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लोरी वो माँ की लोरी सुनते हुए सो जाना। वो मीठी नीं

लोरी वो माँ की लोरी सुनते हुए सो जाना।
वो मीठी नींद मे खो जाना।
हर पल हसीन था बचपन वाला
गुनाह हो गया जैसे बड़ा हो जाना। Satya Prakash Upadhyay VIREN aman6.1 Arsh Baljit Singh
लोरी वो माँ की लोरी सुनते हुए सो जाना।
वो मीठी नींद मे खो जाना।
हर पल हसीन था बचपन वाला
गुनाह हो गया जैसे बड़ा हो जाना। Satya Prakash Upadhyay VIREN aman6.1 Arsh Baljit Singh