©Vickram #WoNazar आंखिर क्यों,, #खामोशी #लाचारी #बेबसी #मजबूरी #सवाल #अंधेरा #बेचैनी #क्यो #एक पहेली,,,
Vickram
एक वहम है उम्मीद अगर सोचे तो,, हर बार हर किसी से हो जाती है हां जीने में मदद जरुर करती है ये इनके टूटने से कभी मौत भी हो जाती है ©Vickram शायद एक वहम है जिंदगी,, #विचार#सोच#खवाहिशे#आश#मकसद #क्यो#कब#कैसे#किब लिए # एक सवाल
DHANANJAY PANDEY
आखिर किस से नाराज़ रहूं? किससे खफा हो जाऊं? मै कोई रोज़मर्रा की चीज़ जो हर किसी के काम आऊ शायद ये खामोशी ही अच्छी है क्यो बोलकर किसी का दिल दुखाऊ? अपना होता रहता पास मेरे आखिर क्यों किसी की मजबूरी बन जाऊं? ©DHANANJAY PANDEY #आखिर#क्यो#sad#poetry Rahul malviya Jai Shree Ram Nitin Kamal Ak Akash Tiwari
Amit "Benam"
#amitbenam#क्यो किया परछाईयो से प्यार.... #lovebeat Monu Tyagi Anshu writer AshokKumar "आशिक्" "अर्श" Adhury Hayat
read more_Ananta_khatri_
जब याद नहीं करते, तो इतने याद आते क्यो हो। जब प्यार नहीं करते तो इतना तड़पाते क्यो हो, अगर प्यार करते हो तो आते क्यो नही हो। बेगाने हो तो अपने लगते क्यो हो, अपने हो तो दूर रहते क्यो हो। इस दिल में रहकर इसे ही तोड़ जाते क्यो हो, इश्क करते हो तो इतने दूर-दूर, खफा-खफा रहते क्यो हो।। #क्यो #यार #ऐसा #करते, #क्यो #हो
गूँजन
ए खुदा ! बिना गुनाह के क्यो ज़ार ज़ार कर रहा है?? एक ही दिल है मेरे पास भी क्यो टुकड़े बार बार कर रहा है???? #क्यो
Krishna Soni
मेरी परछाई मुझे मेरी परछाई मुझे क्यो सता रही है , मौत भी जो तूने क़बूल करी तो क्यो पीछे हट रही है...... , जिंदगी भर जो तू साथ चली ....तेरा शुक्रिया पर अब क्यो मुझे सता रही है ???? #मेरी जिंदगी मुझे #फॉलो करें
BABA
#Worldsmileday शब-ए-बज्म कासिद खू-ए-यार है, अहद-ए-हिज्र शब-ए-महताब है, चश्म-ए-तर बाइज़ नहीं मोहब्बत-ए-इश्क़ में। रोज-ए-अब्र नहीं फिर दौर ए जाम क्यो, चश्म-ए-तर वाइज़ नहीं फिर जाम-ए-जम क्यो। तेरे दैर-ए-आंस्तां रहगुजर हो। एतमाद कर अस्ल में हयात-ए-कैद निजात हो। बाबा shayri#
shayri#
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