Best ब्रजभाषा Shayari, Status, Quotes, Stories

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Divyanshu Pathak

सावन गरजै झर करै ,
भादों गरजै जाय।
जो कोउ गरजै क्वार में
दरिया करि करि जाय।  #पाठकपुराण #yqdidi #yqhindi
#cinemagraph   #ब्रजभाषा

Divyanshu Pathak

हमारी मातृभाषा की मिठास के कुछ नमूने पेश करता हूँ----- : 1. कोई मित्र सुबह से कुछ लेने के लिए ख़ूब प्रयास कर रहा हो पर उसका काम न बने तो उसको ताने मारते हुए ----- 'मिल गए पेड़े"और लेगा 😁😁😁😁😝😝😝 2. झां घिंलोंटे लेवे आओ 😁😁😁😝😝🙄🙄🙄🙄 3. दो लोगों में झगड़ा हो जाए एक दूसरे को पीट दे तो तीसरा---- 😁 है गई पूजा 😝😝😝 उतर गई आरती।🙄🙄😁 4. अगर ट्रैफिक चालान हो जाये तो साथी मज़ाक उड़ाते हुए....

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माँ के दूध की मिठास में घुलकर जो ध्वनियां दिल तक पहुँचती हैं ना वही तो हमारी मातृभाषा होती है। हमारी मातृभाषा की मिठास के कुछ नमूने पेश करता हूँ-----
:
1. कोई मित्र सुबह से कुछ लेने के लिए ख़ूब प्रयास कर रहा हो पर उसका काम न बने तो उसको ताने मारते हुए -----
'मिल गए पेड़े"और लेगा 😁😁😁😁😝😝😝 
2. झां घिंलोंटे लेवे आओ 😁😁😁😝😝🙄🙄🙄🙄
3. दो लोगों में झगड़ा हो जाए एक दूसरे को पीट दे तो तीसरा----
😁 है गई पूजा 😝😝😝 उतर गई आरती।🙄🙄😁
4. अगर ट्रैफिक चालान हो जाये तो साथी मज़ाक उड़ाते हुए....

Divyanshu Pathak

💕😊मातृभाषादिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आपको । घर में बने हुए भोजन का स्वाद बहुत ख़ास होता है ना ठीक उतनी ही ख़ासियत अपनी मातृभाषा की होती है।एक अलग तरह का ही आनंद मिलता है । और इसका एहसास तब होता है जब आप अपने गृहनगर या राज्य से बाहर हों और अचानक कोई आपकी बोली बोलता दिख जाए । 💕😊 : मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के मध्य में एक छोटा सा राजस्थान का टुकड़ा मेरे गृहजिले का है । यहां की भाषा और बोलियां मिश्रित हैं ...हल्की सी बुंदेली थोडी सी राजस्थानी और पूरी तरह ब्रजभाषा के मेल से हमारी बोली में एक अलग ही मिठ

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फ़ागुन कौ मतवारो मौसम
मन में पँख लगाइ रह्यो है
कितनी दूर रहै तू छोरी
तुझको आज बुलाय रह्यौ है !

जबसे सुनि लई तेरी बोली
मन मेरौ कटराय रह्यौ है !
तेइ मोटी मोटी आँख को भौंरा
मेरी धुक धुक को खटकाय रह्यौ है !

बंसी वारे अब का होगो
कछु मेरी समझ न आइ रह्यौ है
तू राधा कौ तेरी राधे
कछु ऐसौ ही मोय भाय गयौ है ! 💕😊#मातृभाषादिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आपको ।
घर में बने हुए भोजन का स्वाद बहुत ख़ास होता है ना ठीक उतनी ही ख़ासियत अपनी मातृभाषा की होती है।एक अलग तरह का ही आनंद मिलता है । और इसका एहसास तब होता है जब आप अपने गृहनगर या राज्य से बाहर हों और अचानक कोई आपकी बोली बोलता दिख जाए ।
💕😊
:
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के मध्य में एक छोटा सा राजस्थान का टुकड़ा मेरे गृहजिले का है ।
यहां की भाषा और बोलियां मिश्रित हैं ...हल्की सी बुंदेली थोडी सी राजस्थानी और पूरी तरह ब्रजभाषा के मेल से हमारी बोली में एक अलग ही मिठ
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