वो वादो का भी सौदा करने पर उतारू था उसके लिए तो जैसे हरेक रिश्ता बाजारू था ख्वाबों का सौदा करने का ही उसे गहरा चस्का है ऊंच-नीच सब समझता है सौदागर भी पक्का है वो जानबूझकर हर बार मुझे ही नजरंदाज करता है झगड़े का इल्ज़ाम बड़ी सफाई से मुझी पर रखता है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla सौदागर वंदना ....