लालच ~~~~~~~ बुरी बला लालच बने, जब जब मन ललचाय। फँसता है नर लोभ में, बला हाथ में आय।। लालच में सब ही मरें, घट सत नीयत नीति। और मरा विश्वास भी, चली गई फिर प्रीति।। फँसे मनुज जब लोभ में, तृष्णा चलती चाल। सदा हाय-तौबा मचे, बनता मनुज दलाल।। चिकनी चुपड़ी बात कर, मतलब साधे लोग। ध्येय सधे जब लोभ का, भला बताते योग।। बचकर रहना लोभ से, हर लेता यह शुद्धि। बीज नाश के डालता, चले अधोमुख बुद्धि।। #लालच #लालच_बुरी_बला #दोहा #दोहे #restzone #glal #yqdidi #rzलेखकसमूह