//इज़्ज़त की ख़ातिर// ************** इज़्ज़त की ख़ातिर एक बाप ने, अपना फर्ज कुछ यूँ अदा किया। खर्च कर जीवन की सारी कमाई, दहेज के साथ बेटी को विदा किया। अहंकार तो देखो दहेज के दानवों का, यातनाएं देने लगे बेटी को। तानों में कोसने लगे दहेज के लिए, भर कर लाने पेटी को। देख के अपनी बेटी का दुःख दर्द, बाप का दिल पसीज गया। बेटी की नई गृहस्थी की ख़ातिर, उसके ससुराल फटी कमीज गया। हाथ जोड़कर विनती की, अपना खस्ता हाल बताया उन दानवों को। कहाँ फर्क पड़ने वाला था, उन दहेज के लोभी मानवों को। आख़िर बाप रोते बिलखते नंगे पाँव ही, अपने घर लौट गया। और बेटी को अपने घर की चाबी, वो जाते जाते सौंप गया। लाख मना किया बेटी ने, पर बाप ने उसको अपनी कसम दे दी। और अपनी आख़िरी उम्मीदों से, अपनी बेटी फिर विदा कर दी। कब तक यूँ सब कुछ बेच, एक मजबूर बाप अपना फर्ज अदा करेगा। अपनी इज़्ज़त की ख़ातिर, दहेज के साथ कब तक बेटी को विदा करेगा। इज़्ज़त की ख़ातिर (#kkइज़्ज़तकीख़ातिर) 22 अप्रैल 2021 ************************************* Pic Credit :- Pinterest इज़्ज़त की ख़ातिर एक बाप ने, अपना फर्ज कुछ यूँ अदा किया। खर्च कर जीवन की सारी कमाई, दहेज के साथ बेटी को विदा किया।