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Best बेला Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shubham Bhardwaj

Shubham Bhardwaj

Amit Singhal "Aseemit"

जीत की नादान कलम से...

ख़ुश्क रहा क्योंकि रवानी दिन के उदय के साथ चढ़ी, दोपहर उमस भरी रही जैसे द्वन्द के वक़्त व्यक्तियों के शोणित में होता है पर शाम जैसी भी हो सुहानी लगती है क्योंकि ये वो बेला होती है, जब घर की याद आती है क्योंकि ज़िंदगी का सुकून अपनों के बीच ही तो होता है।

©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #बेला #मौसम 

#AajMausam

Diwan G

आई मिलन की बेला। #Savera #सवेरा #बेला

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सवेरा मन यूँही मेरा मनचला नहीं,
इस मन में तेरा बसेरा है।
ये मस्त रहता है यादों में तेरी,
मन में खुशियों का डेरा है।
आई मिलन की बेला फिर से,
खूबसूरत नया सवेरा है।। आई मिलन की बेला।
#Savera #सवेरा #बेला

स्मृति.... Monika

ज़ब आती है गमन बेला #

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Stop smoking because, जब आती है गमन बेला, छूट जाता है दुनिया का मेला,                           मानव तो है मात्र मिट्टी का ढेला, प्रतिक्षण घुलता व गलता है,               ऐसे ही मौत का शासन उस पर चलता है,                                          मौत रुपी सर्प हर किसी को डसता है तो फिर.............                       किस बात का है मोह, किस बात का है बंधन,                                      एक क्षण हर्ष है, तो दूसरे क्षण क्रन्दन |                                               जीवन की जिजीविषा क्यों है इतनी प्रबल, मौत के आगे हर कोई हो जाता है निर्बल,                                                                                         अरे मनुष्यों !हीरे की चमक इतना मत खो जाओ,                                 कि हीरे के अंदर भरे जहर को भी न पहचान पाओ                               जिस नशे को तुम समझते हो अमृत, वह तो भयानक गरल है,               जीवन जितना कठिन है, मौत उतनी ही सरल है |                               "धूल  में मिल जाता है फूल टूट कर अपनी शाख से,                            मानव की भी पहचान होती है उसकी राख से                                लाभ व हानि का साथ ही हार व जीत का छोड़ दो झमेला,                  छूट जाता है दुनिया का मेला, रह जाता है चिता की ढेर पर अकेला | ज़ब आती है गमन बेला ||||||||||| ज़ब आती है गमन बेला #

Saurabh Verma

#whatislife

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जब भी लेटता हूँ,
रात्रि की बेला में,
जब खो जाता हूँ,
नींद की आगोश में,
कुछ याद न रखना चाहता,
बस मनाता हूं,
हर रोज़ की ,
मिल जाए आत्मा,
परात्मा से,
कौन फिर से उठ के,
वही रोज़ की मुश्किलों से लड़े,
ये आप सबका प्रेम ही,
जो देख लेता हूँ ,
रोज़ नए सुबह की बेला,
वरना मुक्त होना कौन नही चाहता.... #whatislife

sc_ki_sines

मधुरम मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले और चंद्र उठे आकाश की रोशनी बेला में फिर नया सवेरा जाग उठे फिर शाम ढले और रात जले मधुरी जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर पार लगी जीवन की रोशनी बेला में फिर नया सवेरा जाग उठे फिर पाव उठे और चलने लगे मधुरम जीवन की ज्योति जले नन्हे पग उठ फिर गिरने लगे फिर उठने लगे और चलने लगे टिम टिम करते तारे जैसे जीवन की नई उमंग उठे तरंग बने और भी और बहने लगी है झर झर करती नदिया जैसी झूम रहे इठलाने लगी नटखट टोली बन उठने लगी उठने लगी मन की ज्योत जले उठने लगी तो चलने लगी समझ ना पाया मन समझा न सके सब मन मेरा ज्ञान को हम अपनाने लगे मधुरी में जीवन की ज्योत जले आप बिछड़े वह  ऐसा आया जब दिल से दिल टकराया मन मन की मन ही मन मुस्कान ही ना कि आप प्रेम के गीत सुनाने लगे एक नई राह पर चलने को मन आतुर हो दिल धड़का आने लगी मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे अब बात पुरानी उठने लगी लगी बचपन की याद सताने लगी फिर से वो बचपन आया संग झूम के दिल भर आया फिर वही पुरानी बात बने फिर उठने लगी चलने लगे मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे  अब अंतिम क्षण वो आया बचपन से पचपन बीत गए उम्मीद लगाए बैठे हैं फिर वह बचपन जाग उठे इस दुनिया को प्यारा बचपन बीत गया कहां चला गया गुमनाम हुआ अभी आज रात रह जाती है वह सात को तरसाती है अब अब सांस उठे और दबने लगे जीवन की ज्योति बुझने लगे मंत्र एम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे #poetrymadhurim

Ramandeep Kaur

#SitForMeditation
प्रिय दोस्तों 🙏
 जब कभी हम Meditation करने का तय करते हैं तो हमारे मन में कई अनकहे प्रश्न उठते हैं और हम फिर इसे आने वाले समय पर टाल देते हैं। इन्हीं छोटी छोटी बातों को समझ कर ध्यान को निरंतर अभ्यास में लाने के लिए ही sit for meditation की यह श्रंखला तैयार की गई है।
भाग 1: प्रातः दर्शन
सुबह की पावन बेला में उगते सूर्य की चमक के साथ तन और मन को शांत रखने का सबसे उत्तम समय होता है। 
🌸इस बेला में कुछ समय यदि आंखें मूंदकर प्रकृति को महसूस किया जाए तो शरीर के प्रत्येक अंग में उमंग की तरंगे दौड़ने लगती है।
🌿वातावरण की खुशबू,चाहते पंछियों की मधुरता और ओस में धुली वनस्पति मनो चारों ओर स्वयं प्रभु का वास हो।
🌻जैसे प्रकृति खूबसूरती और ताजगी से सारे माहौल को खुशनुमा कर देती है उसी प्रकार प्रकृति के साथ शांति से कुछ पल बिताने पर सारा दिन ताज़गी भरा हो जाता है।
🍁आइए! हम सब ठीक प्रकृति के साथ कुछ पल ध्यान लगाकर अपने आपको तरोताजा कर लेते।।😇 
आपका दिन शुभ हो। 🙏🌸 #NojotoQuote #SitForMeditation

BRIJESH KUMAR

फिर से आया... जीवन में रंगों का बेला है, फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली,और अपना मोहल्ला है सबकी जुबां पर '' Hâppý HôŁí ''का हल्ला है

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फिर से आया...
जीवन में रंगों का बेला है,
फिर 
वही पुराने दोस्तों कि टोली,और
अपना मोहल्ला है

सबकी जुबां पर 
'' Hâppý HôŁí ''का हल्ला है
इस बार भी रंग और गुलाल में
सभी का हाथ सना है
फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली
और 
अपना मोहल्ला....... 

कुछ अपने नहीं संग तोह? क्या हुआ,मुझे तो?
बस 
उनकी यादों में ही इस बार खुद को रंगना है,

हर बार हम जाते थे,उनकी दहलीज पर,
इस बार अपने दिल की अवाज से ....
अन्दरो ही  अंदर हैप्पी होली कहना है

फिर वही पुराने दोस्तों कि टोली
और 
अपना मोहल्ला है

वही पुराने दोस्तों कि टोली और अपना मोहल्ला है,

कि.....?

उस एक पागल के बिन जिन्दगी का सारा रंग अधूरा है,
वो मिल जाए -गर- तो 
सब रंग पूरा है...
आया जीवन में.......
फिर से रंगों का बेला है,
वही पुराने दोस्तों कि टोली 
 और
नन्हे पार्क नामक मोहल्ला है। 
!

यहीं विश्राम देता हूँ,
अपनी पंक्तियों को मित्रों....
आप सब को दिल से 
       H a p p Ý
           H ô Ł í 
लेख. ब्रजेश कुमार फिर से आया...
जीवन में रंगों का बेला है,
फिर 
वही पुराने दोस्तों कि टोली,और
अपना मोहल्ला है

सबकी जुबां पर 
'' Hâppý HôŁí ''का हल्ला है
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