122 122 122 12 मुझे उम्र लंबी नहीं चाहिए क़ज़ा भी तो जल्दी नहीं चाहिए हैं ख़्वाहिश बहुत सारी मेरी ख़ुदा मुझे तेरी मर्ज़ी नहीं चाहिए कमाना है महनत से पैसा बहुत ज़रा सी भी हानी नहीं चाहिए चुरा ले गए तिफ़्ल का बचपना उन्हें ज़ीस्त ऐसी नहीं चाहिए मुझे मासुमों को बचाना है अब ज़रा भी दलाली नहीं चाहिए मुहब्बत "सफ़र" तेरे बस की नहीं तिरे सा ख़्याली नहीं चाहिए ग़ज़ल 26/2022 #सफ़र_ए_प्रेरित #शेर #शायरी #yqbaba #yqdidi #philosophy #midnightthoughts #gazal ashish malik ᕼα𝐲Ã卂t uSM𝓐Ⓝ