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"Kumar शायर"

#मिटटी के चूल्हे

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"Kumar शायर"

#मिटटी के चूहले..

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The dishes of big palaces look faded,

 When earthen stoves are lit in the homes of the poor,
 In worry, crazy people come out of the house,
 To earn two times bread,
 
Don't know with what difficulties they,
fight in every difficult situation...!

©"Kumar शायर" #मिटटी के चूहले..

Arzooo

मिटाने को अपना सरो सामाँ ले चले हैं हम हाथो पे अपनी जान ले चले हैं न आने पाये तुझ पर बातिल की बुरी नज़र ऎ वतन मेरे हम कफ़न साथ ले चले है हिमालया की ऎ हँसी वादी मकसद हमारा है अज़ादी अपने लहू से सींचते हुए इस मिटटी को

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मिटाने को अपना सरो सामाँ ले चले हैं 
हम हाथो पे अपनी जान ले चले हैं ।।।
न आने पाये तुझ पर बातिल की बुरी नज़र 
ऎ वतन मेरे हम कफ़न साथ ले चले है  ।।

हिमालया की ऎ हँसी वादी 
मकसद हमारा है अज़ादी ।।
अपने लहू से सींचते हुए इस मिटटी को 
हम आज़ादी का करवान ले चले हैं ।।

वो जो वतन पे क़ुर्बान हो गये
जो इस मिटटी में दफ़न हो गये।।।
जुनूं आज़ादी का मिटाया न जिसने
उनके कदमो के निशाँ ले चले है ।। मिटाने को अपना सरो सामाँ ले चले हैं 
हम हाथो पे अपनी जान ले चले हैं 
न आने पाये तुझ पर बातिल की बुरी नज़र 
ऎ वतन मेरे हम कफ़न साथ ले चले है 

हिमालया की ऎ हँसी वादी 
मकसद हमारा है अज़ादी
अपने लहू से सींचते हुए इस मिटटी को

Drx. Mahesh Ruhil

B##;@

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मिटटी से जुड़ा आदमी क्या कहता ह मिटटी के लिए 

मिटटी 
जो मेरी रूह में बस्ती ह 
इसी के  सहारे मेरी दुनिया चलती  ह 
इसकी खुसबू से मुझे प्यार 
क्यूंकि   यही    मेरा    संसार ह ... B##;@

कपिल

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जी तो करता है टुकड़े कर के खुद को गाड़ लू मिटटी में मैं
पर जिन्होंने समझा मुझे जीते जी मिटटी,,,,मेरे मिटटी होने पे क्या अफ़सोस करेंगे





©कपिल #NojotoQuote

Amit Tiwari

#nojotohindi रचना - संस्कारों की चिता  अगर चला जा सकता मैं फिर से बचपन की अमराइयों में  वो दादी के किस्सों गीतों और कहानियों की रुबाइयों   में ...

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रचना - संस्कारों की चिता 
अगर चला जा सकता मैं फिर से बचपन की अमराइयों में 
वो दादी के किस्सों गीतों और कहानियों की रुबाइयों   में ...
अगर फिर से मिल पाते आँख मिचौली वाले दिन 
हंसी ठहाकों हुर्दंगों में राते कटती तारे  गिनं ...
वो मिटटी की खुसबू सोंधी मन प्रफुल्लित कर जाती थी 
बाग़ की ठंडी हवा सारे दिन की थकान हर जाती थी 
कितनी अच्छी सोंधी खुसबू आती थी  देगची  की चाय से 
लोगो के तानो ठहाको और उनके बातो के अभिप्राय से ..
कभी मिटटी को भी माँ का दर्जा देते थे ..
सम्मान में लोग एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ में रहते थे ..
आज माँ की भी परवाह नहीं , सम्मान  की कोई आह नहीं 
बस ईर्ष्या द्वेष में जीते हैं ..नफरत की शराब पीते हैं 
खुद को मॉडर्न बनाने की होड़ में 
एक दूसरे को पीछे छोड़ने की दौड़ में 
खुद को ही हम भूल गए हैं 
संस्कारों वाली भारत भूमि में ...हम मॉडर्न हो गए हैं 
माना की मॉडर्न होना जरुरी है ..
पर क्या मॉडर्न होने के लिए संस्कारों की चिता जलाना जरुरी है 
सोचियेगा जरूर.....
     .                      -. अमित #Nojoto #Nojotohindi 
रचना - संस्कारों की चिता 


अगर चला जा सकता मैं फिर से बचपन की अमराइयों में 

वो दादी के किस्सों गीतों और कहानियों की रुबाइयों   में ...

Amit Tiwari

#Help #Diwali #diwaali #nojotohindi #nojotovideo please help ..as much as you can सपनो को अपने बड़ी आस. से सजाया है  इस बार फिर से मैंने अपनी उमीदों की दूकान को सजाया है .. हर दिए की मिटटी में अपने सपनो को पिरोया है 

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#Nojoto #help #Diwali #Diwaali #Nojotohindi #Nojotovideo
please help ..as much as you can 

सपनो को अपने बड़ी आस. से सजाया है 

इस बार फिर से मैंने अपनी उमीदों की दूकान को सजाया है ..

हर दिए की मिटटी में अपने सपनो को पिरोया है 

Pratyush Saxena

Woh Gulaab Ka Phool #PS #nojotohindi #Gulaab #phool #Mukhiya

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। वह गुलाब का फूल ।

वो बाग़ में , कली से गुलाब का फूल निकला है । कितना खूबसूरत है न , और इसकी खुशबू कितनी मोहक है न । इसके इर्द गिर्द ये कांटे , कैसे इसका ख़याल रखते है , इसके आस पास ये पत्तियाँ कैसे इसको और आकर्षित बनाती है। 
पर कभी तुमने मह्सूस किया है की जिस पौधे से ये निकला ,  इसके नीचे , मिटटी में दबी एक जड़ है ।
वो जड़ जो न जाने क्या क्या झेलती है , पर सब कुछ झेलकर भी ये कोशिश करती है की फूल खिले और  मेहके । कितना अजीब है न , हमें बस फूल की फ़िक्र है , जड़ के ऊपर क्या बीत रही , कोई मतलब ही नहीं । कभी बारिश उसको चोट देती है , कभी आंधी मिटटी बहा देती है , पर हमें उसकी चिंता कहाँ । हमें चाहिए तो बस " वह गुलाब का फूल "
 कभी कभी ऐसा लगता है की ये जड़ परिवार के मुखिये की तरह होती है , जिसके होने का पता नहीं चलता , पर जिसके न होने पर , उसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता ।। Woh Gulaab Ka Phool #PS #Nojoto #Nojotohindi #Gulaab #Phool #Mukhiya

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