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Ghumnam Gautam

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Manisha Keshav

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mast malang

#अगन

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दो जलते कोयलों के बीच में होती है जैसी,
मेरे दिल में मोहब्बत की अगन है वैसी,, #अगन

Anjuman_e_alfaaz (Govind kushwah)

तुझ संग प्रीत जो मैने लगायी है 
राह राह पर ठोकर मैने खाई है 
अब तो आजा हे! सुदर्शन चक्रधारी 
विरह की अगन जिया मे लगायी है सुदर्शन चक्रधारी
#विरह  #अगन #जिया #प्रीत #ठोकर #सुदर्शनचक्र #Nojoto #NojotoApp #nojotwriters #Nojotopoetry

Diamond

💞इश्क़ कि #तपिश मे जलके देखो....बड़ी ठंडक हैं इसमे ग़ालिब... 💞
बड़ी मीठी  #अगन हैं दोस्तों.... कहु तो पूरा समंदर हैं ये....💞

Anjali Srivastav

तेरी याद आती बहुत है

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तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


ये आँखों की कजरा, ये बालों की गजरा
ये पल - पल तुम्हे ही बुलाती बहुत है
रोकूँ मैं कैसे ?    भला ये बताओ
तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


ये सावन का मौसम, ये शीतल बयारे
अगन तन-मन ये लगाती बहुत है
कैसे संभालु खुद को इस अगन से
कि तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


आँखों से मेरे.. जल ये बहाकर
मोहब्बत का नग़मे गुनगुनाती बहुत है
लेकर तेरा नाम कपकपाती है अधरे
कि तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


अंजली श्रीवास्तव तेरी याद आती बहुत है

Anjali Srivastav

तेरी याद आती बहुत है

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तेरी यकद मुझको सताती बहुत है।।


ये आँखों की कजरा, ये बालों की गजरा
ये पल - पल तुम्हे ही बुलाती बहुत है
रोकूँ मैं कैसे ?    भला ये बताओ
तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


ये सावन का मौसम, ये शीतल बयारे
अगन तन-मन ये लगाती बहुत है
कैसे संभालु खुद को इस अगन से
कि तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


आँखों से मेरे.. जल ये बहाकर
मोहब्बत का नग़मे गुनगुनाती बहुत है
लेकर तेरा नाम कपकपाती है अधरे
कि तेरी याद मुझको सताती बहुत है।।


अंजली श्रीवास्तव तेरी याद आती बहुत है

Nikhil Vairaagi

मिलेगी_वो_फिर_यहीं✍️ #कविता #OpenPoetry

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#OpenPoetry क्या कहूँ, 
जो बात थी वो निकल गयी, वक्त की रेत हाथ से फिसल गयी
जब वक्त था तो आँखें बंद करली, जुबाँ ने उसकी स्वाद चख ली
अब आँखें खोलूं तो अंधेरा, जुबाँ पे मेरे दर्द तेरा
दर्द भी तो मैंने माँगा, क़सूर क्या दूँ इसमें तेरा
क्या कहूँ
उस वक्त को मैं, जिस वक्त तूने हाथ थाम्हा
जिस अगन की तपस से भी, सहम उठती रूह तेरी
उस अगन की कोख में, मैंने तुझे हर बार खिंचा
क्या कहूँ
अब शब्द कम हैं, जिंदगी में वक्त कम हैं
रास्ते अंजान हैं सब, दारुण है लगती हर गली अब
सांस लेना भी कठिन अब
हाथ तेरा खोजता मन, हर गली में चीखता मन
आंखें बरसती खार वो अब, जो कभी सोयी हुयी थी 
नींद भी आती नही अब, ख़्वाब भी रूठे हुए हैं
क्या कहूँ
रुक सा गया हूँ, चीख़ कर अब थक गया हूँ
इस वक्त ने ऐसे मरोड़ा, तुझसे जुड़ा हर तार मेरा
जाती नही आवाज मेरी
या अब भी है तुझपे 
मेरी उन ख़ताओं का फेरा?
सुन जरा ऐ वक्त तू भी, रुक गया, हारा नही
हाथ थाम्हा था जहाँ, हर रोज जाता हूँ वहीं
जागती उम्मीद अब भी, मिलेगी वो फिर यहीं
मिलेगी वो फिर यहीं.... #मिलेगी_वो_फिर_यहीं✍️

DiLip KumaR

बरखा के कण...

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धरती की तपन, जलता तन-मन
घनघोर गगन, करे घनन-घनन
बरखा के कण, करे छन-नन-नन...
तिसपर यौवन, ये ठंडी अगन
जलता तन-मन, मन हो उन्मन
बरखा नर्तन, करे छन-नन-नन...
हरसे है तन, तरसे है मन
हो पिया मिलन, भीगे तन-मन
बरखा के कण, करे छन-नन-नन...
लगाए अगन, होए जो मिलन
हो आलिंगन, महके मधुबन
बरखा के कण, करे छन-नन-नन...
और वो विरहन, रही बिन साजन
बैरी अँसुवन,  ना आए सजन
बरखा के कण, करे छन-नन-नन... बरखा के कण...

विक्रम मिश्र "अनगढ़"

नाम तिहारा कभी न बिसरे 
मन आवारा कभी न ठहरे 

                  तोहरी लगन जलाए बदन
                 कैसी अगन ये कैसी अगन

विक्रम मिश्र "अनगढ़" #अनगढ़केज़ज़्बात
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