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किसी भी तौर से अब ये किस्सा खत्म हो जाए मैं मरने


किसी भी तौर से अब ये किस्सा खत्म हो जाए
मैं मरने वाला हूँ तो ये कहानी खत्म हो जाए
मेरी आँखों में आँसू देने वाले मेरी बद्दुआ सुन ले
तू खुश रह जा तेरी आँखों का पानी खत्म हो जाए

बड़ा अच्छा था मेरा महफ़िल बताने आए है
कितने अजनबी लोग है मेरी लाश उठाने आए है
अंधेरे खामोशी से आए है यानी मुमकिन है 
दीये की मैय्यत पर अपने अश्क़ बहाने आए है
मेरे घाव सही हो जाए अजनबी में हुनर नही
अपनों के हाथ लगे है तब ये जख्म ठिकाने आए है
पछतावा, गुज़ारिश,अजनबी सब पास तो है पर मेरे नही
ये सब हिज्र के मारे है बस मन बहलाने आए है

जरा सी एक गुज़ारिश है किसी सूरत पर मर जाते
अगर बस साँस ली होती तो इस आदत से मर जाते
अदावत,बेरुखी,तंजो,मजम्मत आजमाए सब
मोहब्बत आजमाता तो हम हैरत से मर जाते
गई शब ख्वाब में आकर जहर लेने ही वाला था
अगर वो सिसकी न लेता तो इस आदत से मर जाते
ये दुनिया और इसका किस्सा ने ज़िंदा रखा वरना
अजनबी के गली में हम फुरसत से मर जाते
मोहब्बत में पछतावा हुआ तो ये ख्याल आया 
यहाँ भी बच गए होते अगर तो सोहरत से मर जाते

अंधेरे में गढ़ते थे परछाई कमाल के
बेरूप,रंग के थे परछाई कमाल के
मैं उसको भूलने की गुज़ारिश करू
पर उसके महफ़िल ने खत रखे है संभाल के
लहरों से जीतने का गुमान है तुम्हे
उम्र गुज़र गई है यहाँ दरिया को पाल के
कल अजनबी से मिल के इतनी खुशी हुई 
आँसू निकलने लगे मेरे रुमाल के " लुट गए मोहब्बत पर जान देने वाले
मर मिटे मोहब्बत पर कुर्बान होने वाले 
दिल ए महफ़िल तो आबाद थी इश्क़ के जुनून से
फिर ऐसा क्या हुआ कि वस्ल की रात, आखिरी रात हुई ।। "

Day _ 8     प्रतियोगिता _"हम लिखते रहेंगे "

Team . 17 __" साहित्य संजीवनी "

किसी भी तौर से अब ये किस्सा खत्म हो जाए
मैं मरने वाला हूँ तो ये कहानी खत्म हो जाए
मेरी आँखों में आँसू देने वाले मेरी बद्दुआ सुन ले
तू खुश रह जा तेरी आँखों का पानी खत्म हो जाए

बड़ा अच्छा था मेरा महफ़िल बताने आए है
कितने अजनबी लोग है मेरी लाश उठाने आए है
अंधेरे खामोशी से आए है यानी मुमकिन है 
दीये की मैय्यत पर अपने अश्क़ बहाने आए है
मेरे घाव सही हो जाए अजनबी में हुनर नही
अपनों के हाथ लगे है तब ये जख्म ठिकाने आए है
पछतावा, गुज़ारिश,अजनबी सब पास तो है पर मेरे नही
ये सब हिज्र के मारे है बस मन बहलाने आए है

जरा सी एक गुज़ारिश है किसी सूरत पर मर जाते
अगर बस साँस ली होती तो इस आदत से मर जाते
अदावत,बेरुखी,तंजो,मजम्मत आजमाए सब
मोहब्बत आजमाता तो हम हैरत से मर जाते
गई शब ख्वाब में आकर जहर लेने ही वाला था
अगर वो सिसकी न लेता तो इस आदत से मर जाते
ये दुनिया और इसका किस्सा ने ज़िंदा रखा वरना
अजनबी के गली में हम फुरसत से मर जाते
मोहब्बत में पछतावा हुआ तो ये ख्याल आया 
यहाँ भी बच गए होते अगर तो सोहरत से मर जाते

अंधेरे में गढ़ते थे परछाई कमाल के
बेरूप,रंग के थे परछाई कमाल के
मैं उसको भूलने की गुज़ारिश करू
पर उसके महफ़िल ने खत रखे है संभाल के
लहरों से जीतने का गुमान है तुम्हे
उम्र गुज़र गई है यहाँ दरिया को पाल के
कल अजनबी से मिल के इतनी खुशी हुई 
आँसू निकलने लगे मेरे रुमाल के " लुट गए मोहब्बत पर जान देने वाले
मर मिटे मोहब्बत पर कुर्बान होने वाले 
दिल ए महफ़िल तो आबाद थी इश्क़ के जुनून से
फिर ऐसा क्या हुआ कि वस्ल की रात, आखिरी रात हुई ।। "

Day _ 8     प्रतियोगिता _"हम लिखते रहेंगे "

Team . 17 __" साहित्य संजीवनी "

" लुट गए मोहब्बत पर जान देने वाले मर मिटे मोहब्बत पर कुर्बान होने वाले दिल ए महफ़िल तो आबाद थी इश्क़ के जुनून से फिर ऐसा क्या हुआ कि वस्ल की रात, आखिरी रात हुई ।। " Day _ 8 प्रतियोगिता _"हम लिखते रहेंगे " Team . 17 __" साहित्य संजीवनी " #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqlove #कोराकाग़ज़ #हमलिखतेरहेंगे #collabwithकोराकाग़ज़ #साहित्य_संजीवनी