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Best जिस्मों Shayari, Status, Quotes, Stories

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Vivek

#जिस्मों की सौदागर # #कोट्स

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AnkitPalWriter

#जिस्मों का आशिक़ लगता है #शायरी #Ankitpalwriter #विचार

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कमबख्त आख़िर !
कब तक सताएगा
कभी न कभी तो 
तुझसे मिलने ही आएगा
ए तो वक्त की बात है
वक्त आने पर सब कुछ बताएगा 

कि तुझसे प्यार है
या नफ़रत करता है
तुम पर या तुम्हारे 
जिस्मों पर मरता है 
तुम पर जान छिड़कने वाला सोचा था, 
मैंने !
ए तो जिस्मों  का भूखा आशिक लगता है ।।
मोहतरमा जी !

       🥀🥀
                कवि अंकित पाल 🥀🥀
              उत्तर प्रदेश जनपद आजमगढ़

©AnkitPalWriter #जिस्मों का आशिक़ लगता है  #Nojoto #शायरी #Ankitpalwriter

Rabindra Kumar Ram

*** कविता *** *** मैं और तुम *** "मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को , हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं , जिस्मो से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा , मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को , हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं , #सफ़र #ख्वाहिश #हमसफ़र #जिस्मों #अंज़ाम

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*** कविता *** 
*** मैं और तुम *** 

"मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,
जिस्मो से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा ,
मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,
दायरा है नजदिकियां भी है , 
बातें भी खामोशियों जाहिर है ,
यू चाहना एक-दूजे को दस्तुर होगा ,
हमारा मिलना ख़ुदा को कब मंजूर होगा , 
वेपनाह चाहत दिख जायेगा ,
हमारे जिस्मों की हाया खिल जायेंगे ,
जिस्मों से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा ,
देखते ये सफ़र कैसे कब कहां तय करना ,
हमारे चाहतों ख्वाहिश क्या अंज़ाम देना है ,
यू तो हमसफ़र एक-दुजे के लिए ,
जाने कब- कैसे एक-दूजे को प्यार करना है ,
जिस्मों से रुह तक का सफ़र दिलचस्प होगा . "

                                             --- रबिन्द्र राम *** कविता *** 
*** मैं और तुम *** 

"मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,
जिस्मो से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा ,
मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,

SUNIL jalandhra

#जिस्मों से प्यार रखने वाले यूं तो बता ओर #गिरोगे कितना हर रात नए #बिस्तर की चाहत रखते हो यूं तो बता अपनी #जुबान से फिरोगे कितना #scared #शायरी

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जिस्मों से प्यार रखने 
वाले यूं तो बता ओर
 गिरोगे कितना
हर रात नए बिस्तर
 की चाहत रखते हो
यूं तो बता अपनी
 जुबान से फिरोगे कितना

©SUNIL jalandhra #जिस्मों से प्यार 
रखने वाले यूं तो बता ओर #गिरोगे कितना
हर रात नए #बिस्तर की चाहत
रखते हो
यूं तो बता अपनी #जुबान से फिरोगे कितना

#scared

Rabindra Kumar Ram

*** कविता *** *** मैं और तुम *** "मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को , हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं , जिस्मो से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा , मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को , हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं , #सफ़र #हमसफ़र #दस्तूर #जिस्मों #वेपनाह

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*** कविता *** 
*** मैं और तुम *** 

"मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,
जिस्मो से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा ,
मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,
दायरा है नजदिकियां भी है , 
बातें भी खामोशियों जाहिर है ,
यू चाहना एक-दूजे को दस्तुर होगा ,
हमारा मिलना ख़ुदा को कब मंजूर होगा , 
वेपनाह चाहत दिख जायेगा ,
हमारे जिस्मों की हाया खिल जायेंगे ,
जिस्मों से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा ,
देखते ये सफ़र कैसे कब कहां तय करना ,
हमारे चाहतों ख्वाहिश क्या अंज़ाम देना है ,
यू तो हमसफ़र एक-दुजे के लिए ,
जाने कब- कैसे एक-दूजे को प्यार करना है ,
जिस्मों से रुह तक का सफ़र दिलचस्प होगा . "

                                             --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** कविता *** 
*** मैं और तुम *** 

"मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,
जिस्मो से रुह तक का सफर दिलचस्प होगा ,
मैं और तुम चाहेंगे एक-दूजे को ,
हमारी मुलाकात कभी होगी नहीं ,

Siddiqui Adnan

सारे #खेल रूहों के होते हैं, #मिट्टी के #जिस्मों में कशिश तब ही #पैदा होती है। जब एक #आलम ए अरवाह की #रूह का अपनी #बिछड़ी हुई दोस्त #रूह से वास्ता पड़ता है__!

वरना यहां #हसीन व #जमील चेहरे भी #कल्ब को नहीं #भाते और कभी कोई #आम सा #चेहरा भी #जान से #प्यारा हो जाता है__!!

©Adnan Ahmad #Light #Shayar #love4life

Lady Gulzar

#जिस्मों का बाज़ार #बात

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मोहब्बत की नीलामी है 
ज़िस्मों के बाज़ार में 
ज़रा सब्र रखना जनाब!
टूटे हुए अरमानों की 
बोली तो सही लगाना।।

©Lady Gulzar #जिस्मों का बाज़ार

$ubha$"शुभ"

#धरती पे रोज उतरतीं हैं #पाक #रूहें, पर न जाने क्यूँ?? #जिस्मों में आकर भटक जाती हैं।। #Uशुभ #विचार

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अल्फ़ाज़ धरती पे रोज उतरतीं हैं पाक रूहें,
पर न जाने क्यूँ??
जिस्मों में आकर भटक जाती हैं।। #धरती पे रोज उतरतीं हैं #पाक #रूहें,
पर न जाने क्यूँ??
#जिस्मों में आकर भटक जाती हैं।।
#Uशुभ

anonymous

#तिलिस्म तेरे #इश्क़ का यूं बढ़ता जा रहा दो #रूहों को #संभालना अब #जिस्मों के बस में न रहा।। #AudioQuote nojoto

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Swadesh Chaurasiya

#mohabbat

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किसी ने पूछा, यह मोहब्बत चीज क्या है?
हम ने हंसकर कहा, जिस्मों की भूख है, और कुछ नहीं........
बात दिलों की, रिश्ता रूह का सब महेज बातें हैं इस जमाने में यह फरेब कुछ नहीं.....
दो पल को सब जिस्मों की भूख मिटाते हैं, हां कुछ और सपने भी पनपाते हैं....
मिट जाती है भूख जब तब अब शिकार कोई और है अब तू तो जिंदा ही नहीं..... #mohabbat
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