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वो शाम भी अज़ीब थी, वो रात भी अज़ीब थी, उसकी विदाई क

वो शाम भी अज़ीब थी,
वो रात भी अज़ीब थी,
उसकी विदाई की,
घड़ी जब क़रीब थी।
😭😭😭

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #Love 
वो शाम भी अज़ीब थी,
वो रात भी अज़ीब थी,
उसकी विदाई की, 
घड़ी जब क़रीब थी।
😭😭😭
#विदाई  #जुदाई  #दर्द  #हिंदी  #Hindi  #hindi_poetry  #hindisahityasagar  #poem  #Shayari

Love वो शाम भी अज़ीब थी, वो रात भी अज़ीब थी, उसकी विदाई की, घड़ी जब क़रीब थी। 😭😭😭 #विदाई #जुदाई #दर्द #हिंदी #Hindi #hindi_poetry #hindisahityasagar #poem Shayari #शायरी

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