//बढ़ते अत्याचार// ************ खूब करो तुम आदर सत्कार, पर बदलो थोड़े अपने विचार। जहाँ जरूरत विरोध भी करो, नहीं तो बढ़ते है अत्याचार। अत्याचार करना और सहना, दोनों है मुख्य गुनाहगार। जो करता है अत्याचार, उसके मन में होता मानसिक विकार। कर लो प्रण तुम आज से ही, नही करोगे/सहोगे अत्याचार। जो किया किसी ने ऐसा, उसको भेजोगे सलाख़ों के पार। मानव जीवन बड़ा ही दुर्लभ, मिलता करोड़ों योनि में एक बार। त्याग, तपस्या, प्रेम भाव से, मिलकर बनाओ सुखद संसार। मानव ही मानव का साथी, मानव करे मानव से प्यार। अनुभूति ये सबसे प्यारी, मिलती किस्मत से एक बार। बढ़ते अत्याचार (#kkबढ़तेअत्याचार) 24 अप्रैल 2021 ********************************** Pic Credit :- Pinterest खूब करो तुम आदर सत्कार, पर बदलो थोड़े अपने विचार। जहाँ जरूरत विरोध भी करो, नहीं तो बढ़ते है अत्याचार।