Nojoto: Largest Storytelling Platform

जमाना बाद तेरे शहर आया था एक नाउम्मीदी थी कि कोई क

जमाना बाद तेरे शहर आया था
एक नाउम्मीदी थी कि कोई कहां मिलेगा
फिर भी उम्मीद शायद मिल जाये
बस इसी सोच के साथ पहले स्टेशन
फिर मोहल्ले फिर गली और अंत मे दरवाजे
और फिर उस खिड़की पर अटक गया था
कोई नही था  
फिर भी लगा थोड़ा इंतज़ार कर लेते है
क्या लगा है इतने सालों बाद आये है
शायद मिल ही जाए लेकिन नही
फिर अपने दोस्त के घर चला गया
सब अपने घर परिवार की बात
लेकिन फिर कहानी वही अटकी थी
क्यो लगता है बार बार 
शाम हो गयी दिल लग नही रहा था
शाम के वक्त फिर उसी गली
वी नही तो उसकी खबर ही मिल जाती
कहा है कैसी है
आखिर मुझे इतने दिनों बाद फिर से क्यों
छोड़ो  और उसको ही सोचता
छोड़ आया था शहर
और पूरी वापसी के दौरान साथ थी मेरी
और मेरे साथ बाते करती रही
शिकायत तुमसे आया था मिलने मिली नही
वादा फिर आऊंगा तुमसे पूछकर
आखिरी बार की तरह हाथ हिलाती
छोड़ गई थी मुझे और मैं उसे

©ranjit Kumar rathour
  तेरे गली से गुजरा था
#मिली न तुम

तेरे गली से गुजरा था #मिली न तुम #शायरी

460 Views