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थक गई होगी तू हमें ढोते ढोते, ज़िन्दगी आ ! हम तुझे

थक गई होगी तू हमें ढोते ढोते, ज़िन्दगी आ ! हम तुझे गले लगा ले,
तू ज़रा आग़ोश में तो आ एक बार  ,हम  तुझे बाहों का हार पहना दें,

अगर  ग़म    दिए    हैं   तूने   ए   ज़िन्दगी ,तो खुशियाँ भी  तो दी हैं,
उन   ख़ुशियों  के  बदले   ही सही ,आज हम तेरी पीठ थपथपा  दें,

अहसान   तो    तेरा    ही   रहेगा    हम   पर ,जो तूने हमें साँसे दी हैं,
चल   कस    के   दें तुझे  एक  जादू की झप्पी, सारे शिकवे मिटा दें,

तेरे होने से  अस्तित्व  है इस जिस्म का ,जो तेरे दम पर चलता है,
इस जिस्म में एक दिल भी है ,चल उस पर भी एक नया रंग चढा दें ,

तू जो दे  अगर    इज़ाज़त ,  तो   चल  दोनों  उड़ जाएं ऊँचे गगन में,
उन   सितारों   के  बीच जाकर ,एक खूबसूरत सा आशियाँ बना ले।।
                                                    -पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #ज़िन्दगी_आ_तुझे_गले_से_लगा_लूँ  -hardik Mahajan Kamlesh Kandpal भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Bhavana kmishra Badal Singh Kalamgar  Bhardwaj Only Budana HINDI SAHITYA SAGAR Mahi Poonam Suyal Payal Das  Margoob Ansari Payal Das खामोशी और दस्तक Saloni Khanna Deep  Anshu writer मनोज मानव Deep Sita Prasad Puja Udeshi  Ambika Mallik दिनेश कुशभुवनपुरी Mili Saha पथिक.. Noor Hindustanai  Raj Guru. R K Mishra " सूर्य " एक अजनबी  Urvashi Kapoor Rakesh Srivastava Gyanendra Pandey अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Sunita Pathania  Aditya kumar prasad Sethi Ji ANIL KUMAR,) Lalit Saxena RUPENDRA SAHU "रूप"  Neel Anil Ray Kirti Pandey हिमांशु Kulshreshtha डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)