नितेश (नीति) #ग़ज़ल# मिला हमें यह "नितेश" नाम मम्मी पापा के मुँह से, लेकिन उस पर खरा उतरा में मेरी नीति से। नीति से चलना आसान नहीं होता, लेकिन मैं संभाल के चला इसे मेरे संस्कार से। मिलता नहीं है सच की राह पर साथ किसी का भी, लेकिन मैं चला हमेंशा इसी राह पर मेरे मन के विश्वास से। ना हारा किसी से, ना डरा किसी से, कितनी बार गिरा लेकिन फिर से उठा मैं मेरे विचारों से। हौसला है मेरा बुलंद, विश्वास भी है मन में, चलू मैं नीति का दामन थामे अपने वज़ूद से। फैलाता हूंँ संदेश नीति का अपने शब्दों से, शायद कोई पढ़ ले और छोड़ दे यह अनीति हमेंशा से। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-2 #प्रतिरूप #kkप्रतिरूप #कोराकाग़ज़प्रतिरूप #प्रतिरूपग़ज़ल #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़