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रात खाबों में तू आई ही क्यूँ जब तुझे साथ में ना रह

रात खाबों में तू आई ही क्यूँ
जब तुझे साथ में ना रहना था
दिल में मेरे तू समाई ही क्यूँ
धोका तूने साथ मेरे करना था
जिंदगी मेरी इक खता कर गई
रुसवाई की जगह वफ़ा कर गई
तुझसे नहीं मुझे प्यार करना था
रात खाबों में तू आई ही क्यूँ
जब तुझे साथ में ना रहना था

©Brijendra Singh
  रात खाबों में

रात खाबों में #शायरी

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