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हमे ये झूठा इश्क भी उससे निभाना पड़ता है वो जैसा

हमे ये झूठा इश्क भी उससे निभाना पड़ता है 

वो जैसा चाहता है हो जाना पड़ता है

याद उसकी हर वक्त मेरे जेहन पे उतरी रहती है

लेकिन उसके कह देने से उसका हिज्र निभाना पड़ता है


विनीत मित्तल

©AWARA PARINDA
  #hizr