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Best जीया Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rkumar

कि #शायद जो ढुंढ रहा था वो #कभी_मिल ही नहीं लगता है जैसे #भ्रम मे एक अरसा #जीया है मेने #rkumar #dilemma #Life

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कि शायद जो ढुंढ रहा था
वो कभी मिला ही नहीं
लगता है जैसे भ्रम मे
एक अरसा जीया है मेने

©Rkumar कि #शायद जो ढुंढ रहा था
वो #कभी_मिल ही नहीं
लगता है जैसे #भ्रम मे
एक अरसा #जीया है मेने

#rkumar
#dilemma

dayal singh

bachpan ke din

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जब कभी भी हमें अपने बचपन की याद आती है तो कुछ बातों को याद करके हम हर्षित होते हैं, तो कुछ बातों को लेकर अश्रुधारा बहने लगती है। हम यादों के समंदर में डूबकर भावनाओं के अतिरेक में खो जाते हैं। भाव-विभोर व भावुक होने पर कई बार हमारा मन भीग-सा जाता है।

हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और ‍खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और ‍चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है।

वो सपने सुहाने ...

छुटपन में धूल-गारे में खेलना, मिट्टी मुंह पर लगाना, मिट्टी खाना किसे नहीं याद है? और किसे यह याद नहीं है कि इसके बाद मां की प्यारभरी डांट-फटकार व रुंआसे होने पर मां का प्यारभरा स्पर्श! इन शैतानीभरी बातों से लबरेज है सारा बचपन।

तोतली व भोली भाषा

बच्चों की तोतली व भोली भाषा सबको लुभाती है। बड़े भी इसकी ही अपेक्षा करते हैं। रेलगाड़ी को 'लेलगाली' व गाड़ी को 'दाड़ी' या 'दाली' सुनकर किसका मन चहक नहीं उठता है? बड़े भी बच्चे के सुर में सुर मिलाकर तोतली भाषा में बात करके अपना मन बहलाते हैं।

जो नटखट नहीं किया, वो बचपन क्या जीया?

जिस किसी ने भी अपने बचपन में शरारत या नटखट नहीं की, उसने भी अपने बचपन को क्या खाक जीया होगा, क्योंकि 'बचपन का दूसरा नाम' नटखट ही होता है। शोर व उधम मचाते, चिल्लाते बच्चे सबको लुभाते हैं तथा हम सभी को भी अपने बचपन की सहसा याद हो आती है।

वो पापा का साइकल पर घुमाना...

हम में अधिकतर अपने बचपन में पापा द्वारा साइकल पर घुमाया जाना कभी नहीं भूल सकते। जैसे ही पापा ऑफिस जाने के लिए निकलते हैं, तब हम भी पापा के साथ जाने को मचल उठते हैं, तब पापा भी लाड़ में आकर अपने लाड़ले-लाड़लियों को साइकल पर घुमा देते थे। आज बाइक व कार के जमाने में वो 'साइकल वाली' यादों का झरोखा अब कहां?

साइकलिंग

थोड़े बड़े होने पर बच्चे साइकल सीखने का प्रयास अपने ही हमउम्र के दोस्तों के साथ करते रहे हैं। कैरियर को 2-3 बच्चे पकड़ते थे व सीट पर बैठा सवार (बच्चा) हैंडिल को अच्छे से पकड़े रहने के साथ साइकल सीखने का प्रयास करता था तथा साथ ही साथ वह कहता जाता था कि कैरियर को छोड़ना नहीं, नहीं तो मैं गिर जाऊंगा/जाऊंगी।

लेकिन कैरियर पकड़े रखने वाले साथीगण साइकल की गति थोड़ी ज्यादा होने पर उसे छोड़ देते थे। इस प्रकार किशोरावस्था का लड़का या लड़की थोड़ा गिरते-पड़ते व धूल झाड़कर उठ खड़े होते साइकल चलाना सीख जाते थे। साइकल चलाने से एक्सरसाइज भी होती थी।

हाँ, फिर आना तुम मेरे प्रिय बचपन!
मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा ताउम्र!!
राह तक रहा हूँ मैं!!!जब कभी भी हमें अपने बचपन की याद आती है तो कुछ बातों को याद करके हम हर्षित होते हैं, तो कुछ बातों को लेकर अश्रुधारा बहने लगती है। हम यादों के समंदर में डूबकर भावनाओं के अतिरेक में खो जाते हैं। भाव-विभोर व भावुक होने पर कई बार हमारा मन भीग-सा जाता है।

हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और ‍खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और ‍चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है।


वो सपने सुहाने ...

छुटपन में धूल-गारे में खेलना, मिट्टी मुंह पर लगाना, मिट्टी खाना किसे नहीं याद है? और किसे यह याद नहीं है कि इसके बाद मां की प्यारभरी डांट-फटकार व रुंआसे होने पर मां का प्यारभरा स्पर्श! इन शैतानीभरी बातों से लबरेज है सारा बचपन।


तोतली व भोली भाषा

बच्चों की तोतली व भोली भाषा सबको लुभाती है। बड़े भी इसकी ही अपेक्षा करते हैं। रेलगाड़ी को 'लेलगाली' व गाड़ी को 'दाड़ी' या 'दाली' सुनकर किसका मन चहक नहीं उठता है? बड़े भी बच्चे के सुर में सुर मिलाकर तोतली भाषा में बात करके अपना मन बहलाते हैं।

जो नटखट नहीं किया, वो बचपन क्या जीया?

जिस किसी ने भी अपने बचपन में शरारत या नटखट नहीं की, उसने भी अपने बचपन को क्या खाक जीया होगा, क्योंकि 'बचपन का दूसरा नाम' नटखट ही होता है। शोर व उधम मचाते, चिल्लाते बच्चे सबको लुभाते हैं तथा हम सभी को भी अपने बचपन की सहसा याद हो आती है।

वो पापा का साइकल पर घुमाना...

हम में अधिकतर अपने बचपन में पापा द्वारा साइकल पर घुमाया जाना कभी नहीं भूल सकते। जैसे ही पापा ऑफिस जाने के लिए निकलते हैं, तब हम भी पापा के साथ जाने को मचल उठते हैं, तब पापा भी लाड़ में आकर अपने लाड़ले-लाड़लियों को साइकल पर घुमा देते थे। आज बाइक व कार के जमाने में वो 'साइकल वाली' यादों का झरोखा अब कहां?

साइकलिंग

थोड़े बड़े होने पर बच्चे साइकल सीखने का प्रयास अपने ही हमउम्र के दोस्तों के साथ करते रहे हैं। कैरियर को 2-3 बच्चे पकड़ते थे व सीट पर बैठा सवार (बच्चा) हैंडिल को अच्छे से पकड़े रहने के साथ साइकल सीखने का प्रयास करता था तथा साथ ही साथ वह कहता जाता था कि कैरियर को छोड़ना नहीं, नहीं तो मैं गिर जाऊंगा/जाऊंगी।

लेकिन कैरियर पकड़े रखने वाले साथीगण साइकल की गति थोड़ी ज्यादा होने पर उसे छोड़ देते थे। इस प्रकार किशोरावस्था का लड़का या लड़की थोड़ा गिरते-पड़ते व धूल झाड़कर उठ खड़े होते साइकल चलाना सीख जाते थे। साइकल चलाने से एक्सरसाइज भी होती थी।

हाँ, फिर आना तुम मेरे प्रिय बचपन!
मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा ताउम्र!!
राह तक रहा हूँ मैं!!! bachpan ke din

Nidhi raj

बचपन और माँ  हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और ‍खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और ‍चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है #BachpanAurMaa #love #quotes #shyari

Mahesh Vishnoi

जिसने भी जिंदगी को खामोसी से जीया है उसने जिंदगी नहीं अपनी जिद्द को जीया है कुमार महेश 'माही' जोधपुर

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 जिसने भी जिंदगी को खामोसी से जीया है 
उसने जिंदगी नहीं अपनी जिद्द को जीया है 
कुमार महेश 'माही'
जोधपुर

Rinku Knojiya

I miss you चाहत से I care you जान

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तुम बिन जीया जाए कैसे कैसे जीया जाए तुम बिन सदियों से लबी है रातें सदियों से लबें हुए दिन आजा लोत कर तुम ये दिल कह रहा है आजा लोत कर तुम ये दिल कह रहा है I miss you चाहत से I care you जान

Raghvendra Tomar

जिंदिगी तुझसे हर कदम पर #समझोता #क्यूँ #किया #जाए #शौख जीने का है #मगर इतना भी #नही की #मर #मर के #जीया #जाए

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 जिंदिगी तुझसे हर कदम पर
#समझोता #क्यूँ #किया #जाए
#शौख जीने का है #मगर इतना भी
#नही की #मर #मर के #जीया #जाए

आयुष पंचोली

जिसने जो जीया ,वो उसने ही जीया, कौन जानता हैं गम किसने कितना पीया। जिसकी कहानी सुनी दुनिया ने औरो की जुबानी, असल मायनो मे तो हैं वो ही जीया। अपनी तारीफ़ खुद ही करते हो मेरे यार, बताओ जरा ऐसा कौन हैं, जो अपनी ही नजरों मे महान नही हुआ। आयुष पंचोली #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan

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जिसने जो जीया ,वो उसने ही जीया,
कौन जानता हैं गम किसने कितना पीया।
जिसकी कहानी सुनी दुनिया ने औरो की जुबानी,
असल मायनो मे तो हैं वो ही जीया।
अपनी तारीफ़ खुद ही करते हो मेरे यार,
बताओ जरा ऐसा कौन हैं, जो अपनी ही नजरों मे महान नही हुआ।

आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi
 #NojotoQuote जिसने जो जीया ,वो उसने ही जीया,
कौन जानता हैं गम किसने कितना पीया।
जिसकी कहानी सुनी दुनिया ने औरो की जुबानी,
असल मायनो मे तो हैं वो ही जीया।
अपनी तारीफ़ खुद ही करते हो मेरे यार,
बताओ जरा ऐसा कौन हैं, जो अपनी ही नजरों मे महान नही हुआ।

आयुष पंचोली

सौरभ सिंह गिर्दाब

जी भरकर भी जीया हमने, 
अश्को को भी पीया हमने, 
तुम लाख बुलंदी को पाओ,
फुटपाथ पे खुल जीया हमने, 

रोटी के खातिर सड़कों पर रिक्शों को डटते देखा है, 
दुश्मन संग मिलकर भाई को आपस मे कटते देखा है, 
देखा है हमने उनको,  जिनको ना सत्कार मिला
चौक मुहल्ले फिरते देखा पर थोड़ा ना प्यार मिला

मिला तुम्हे दौलत और शोहरत, हमको ना अधिकार मिला, 
बाग तुम्हारे गुलशन के, क्यों कांटो का मुझे हार मिला 
न्याय व्यवस्था आपके खातिर, संरक्षण अधिकार मिला, 
जो हक की हम बात करें तो क्षणभर मे ही तिहाड़ मिला

                             #गिर्दाब #NojotoQuote #गिर्दाब

खामोशी और दस्तक

wordflower my yq प्रोफाइल से लिया #जिया #जीया #Nojoto #हिन्दी Photo #nojotophoto

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 wordflower my yq प्रोफाइल से लिया 
#जिया #जीया #nojoto #हिन्दी #NojotoPhoto


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