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Ak Maurya
#कहते_है 😅 कि #रिश्तें_में 👫 #Sorry 🙏 और #Thanks 😊 #नहीं ❌ होने चाहिये, #लेकिन 😒 #हकीकत_में 😅 #यहीं 👉 #2_लफ्ज 😅 रिश्तों को #बचाते है... ©Ak Maurya Shayari❣️👫 #shayari #Dosti #Love #Emotional #Feeling #Shayar #Poetry #Motivation #akmaurya #akmaurya9696
Azad LaBz😍❤
रिश्तो को बचाते बचाते, मैंने खुद कि खुशियाँ बर्बाद कर दिया आज ज़ब जरूरत पड़ी मुझे, तो सबने अकेला छोड़ दिया. #रिश्ते #रिश्ते #रिश्ते #रिश्ते #रिश्ते #रिश्ते #बर्बाद
Raj soni..9179789563
मैं तेरी मोहब्बत में, ये जिंदगी फटा हुआ सा हिजाब हो गयी... खुद को बचाते बचाते ही नीलाम हो गयी... क्या खोया क्या पाया छोड़ दे ना "राज"... में तेरी मोहब्बत में खुली किताब हो गयीं.... The writer of life
Shreya Shukla
ज़िंदगी कुछ ऐसे चल पड़ी कि ख्वाहिशें अटक गईं। रिश्ते बचाते बचाते अपने ही छूट गए कहीं! मैं आज भी दोराहे पर हूं, ज़िद करूं किसकी, अपनी, अपनों की या रिश्तों की? #Trouble #nojoto #nojotopoetry #nojotohindi #nojotohindiquotes #zindagi
Shreya Shukla
ज़िंदगी कुछ ऐसे चल पड़ी कि ख्वाहिशें अटक गईं। रिश्ते बचाते बचाते अपने ही छूट गए कहीं! मैं आज भी दोराहे पर हूं, ज़िद करूं किसकी, अपनी, अपनों की या रिश्तों की? रफ़्तार भरी ज़िंदगी के कुछ छूटे ख़्याल। #nojoto #nojotohindi #nojotoquotes #deepthoughts #emotions #life #nojotohindiqoutes
✍️ रोहित
कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई 1999 ई0) के अवसर पर सभी देशवासियों को इस गौरवपूर्ण क्षण की हार्दिक बधाई एवं नीच पाकिस्तान को श्रद्धांजलि...... इस नीच पाक का हमीं ने दम्भ तोड़ा था, जब मार पड़ी इसको सारे जग में दौड़ा था, एक बार फिर से पाक था घुटनों पै आ गया, भारत का वक्ष आज हुआ फिर से चौड़ा था।। हर बार शत्रुओं का किया आपने दमन, इस नीच पाक का सदा करते रहे शमन, करगिल में दे के जान था भारत को जिताया, भारत के वीर सैनिकों शत्-शत् तुम्हें नमन्।। हर बार देशवासियों का मान बचाते, भारत के वासियों की तुम ही जान बचाते, हर एक बार शत्रुओं का दम्भ तोड़कर, सैनिक तुम्हीं तो देश का सम्मान बचाते।। ---रोहित
रजनीश "स्वच्छंद"
जल।। जल ही जीवन बस कहते रहते, नलों से पानी बहते रहते। विकट हुआ ये समय बड़ा है, जलसंकट नरभक्षी बने खड़ा है। सोचो जरा तुम खयाल करो, अपनी आदत की पड़ताल करो। कहाँ घड़ा है, कहाँ है पानी, कौआ कंकड़ बस डाल रहा। सब मिल बोलो, मुझे बताओ, किसकी करनी, क्यूँ ये हाल रहा। अब पानी नलों में सूख रहे, आंखों से बहनेवाले हैं। हमे क्या चिंता, फर्क पड़ा क्या, हम चांद पे रहनेवाले हैं। कुछ अच्छा हो न हो, जलसंकट समानता लाएगी। अमीरी गरीबी लिए कटोरा, सड़कों पर ही पायी जाएगी। ये महल अटारी धरे रहेंगे, जलबिन जी क्या पाओगे। आज समय है सोच बनाओ, पैसा ये पी क्या पाओगे। बून्द बून्द को तरसी दुनिया, तुम सड़कों पे पानी छिड़कते हो। जो सच कह दूं आज जरा, गुस्सा हो मुझपे बिगड़ते हो। धुली सड़क और धुली है गाड़ी, कब मन को धो पाओगे। मेरी मर्ज़ी मैं जो भी करूँ, कब इससे ऊपर हो पाओगे। चलो मिलाओ हाथ जरा तुम, आओ तो मेरे साथ जरा तुम। चलो कोई जुगत लगाते हैं, पानी को चल के बचाते हैं। चलो साथ तुम मेरे भाई, भविष्य को चल के बचाते हैं। ©रजनीश "स्वछंद" जल।। जल ही जीवन बस कहते रहते, नलों से पानी बहते रहते। विकट हुआ ये समय बड़ा है, जलसंकट नरभक्षी बने खड़ा है। सोचो जरा तुम खयाल करो, अपनी आदत की पड़ताल करो।
Sanjeev Singh Sagar
आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था? रहमत और राजू दोनों पड़ोसी भी थे और दोस्त भी।दोनों का धर्म अलग-अलग है इसीलिए इन्हें,खाश करके राजू की माँ रहमत के साथ खेलने या कहीं जाने से रोकती है।दोनों की उम्र7औऱ8 साल के बीच होंगे इसीलिए इनकी मासूमियत किसी धर्म और मजहब को नहीं मानते हैं, पर अपने माता-पिता से बचते बचाते साथ खेलते, घूमते और घर में कुछ खाश बनता तो चुराकर साथ में खाते भी।रहमत अपनी अम्मी,से- राजू के साथ मेला देखने जा रहा हूँ,बता तेरे लिए क्या लाना है?रहमत की अम्मी-जो राजू अपनी माँ के लिए लेगा।रहमत जाने लगा फिर अम्मा आवाज़ लगाई-राजू के साथ ही रहना और अकेले इधर-उधर मत घूमना।रहमत ख़ुशी से झूमते हुए चला गया।राजू के घर ।राजू रहमत को देखते ही-तेरा कुर्ता तो लाजवाब है और आज इसे मुझे पहनने का मन है।रहमत थोड़ा सकपका गया-पर तेरी माँ राजू उसका कुर्ता खोलते हुए-माँ को मैं समझा लूंगा।आज तुम मेरा कमीज़ पहनेगा और मैं तेरा कुर्ता।दोनों ने ऐसा ही किया।जब राजू के माँ और पापा बाहर आये तो देखकर दंग रह गये।राजू आज रहमत और रहमत राजू लग रहा है।राजू की माँ-ये तुमने रहमत का कुर्ता क्यों पहना?राजू के पापा थोड़ा समझदार हैं इसीलिए ज्यादा भेदभाव नहीं करते इसीलिए मुस्कुराते हुए-दोस्ती हो तो ऐसी।राजू की माँ चुप हो गई और सभी मेला देखने निकल गये।इन दोनों की दोस्ती की वजह से समाज के कुछ असामाजिक लोगों के द्वारा रहमत के अम्मी और राजू के पिता को भी बहुत कुछ सुनना पड़ता है, पर इन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता है।हिन्दू का मेला है इसीलिए हिन्दू संगठन के लोग जगह-जगह देखे जा रहे हैं।राजू के माँ ने मूर्ति के आगे प्रसाद चढ़ाई और राजू ने मूर्ति के सामने हाथ जोड़ा तो रहमत भी।दोनों ने प्रसाद भी खाया।एकाएक भगदड़ मच गई किसी ने बोला कि कुछ मुसलमानों ने गाय के मांस के टुकड़े मेले में फैला दिये हैं।लोग इधर उधर भाग रहे हैं।राजू के पापा भी सबसे बचते-बचाते अपने मुहल्ले तक पहुँच गये, लेकिन दंगे की आग मुहल्ले तक आ गई थी।हिन्दू संगठन के कुछ लोग मुस्लिम के लोगों को मारने के लिए ढूंढ रहे थे और मुस्लिम संगठन के लोग हिन्दू लोगों को ।सभी के दरवाज़े बंद थे।राजू को उसकी माँ और रहमत को राजू के पापा छुपा के लेकर जा थे।किसी के हाथ में तलवार तो किसी के हाथ में धारदार हथियार।किसी ने आवाज़ लगाया-रूको..फिर भी सभी बढ़ते रहे।तभी किसी ने राजू के पापा पर डंडे से हमला कर दिया।वे ज़मीन पर गिर गए।फ़िर और कुछ लोग डंडे और धारदार हथियार चलाने लगे राजू, रहमत लाख मिन्नते करता रहा छोड़ने को पर नहीं माना और वार करते रहा।इसी बीच किसी ने राजू को मुस्लिम समझते हुए छोड़ने और रहमत को हिन्दू समझकर मार डालने की बात की।माँ सुनते ही दोनों को भागकर छुप जाने को बोली,धर्म के दरिंदों ने दोंनो को ढूंढकर मार डाला।जिस मांस को लोगों के द्वारा लाने की बात कही गई थी सच में उसे किसी कुत्ते ने मरे हुए गाय के शरीर को ज़मीन के नीचे से लाया था।आज दो माँ धर्म के नाम पर अपनी दुनिया गवां बैठी फ़िर भी ये धर्म की ठेकेदारों को समझ नहीं आया कि जब आग लगती है तो सभी का घर जल जाता है। सागR कौन लगाता है ये आग #Nojoto #Nojotoaudio #Nojotovideo #Nojotonews Prakash Keshari Jahedul Sarkar Anusuya Makar Manju Singh Shivangi Vyas
सुनील बैरवा
दिल बेचैन बड़ा है, क्योंकि तेरे यादो से आज खूब जो लड़ा है...! अपने आपको तेरी यादो से बचाते बचाते खूब रो पड़ा है...! कल तक हर पल तुम्हारे साथ गुजारा बेहतर से बेहतरीन था...! आज उन्ही पलो को याद कर के दिल,दिमाग,और ये मन उदास बड़ा है...! #nojotohindi