#Book ऐ इश्क रूहे बेताब को जीने की वजाहत देदे,या फिर जिस्त ए फिराक में रहने की इनायत देदे/१
या खुदा नबीना चश्म में बिनाई की अलामत देदे,
देखे है जो गुजिश्ता ख्वाब उन्हें पाने की शुजाअत देदे//२
ऐ गमें फिराक,अब इस गम से फ़राग़त देदे,या फिर वस्ले मसर्रत में रिफाकत देदे//३
बाद मुद्दत के जो अता हुई वही आस है हयात #Like#writersofindia#gazal#nazam#urdupowtry#shamawritesBebaak